योग से दूर करें कमर के नीचे का दर्द

yoga se dur kare kamar ke niche ka dard

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    कमर का निचला हिस्सा बेहद नाज़ुक होता है इसलिए हल्की सी चोट के कारण भी इसमें दर्द उठ सकता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है और तीव्र भी। इसके कारण मामूली भी हो सकते हैं और गंभीर भी। लेकिन योग द्वारा इस दर्द का इलाज संभव है। योग हमारे शरीर को मानसिक और शरीरिक तौर पर स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह कमर में लगी किसी बड़ी चोट या जन्मजात विकारों से उबरने में भी मदद करता है। अगर आप नियमित रूप से कमर के नीचे का दर्द का योग करेंगे तो आपकी कमर की हड्डियां मज़बूत होंगी। किसी आनुवांशिक विकार में भी ये योग फायदेमंद साबित हो सकते हैं। कमर में लगी चोट के बाद अकड़ गई मांसपेशियों को लचीला बनाने के लिए भी योग करना बेहद ज़रूरी है।

    कमर के नीचे के दर्द में आपको निम्न आसन करने से राहत मिलेगी:

    • बालासन (Child Pose)
    • सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supine Spinal Twist Pose)
    • सलंब भुजंगासन (Sphinx Pose)
    • अधोमुख श्वानासन (Downward Facing Dog Pose)
    • उत्तानासन (Standing Forward Bend Pose)
    • मार्जरी आसन (Cat Pose)
    • गोमुखासन (Cow face pose)

    कमर की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है बालासन

    Balasan Ke Fayde

    यह आसन करने से आपकी कमर की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है। इससे कमर, कूल्हों, जांघों और टखनों में तनाव कम होता है। इसके अलावा यह कूल्हे के अतिरिक्त फैट को कम करने और रंक्त परिसंचरण में वृद्धि करने में भी मदद करता है।
    सावधानियां: अगर हाल ही में आपके घुटने का ऑपरेशन हुआ है तो इस आसन का अभ्यास न करें। इसके अलावा अगर आपको दस्त हो तो भी यह आसन न करें। गर्भावस्था में महिलाएं यह आसन कभी न करें।

    कमर और कूल्हे का दर्द दूर करेगा सुप्त मत्स्येन्द्रासन

    यह आसन लेट कर किया जाता है जो रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाकर उसे मज़बूत और लोचदार बनाता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से कमर के निचले हिस्से, कूल्हे और रीढ़ की हड्डी के दर्द से राहत मिलती है। शरीर में रक्त प्रवाह में वृद्धि करने में भी यह मदद करता है।
    सावधानियां: घुटने या कूल्हे में चोट हो तो यह आसन न करें। कमर या पीठ में चोट लगी हो या रीढ़ की डिस्क में कोई विकार हो तो किसी योग विशेषज्ञ की देख-रेख में ही यह आसन करें।

    सलंब भुजंगासन से दूर होगी कमर की अकड़न

    पूरे दिन एक ही पोज़ीशन में बैठे रहने से आपकी कमर अकड़ जाती है। सलंब भुजंगासन करते वक्त आप कमर को विपरीत दिशा में मोड़ने का प्रयास करते हैं। इससे उनमें खिंचाव उत्पन्न होता है और आपको दर्द से राहत मिलती है। साथ ही आपके कमर का निचला हिस्सा सुडौल भी बना रहता है। रीढ़ की हड्डी को मज़बूत बनाने और शरीर में रक्त परिसंचरण को सक्रिय करने में भी यह मददगार है।
    सावधानियां: अगर आपकी पसलियों और कलाई की हड्डियां कमज़ोर हैं तो इस आसन के अभ्यास से बचें। पेट का ऑपरेशन हुआ है तो भी यह आसन न करें। गर्भवती महिलाएं भी इस आसन के अभ्यास से बचें।

