कमर के नीचे का दर्द जड़ से दूर करेगा होम्योपैथी उपचार

होम्योपैथी उपचार से दूर करें कमर के नीचे का दर्द

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    कमर के नीचे का दर्द एक आम समस्या बन गई है। लगभग हर दूसरा-तीसरा व्यक्ति इससे परेशान है। इससे निजात पाने के लिए अधिकतर लोग दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करते हैं। इन दवाइयों से उन्हें कुछ देर के लिए तो आराम मिल जाता है लेकिन समस्या जड़ से खत्म नहीं होती। ऐसे में इसके स्थायी उपचार के रूप में लोग सर्जरी का सहारा लेते हैं। इससे आपको आराम तो मिल जाता है लेकिन अक्सर देखा गया है कि कुछ ही महीनों में इसके लक्षण फिर से उभरने लगते हैं। मगर होम्योपैथिक उपचार कमर के नीचे के दर्द की जड़ पर काम करता है। यह हल्के और तीव्र, छोटी या लंबी अवधि के हर तरह के दर्द से आपको राहत पहुंचाता है। इसमें हर्बल दवाइयों के साथ-साथ फीज़ियोथेरेपी के ज़रिए हड्डियों, मांसपेशियों और लिगामेंट को मज़बूत करने का प्रयास किया जाता है।

    कैसा होता है कमर के नीचे का दर्द का होम्यैथिक इलाज

    कमर में दर्द उठने पर होम्योपैथिक चिकित्सक सबसे पहले आपके शारीरिक और मानसिक इतिहास के बारे में पूछेगा। साथ ही आपकी भावनात्मक स्थिति को भी जानने का प्रयास करेगा। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि समस्या की जड़ का पता लगाया जा सके। इसमें रोग की बजाए रोगी का इलाज किया जाता है। कोशिश की जाती है कि एक बार रोग ठीक होने जाने के बाद दोबारा न हो। इसके लिए आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मज़बूत करने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए दवाइयों के साथ-साथ आपको जीवन शैली में बदलाव और उचित खान पान की सलाह भी दी जाती है।

    कमर के नीचे का दर्द का होम्योपैथी इलाज संबंधी जड़ी-बूटियां

    होम्योपैथिक दवाइयां फूलों वाले पौधों से बनाई जाती हैं। कमर के नीचे का दर्द में निम्न हर्ब फायदेमंद साबित हो सकते हैं:

    • एसकुलस (Aesculus) : आम भाषा में इसे चेस्ट नट भी कहा जाता है। कमर के नीचले हिस्से के दर्द के लिए यह बेहद कारगर औषधि है। आमतौर इसे तब उपयोग में लाया जाता है जब आपको उठते समय तीव्र दर्द हो या दर्द के कारण उठने में कठिनाई हो।
    • अर्निका (Arnica) : यह चोट के कारण आई सूजन, अकड़न, ऐंठन और दर्द से निजात दिलाता है। इसके अलावा लिगामेंट और टेंडन में खिंचाव के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कमर के नीचे की चोट में अर्निका की क्रीम लगाने से आपको दर्द से राहत मिलेगी।
    • ब्रियोनिया (Bryonia) : इस हर्ब का इस्तेमाल तब किया जाता है जब कमर के निचले हिस्से में बहुत तीव्र दर्द हो। आपको चलने, मुद्रा बदलने, यहां तक कि छींकने पर भी दर्द महसूस हो सकता है। ऐसी स्थिति में अर्निका की बजाए ब्रियोनिया अधिक फायदेमंद होती है।
    • नक्स वोमिका (Nux Vomica) : इसे मांसपेशियों में आए खिंचाव के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। इसे ऐसे दर्द में उपयोग किया जाता है जिसमें गर्माहट मिलने से आराम मिलता है। कमर के नीचे इस तरह का दर्द रात में अधिक होता है। दस्त की समस्या में यह दर्द और अधिक बढ़ जाता है।
    • पोइज़न इवी (Poison Ivy) : इसे सूजन, ऐंठन और दर्द से जुड़ी समस्याओं के उपचार में उपयोग किया जाता है। कमर के नीचे के दर्द में इसे तब उपयोग में लाया जाता जब यह दर्द एक जगह पर बैठे रहने से बढ़ जाए जबकि आपको चलने फिरने से आराम मिलता है।

    होम्योपैथी चिकित्सा के फायदे

    होम्योपैथी चिकित्सा का सबसे बड़ा लाभ यही है कि यह रोग को जड़ से ख़त्म करने पर जोर देती है। इसके लिए मरीज़ को हर्बल दवाइयां दी जाती हैं। वो भी बेहद सीमित मात्रा में।

    होमेयोपैथी चिकित्सा के नुकसान

    होम्योपैथी चिकित्सा के नकारात्मक प्रभाव को लेकर विशेषज्ञ आपस में बंटे हुए हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि इसकी हर्बल दवाइयां बीमारी पर कुछ खास असर नहीं दिखातीं क्योंकि इनमें पानी या कोई अन्य तरल पदार्थ मिलाकर इन्हें हल्का किया जाता है। इसके अलावा कुछ दवाइयों में मेटल का उपयोग किया जाता है जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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