कमर के नीचे रहता है दर्द तो अपनाएं यूनानी उपचार

कमर के नीचे रहता है दर्द तो अपनाएं यूनानी उपचार

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    आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अक्सर अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते। खराब जीवन शैली और पौष्टिक आहार का सेवन न करने से शरीर कमज़ोर हो जाता है। इसका असर आपकी रीढ़ की हड्डी पर भी पड़ता है। गलत पोज़ीशन में उठने-बैठने, व्यायाम न करने, धूम्रपान करने और शराब पीने से आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है और आपके शरीर का पॉश्चर बिगड़ सकता है। इसके अलावा भरपूर विटामिन और मिनरल न लेने से भी आपकी हड्डियां और मासपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं। बाहर के डिब्बेबंद और तैलीय खाद्य पदार्थ खाने से आपका वज़न बढ़ जाता है।वज़न बढ़ जाने से अगर पेट और कूल्हों पर अधिक चर्बी जमा हो जाए तो आपकी कमर के निचले हिस्से पर अधिक दबाव पड़ता है और उसमें सूजन और दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है। दर्द की यह समस्या आगे चलकर गठिया, आर्थराइटिस या साइटिका में भी तब्दील हो सकती है।यूनानी इलाज में इन्हीं खराब आदतों में तब्दीली लाने का प्रयास किया जाता है। जीवन शैली और खान पान में आवश्यक बदलाव लाकर आपको कमर के नीचे का दर्द से राहत दिलाने की कोशिश की जाती है।

    कैसा होता है कमर के नीचे का दर्द का यूनानी इलाज

    यूनानी इलाज सबसे ज़्यादा तबीयत पर ही ज़ोर देता है। तबीयत यानि मिज़ाज या सेहत। यूनानी चिकित्सक आपके मिज़ाज और रहन-सहन में तब्दीली लाकर आपकी सेहत में सुधार लाते हैं। यूनानी चिकित्सक का सबसे अधिक ज़ोर आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली में सुधार लाना होता है। इसके लिए रेजीमेंटल थेरेपी (शरीर से विषैल पदार्थ बाहर निकालना), फर्माकोथेरेपी (यूनानी दवाईयां) और डाइटोथेरेपी (आहार) जैसी इलाज की विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है।अगल आपकी कमर के निचले हिस्से में चोट या सूजन है तो उसके लिए आवश्यक हर्बल और घरेलू उपाय किए जाते हैं।

    कमर में सूजन और तीव्र दर्द के उपचार के लिए यूनानी में इन 6 तत्वों पर ध्यान दिया जाता है:

    • हवा
    • भोजन और पेय
    • शारीरिक गतिविधि और आराम
    • मानसिक काम और आराम
    • निद्रा और अनिद्रा
    • धारण करना और त्यागना

    यूनानी जड़ी बूटियां और उनके उपयोग का तरीका

    कमर में किसी भी तरह की चोट, अकड़न, सूजन या दर्द की शिकायत होने पर निम्न जड़ी-बूटियां आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं:

    जंजाबील (अदरक) : अदरक में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं इसलिए यह सूजन व दर्द दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा यह वज़न कम करने, थकान दूर करने और किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने में भी मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी सहायक है जिससे शरीर में खून के थक्के जमा नहीं होते और रक्त प्रवाह बाधित नहीं होता। क्योंकि रक्त का प्रवाह बाधित होने से भी कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या होती है इसलिए इसके सेवन से आपको राहत मिलेगी।
    उपयोग का तरीका : कमर के नीचे दर्द होने पर अदरक वाली चाय पीएं। अदरक की चाय बनाने के लिए अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसे पानी में उबाल लें। 10 मिनट के बाद इसे आंच से उतार लें और छननी से छान लें। अब इसमें चीनी और नींबू का रस मिलाकर पीएं। आप चाहें तो इसमें चीनी की बजाए शहद भी मिला सकते हैं। इससे आपको शहद का भी लाभ मिलेगा।

    अश्वगंधा : इसमें सूजन और दर्द को दूर करने वाले एंटी-इंफ्लामेट्री, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरीयल गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा यह अनिद्रा, थकान और तनाव को दूर करने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है।
    उपयोग का तरीका : बाजार में अश्वगंधा पाउडर, चाय और कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होता है लेकिन इसका सेवन आपको किस रूप में और कितना करना है इसके लिए चिकित्सक से परामर्श लें।

    करनफ़ल (लौंग) : उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपकी हड्डियां और मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं। इससे आपको शरीर के विभिन्न हिस्सों खासकर रीढ़ की हड्डी और जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या होने लगती है। लौंग के एंटी-इंफ्लामेट्री और एंटी-सेप्टिक गुण सूजन और दर्द दूर करने में सहायक हैं।
    उपयोग का तरीका : आप लोंग की चाय पी सकते हैं। इससे आपकी मांसपेशियों का तनाव कम होगा। अगर सर्दी के कारण कमर अकड़ गई है तो उससे भी आराम मिलेगा। इसके अलावा आप नहाने के पानी में लौंग के तेल की 3-4 बूंदें डालकर स्नान कर सकते हैं।

    ताज (दालचीनी) : वज़न बढ़ने और गठिया के कारण भी आपकी कमर के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स नामक एंटी-ऑक्सीडेंट आपका वज़न कम करने में मदद करता है। इसके आलावा इसका एंटी-इंफ्लामेट्री गुण सूजन और दर्द दूर करने में मदद करता है।
    उपयोग का तरीका : नारियल या सरसों के तेल में दालचीनी के तेल की 3-4 बूंदें डालकर उसे हल्का गर्म कर लें। अब इस तेल से दर्द वाली जगह पर मालिश करें। इससे आपको दर्द से राहत मिलेगी।

    कमर के नीचे का दर्द में यूनानी डाइट (डाइटोथेरेपी)

    यूनानी चिकित्सा पद्धति में डाइट का विशेष महत्व है। इसमें डाइट के ज़रिए कमज़ोर हो चुकी मांसपेशियों और हड्डियों को फिर से मज़बूत करने का प्रयास किया जाता है। इसके अलावा उन चीज़ों को खाने से मना किया जाता है जिनसे दर्द या सूजन बढ़ जाने का खतरा रहता है।

    क्या खाएं

    कमर के नीचे का दर्द से निजात पाने के लिए अपने आहार में गेहूं, दालें, जौ, मक्का, बीन्स, पालक, प्याज़, चुकंदर, गाजर, लाल मिर्च, काली मिर्च, इंजीर, आलू, शुद्ध घी, मेथी, शलगम और खजूर को शामिल करें। फलों में आप अंगूर, सेब और पपीता खा सकते हैं। सूखे मेवे में बादाम, पिस्ता और अखरोट का सेवन करें।

    क्या न खाएं

    ऐसे खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें जो वज़न बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार हैं। मोटापे से बचने के लिए डिब्बेबंद और तैलीय खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें। धूम्रपान और शराब से हड्डियां कमज़ोर होती हैं इसलिए उनके सेवन से भी बचें।

    अगर आपको गठिया के कारण कमर के नीचे दर्द हो रहा है तो निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन न करें:

    • दही
    • मक्खन
    • केला
    • अमरूद
    • गोभी
    • बैंगन

    ऊपर बताए गए यूनानी के हर्बल उपाय और डायटोथेरेपी के ज़रिए आप कमर के नीचे का दर्द ठीक कर सकते हैं। लेकिन अगर इनमें से किसी भी उपाय से राहत न मिले तो किसी यूनानी चिकित्सक से जांच अवश्य करवाएं।

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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