    अधोमुख श्वानासन से बनें चुस्त-दुरुस्त

    Adho Mukha Asana Ke Fayde

    कई दफ़ा बहुत अधिक थकान के कारण भी कमर के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। क्योंकि यह आसन अनिद्रा, थकान और तनाव दूर करने में भी मदद करता है इसलिए आपका शरीर चुस्त रहता है। साथ ही यह आसन आपके पूरे मेरूदंड में खिंचाव उत्पन्न करता है जिससे आपको दर्द से राहत मिलती है।
    सावधानियां: यह आसन करते वक्त अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक ज़ोर न लगाएं। यदि पीठ में बहुत अधिक दर्द हो तो यह आसन न करें। कार्पल टनल सिंड्रोम से पीड़ित लोग और गर्भवती महिलाएं भी यह आसन न करें।

    रीढ़ की हड्डी को मज़बूत बनाता है उत्तानासन

    यह आसन करते वक्त आप कमर को नीचे की ओर झुकाते हैं जिससे उसकी मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से (लंबर) को मज़बूती प्रदान करता है। इसके अलावा यह हैमस्ट्रिंग, पिंडली और कूल्हों में भी ज़रूरी खिंचाव उत्पन्न करता है और घुटनों और जांघों को मज़बूत करता है। साथ ही सिर दर्द, अनिद्रा, तनाव व थकान दूर करने में भी यह मददगार है।
    सावधानियां: यह आसन करते वक्त अपने शरीर पर क्षमता से अधिक ज़ोर न लाएं। यदि पीठ में दर्द उठने लगे तो यह आसन न करें। कमर में चोट लगने की स्थिति में भी यह आसन न करें।

    मार्जरी और बीतीलासन के मेल से कमर को करें स्ट्रेच

    यह आसन करने से आपके पूरे मेरूदंड और कूल्हों में ज़रूरी खिंचाव उत्पन्न होता है। इससे आपको कमर के नीचे के दर्द से निजात मिलता है। मार्जरी आसन को अगर आप बीतीलासन (cow pose) के साथ करेंगे तो आपको और अधिक फायदा होगा क्योंकि इन दोनों आसनों में आप कमर और गर्दन को विपरीत दिशाओं में मोड़ते हैं। मार्जरी आसन में आप पीठ और गर्दन को नीचे की ओर झुकाते हैं जबकि बीतीलासन में आप पीठ और गर्दन को ऊपर की ओर मोड़ते हैं। इन दोनों आसनों के मेल से कमर की बढ़िया स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ हो जाती है।
    सावधानियां: अगर आपकी गर्दन में चोट लगी हो तो यह आसन न करें।

    गोमुखासन से सिर्फ 10 मिनट में दूर करें कमर के नीचे का दर्द

    Gomukhasana Ke Fayde

    गोमुखासन आपकी पीठ, कंधों और कूल्हों की मांसपेशियों में ज़रूरी खिंचाव उत्पन्न करता है जिससे कमर के नीचे के दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा यह तनाव और थकान दूर कर आपको आराम देता है। शरीर को आराम देने के लिए आपको यह आसन 10 मिनट तक करना चाहिए। रोज़ाना इसके 10 मिनट के अभ्यास से आपकी कमर का दर्द छू-मंतर हो जाएगा।
    सावधानियां: यह आसन करते वक्त अपनी क्षमता से अधिक ज़ोर न लगाएं। आसन की अवधि धीरे-धीरे बढ़ाएं। अगर आपकी गर्दन में चोट लगी है या उसमें कोई विकार है तो यह आसन न करें।

    इन योग के नियमित अभ्यास से आप कमर के नीचे के दर्द से राहत पा सकते हैं। लेकिन इन योगासनों का अभ्यास स्वयं न करें। किसी योग विशेषज्ञ की देख रेख में ही इनका अभ्यास करें।

    डॉ वैशाली

    • 7 Years of Experience
    • (Physiotherapist)

    डॉ वैशाली, योगा, व्यायाम जैसे माध्यम से हड्डियों के रोग का इलाज करती हैं. इन्हें इस विधा में करीब 6 साल का अनुभव है. इनके साथ योग, व्यायाम जैसे तरीके सीखकर देश के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं. पिछले कई सालों में लगभग हर मरीज डॉक्टर वैशाली के बताए

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