अंगूठे के दर्द में बेहद कारगर हैं यूनानी जड़ी-बूटियां

अंगूठे के दर्द में बेहद कारगर हैं यूनानी जड़ी-बूटियां

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    अंगूठे में दर्द होना एक बेहद दर्दनाक स्थिति है जो लिगामेंट में चोट लगने के कारण उत्पन्न होती है। यह चोट अंगूठे के पीछे की ओर सामान्य रेंज से अधिक मुड़ जाने, गिरते वक्त ज़मीन पर अंगूठे को टिका देने या किसी कठोर सतह पर अंगूठे को दबा देने के कारण लग सकती है। अंगूठा पैर का भी हो सकता है हाथ का भी लेकिन अगर इस दर्द को हल्के में लिया जाए तो अंगूठे का दर्द हाथ और पैर का भी दर्द पैदा कर सकता है।

    अंगूठे में दर्द का यूनानी इलाज

    इस इलाज से अंगूठे के क्षतिग्रस्त लिगामेंट को ठीक किया जा सकता है। इसमें टूटे हुए लिगामेंट को बिना ऑपरेशन के हर्बल उपायों (यूनानी जड़ी बूटियों) से ठीक करने का प्रयास किया जाता है। साथ ही डाइटोथेरेपी के अंतर्गत उचित खान पान की सलाह दी जाती है। अंगूठे के क्षतिग्रस्त लिगामेंट को मज़बूत बनाने का प्रयास किया जाता है।

    यूनानी जड़ी बूटियां और उनके उपयोग का तरीका

    यूनानी जड़ी बूटियां और उनके उपयोग का तरीका

    कई यूनानी जड़ी बूटियां अंगूठे में दर्द में फायदेमंद साबित हो सकती हैं। ये जड़ी-बूटियां मोच की सूजन को कम करने में मदद करती हैं।

    • जंजाबील (अदरक): अपने एंटी-इंफ्लामेट्री, एंटी-बेक्टीरीयल और एंटी-फंगल गुणों के कारण यह अंगूठे में दर्द में फायदेमंद है। यह मोच के कारण आई सूजन और दर्द को दूर करने में मदद करता है। यदि मोच के दौरान अंगूठा छिल जाए या मासपेशियां फट जाएं तो उसमें संक्रमण फैलने से भी रोकता है। इसके अलावा इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं।
      उपयोग का तरीका: अंगूठे में दर्द में आप अदरक की चाय पी सकते हैं या मोच वाली जगह पर उसका लेप लगा सकते हैं। चाय बनाने के लिए एक लीटर पानी में ग्रीन टी और अदरक मिलाकर उबाल लें। इसमें शहद और नींबू का रस निचोड़कर पीएं। इससे सूजन और दर्द से निजात मिलेगा। लेप बनाने के लिए अदरक और हल्दी को एक साथ पीस लें और मोच से प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इससे मोच के कारण आई सूजन बढ़ेगी नहीं।
    • आंवला: आंवले में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कोलेजन के निर्माण में मदद करता है। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो कि टूटे हुए लिगामेंट के पुन: निर्माण के लिए ज़रूरी है। अगर अंगूठे में तीव्र मोच की स्थिति में लिगामेंट टूट या फट जाए तो आंवले के सेवन से आपको फायदा होगा।
      उपयोग का तरीका: अपने आहार में आंवले को शामिल करें। इसके लिए आप आंवले का जूस पी सकते हैं या आंवले का मुरब्बा खा सकते हैं।
    • अमलतास: अपने एंटी-इंफ्लामेट्री गुण के कारण अमलतास मोच या चोट के कारण आई सूजन को कम करने में सहायक है। इसके लिए इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं जो कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं। मोच में आप इसके फल और छाल से बना काढ़ा भी पी सकते हैं।
      उपयोग का तरीका: यदि मोच के साथ अंगूठा छिल भी जाए या घाव हो जाए तो उस पर अमलतास की पत्तियों का रस लगाएं। अमलतास का काढ़ा बनाने के लिए अमलतास के फल और छाल को थोड़े से पानी में डालकर उबाल लें। देर तक उबालने के बाद जब यह पानी आधा रह जाए तो इसे आंच से उतार लें। ठंडा करने के बाद इसका सेवन करें।
    • हल्दी: हल्दी में एंटी-इंफ्लामेट्री, एंटी-बैक्टीरीयल और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। इस कारण इसे मोच, अकड़न व चोट से संबंधित समस्याओं के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह सूजन, ऐंठन व दर्द दूर करने में मदद करता है और कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है। एक प्राकृतिक एंटी-सेप्टिक होने के कारण इसे घाव पर या चोट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
      उपयोग का तरीका: गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीएं। इसके अलावा आप मोच वाली जगह पर हल्दी का लेप भी लगा सकते हैं।
    • दालचीनी: दालचीनी सिन्नेमोमम नामक परिवार के पेड़ों की छाल से निकाला जाता है जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं। अपने एंटी-इंफ्लामेट्री और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के कारण यह सूजन कम करने में मदद करता है व कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है। इसके अलावा एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक होने के कारण यह चोट या घाव के कारण शरीर में संक्रमण फैलने से रोकता है। इसके अलावा यह रक्त परिसंचरण में भी मदद करता है जिससे एंठन व अकड़न की समस्या से निजात मिलता है।
      उपयोग का तरीका: गर्म दूध में एक दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पीएं। इससे अकड़न दूर होगी और आपके अंगूठे के जोड़ मज़बूत होंगे। इसके अलावा आप दालचीनी की चाय भी पी सकते हैं। दालचीनी की चाय बनाने के लिए डेढ़ कप पानी में 1 छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर, 1 छोटा चम्मच कुटा या पिसा हुआ अदरक और 1 लोंग मिलाकर उसे 5-10 मिनट के लिए उबाल लें। अब इसमें नींबू का रस निचोड़कर 1 चम्मच शहद मिलाकर पीएं। अंगूठे में दर्द में इसके नियमित सेवन से सूजन व दर्द दूर करने में मदद मिलेगी।

    अंगूठे की चोट में यूनानी डाइट (डाइटोथेरेपी)

    यूनानी चिकित्सा पद्धति में डाइट का विशेष महत्व है। ये डाइट बीमारी के लक्षणों और कारणों के आधार पर तैयार की जाती है।
    अंगूठे में दर्द में क्षतिग्रस्त लिगामेंट को ठीक करने के लिए विटामिन सी, विटामिन डी, प्रोटीन, मेग्नीशियम, कैल्शियम और ज़िक से भरपूर आहार खाने की सलाह दी जाती है।
    विटामिन सी, प्रोटीन और ज़िंक नए ऊतकों के निर्माण में मदद करते हैं जबकि विटामिन डी, मेग्नीशियम और कैल्शिम हड्डियों को मज़बूत करता है। इनके लिए आप दूध और दूध से बनी चीज़ों, सी-फूड, संतरे, आम, मोसंबी, कीनू, नींबू, कीवी जैसे खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

    डॉ आलिया

    • 7 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ आलिया यूनानी चिकित्सा में स्नातक हैं. इन्हें कंधे के दर्द को ठीक करने में महारत हासिल है. इस विधा में इन्हें करीब 6 साल का अनुभव है. अपने इलाज से डॉ आलिया ने कंधे दर्द जैसे रोगों के लिए देश के हज़ारों मरीजों का सफलता से उपचार किया है.

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