जानें कैसे अंगूठे के दर्द में कारगर है होम्योपैथिक उपचार

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    अंगूठे में दर्द लिगामेंट में अत्यधिक खिंचाव के कारण उत्पन्न हो सकता है या किसी चोट की वजह से भी अंगूठे या हाथ में दर्द हो सकता है। यह दर्द तेज़ भी हो सकता है और हल्का भी। लेकिन दर्द कैसा भी हो उसका तुरंत उपचार करना बहुत ज़रूरी है।
    उपचार की बात करें तो यह माना जाता कि होम्योपैथिक उपचार हाछ या अंगूठे में दर्द, मोच या चोट जैसी दिक्कतों के लिए कारगर नहीं है। क्योंकि होम्योपैथिक औषधियां अपना असर जल्दी नहीं दिखातीं। ऐसा माना जाता है कि होम्योपैथिक उपचार महज़ सर्दी, जुकाम और पाचन संबंधी सामान्य समस्याओं में ही कारगर है।लेकिन असल में यह धारणा गलत है। होमेयोपैथिक उपचार न केवल आम मोच बल्कि गंभीर मोच को भी ठीक कर सकता है। यह दर्द को कम करने के साथ-साथ है उसके कारण आई सूजन से भी आपको निजात दिलाता है। टूटे हुए लिगामेंट को ठीक करता है। इसके लिए आपको हर्बल दवाइयों का सेवन करने को कहा जाता है।

    अंगूठे में दर्द का होम्योपैथिक इलाज संबंधी जड़ी-बूटियां

    अंगूठे में दर्द का होम्योपैथिक इलाज संबंधी जड़ी-बूटियां

    आमतौर पर होम्योपैथिक दवाएं फूलों वाले पौधों से बनाई जाती हैं। अंगूठे में दर्द में निम्न हर्ब्स फायदेमंद साबित हो सकते हैं:

    • बेल्लिस (Bellis perennis): इसकी फूल, पत्तियों और जड़ों को मोच, चोट या मांसपेशियों में खिंचाव संबंधी समस्याओं के उपचार में उपयोग किया जाता है। इसके कई हिस्सों को खाने की चीज़ों में भी इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए इसकी कलियों, पंखुड़ियों और पत्तियों से चाय बनाई जाती है। इसके फूल को उबालकर सूप भी बनाया जाता है। अंगूठे में दर्द लगने पर बेल्लिस के फूल को एक कप पानी में उबाल लें। अब उसमें सूती कपड़ा भिगोकर मोच वाली जगह पर लगाकर सिंकाई करें।
    • अर्निका (Arnica): अर्निका को मोच, चोट, अकड़न, ऐंठन, सूजन और मांसपेशियों, टेंडन व लिगामेंट में खिंचाव संबंधी समस्याओं के उपचार में उपयोग किया जाता है। आप मोच वाली जगह पर अर्निका से बनी क्रीम या जेल लगा सकते हैं। इससे मोच की सूजन व दर्द से निजात मिलेगा।
    • नागदमनी (Crinum Asiaticum): नागदमनी की पत्तियों और जड़ों का इस्तेमाल जोड़ों के आस-पास नरम उतकों, लिगामेंट और टेंडन में तनाव, खिंचाव और चोट के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं। इस कारण यह सूजन दूर करने में मदद करता है।
    • ब्रायोनिया (Bryonia): इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब अर्निका अपना असर नहीं दिखाती। इसकी जड़ों को मोच या चोट के उपचार में उपयोग किया जाता है।
    • मार्श टी (Marsh Labrador Tea): मार्श टी मोच में आई सूजन ,दर्द व ऐंठन को दूर करने में मदद करती है। इसकी फूल और पत्तियों को चाय बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चाय बनाने के लिए इसकी पत्तियों या फूल को पानी में 5 मिनट के लिए उबालें। इसे तब तक उबालें जब तक कि इसका रंग हल्का नारंगी न हो जाए। मोच में इसके सेवन से आपको दर्द व सूजन से राहत मिलेगी।
    • रुटा (Ruta): यह टेंडन, टूटे हुए लिगामेंट और अन्य चोटों के उपचार में उपयोग किया जाता है। तीव्र मोच की स्थिति में अंगूठे के टूटे हुए लिगामेंट के उपचार में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
    • वाइट विलो (Salix alba): वाइट विलो की छाल का इस्तेमाल दर्द दूर करने के लिए किया जाता है। यह एसपिरिन की तरह ही काम करता है लेकिन यह पूरी तरह प्राकृतिक है। ऐसा माना जाता है कि शरीर के किसी अंग पर इसके कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ते।
    • पॉइज़न आइवी (Poison Ivy): यह सूजन, ऐंठन व दर्द को दूर करने में मदद करता है इसलिए अंगूठे में दर्द के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि भी करता है।

    अंगूठे में दर्द का होम्योपैथिक इलाज संबंधी सावधानी

    किसी भी होम्योपैथिक दवाई या जड़ी-बूटी का सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें क्योंकि इन्हें बहुत सीमित मात्रा में लिया जाता है।

    जहां कई चिकित्सा विशेषज्ञ होम्योपैथिक इलाज को बेहद कारगर मानते हैं वहीं दूसरी ओर कई विशेषज्ञों का दावा है कि होम्योपैथिक उपचार अधिक प्रभावी नहीं है। यह अपना असर बहुत धीमी गति से दिखाता है इसलिए किसी भी तरह की इमेरजेंसी के लिए यह उपयुक्त नहीं है।

    डॉ आलिया

    • 7 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ आलिया यूनानी चिकित्सा में स्नातक हैं. इन्हें कंधे के दर्द को ठीक करने में महारत हासिल है. इस विधा में इन्हें करीब 6 साल का अनुभव है. अपने इलाज से डॉ आलिया ने कंधे दर्द जैसे रोगों के लिए देश के हज़ारों मरीजों का सफलता से उपचार किया है.

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