जानें किन कारणों से आती है अंगूठे में दर्द और क्या है इसका इलाज

जानें किन कारणों से आती है अंगूठे में दर्द और क्या है इसका इलाज

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    अंगूठे में दर्द की शिकायत तब होती है जब आपके अंगूठे के लिगामेंट में ज़रूरत से अधिक खिंचाव उत्पन्न होता है। लिगामेंट नरम ऊतकों से बने होते हैं जो किसी भी तरह के मूवमेंट के दौरान आपके अंगूठे के जोड़ को स्थिर रखते हैं।

    हालांकि अंगूठे में दर्द का कारण हमेशा लिगामेंट या हड्डी का टूटना नहीं होता लेकिन यह दर्द बेहद तीव्र हो सकता है। आपको अपने अंगूठे को हिलाने में बेहद तकलीफ़ हो सकती है।

    लेकिन अगर आपके अंगूठे में दर्द हो तो आप कैसे पहचानेंगे कि आपके अंगूठे में दर्द किस वजह से है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है? यहां हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे।

    यूं तो अंगूठे में दर्द होना आम बात भी हो सकती है लेकिन कई हद तक ये बेहद गंभीर भी हो सकता है। इसी आदार पर अंगूठे के दर्द की गंभीरता को तीन श्रेणियों में बांटा गया है:

    • पहला स्तर (हल्की मोच): यह वह स्थिति है जब लिगामेंट अधिक स्ट्रेच हो जाते हैं लेकिन वे टूटते नहीं हैं।
    • दूसरा स्तर (सामान्य मोच): यह वह स्थिति है जब लिगामेंट में अधिक खिंचाव से उसके कुछ हिस्से टूट जाते हैं।
    • तीसरा स्तर (गंभीर मोच): इस स्तर पर लिगामेंट टूटकर हड्डी से पूरी तरह अलग हो जाता है।

    अंगूठे में दर्द के कारण

    कई कारणों से अंगूठे में दर्द हो सकता है:

    • अंगूठे में दर्द तब हो सकता है जब पीछे का मांस ज़रूरत से अधिक खिंच जाएं। ऐसा अक्सर खेल-कूद या किसी अन्य दुर्घटना के दौरान लगी चोटों के कारण होता है।
    • किसी कठोर सतह पर अनजाने में अपने अंगूठे से ज़ोर लगाने पर भी अंगूठे में मोच की आ सकती है जिसकी वजह से दर्द महसूस हो सकता है
    • ज़मीन पर गिरते समय अगर अंगूठे को ज़मीन पर टिका दें तो भी दर्द उठ सकता है।
    • ड्राइविंग के दौरान किसी वाहन से टक्कर होने पर भी अंगूठे में दर्द या मोच आ सकती है। ऐसा तब होता है जब स्टेयरिंग पर चालक का सिर्फ़ अंगूठा भर रह जाए।
    • फुटबॉल, हॉकी क्रिकेट आदि खेलों के दौरान ज़मीन में पैर की अचानक टक्कर के कारण अंगूठे में चोट लगना आम है। खासकर विकेटकीपर को ऐसी चोटें लगती हैं क्योंकि बॉल बहुत तेज़ी से उनकी ओर आती और हाथ में लगती है। ज़रा सी चूक होने पर हाथ के अंगूठे में चोट आ सकती है।
    • गठिया की वजह से भी अंगूठे और उसके आस पास के क्षेत्र में दर्द उठ सकता है।

    अंगूठे में दर्द के लक्षण

    अंगूठे में दर्द के लक्षण

    अंगूठे में अगर आप नीचे दी गई बातों को देख या महसूस कर पा रहे हैं तो आपका दर्द समय के साथ बढ़ सकता है:

    • अंगूठे का फट जाना: हो सकता है आपको खुद इसका आभास न हो लेकिन चिकित्सक द्वारा किए गए एक्स-रे या किसी अन्य जांच में फटा हुआ अंगूठा देखा जा सकता है।
    • अंगूठे का अस्थिर हो जाना: अधिक गंभीर स्थिति में लिगामेंट टूट सकता है। लिगामेंट के टूटने पर अंगूठे का जोड़ स्थिर नहीं रहता। उसमें ढीलापन महसूस हो सकता है।
    • अंगूठे में सूजन व अकड़न: अंगूठे में चोट लगने पर आपके अंगूठे सूज सकते हैं और उनमें अकड़न महसूस हो सकती है।
    • अंगूठे की त्वचा लाल या नीली पड़ जाना: सूजन की वजह से आपके अंगूठे की सतह लाल पड़ सकती है। खून के थक्के जमा हो जाने के कारण वह नीली या काली भी पड़ सकती है।
    • अंगूठे और तर्जनी के बीच दर्द होना: जब अंगूठे के जोड़ को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचता है तो आपकी तर्जनी (index finger) और अंगूठे के बीच तीव्र दर्द होता है।
    • रोज़मर्रा के काम-काज में दिक्कत: ऐसे सभी कार्य करने में दिक्कत होती है जिसमें अंगूठे का इस्तेमाल होता है। आपको लिखने, कोई चीज़ उठाने या गिलास पकड़ने में तकलीफ़ हो सकती है।
    • कलाई में दर्द रहना: अंगूठे में दर्द रहने पर कलाई में भी दर्द हो सकता है।

    मौसम के बदलाव का अंगूठे की मोच पर असर

    पुरानी बीमारियों और चोटों के उभरने में मौसम की अहम भूमिका हो सकती है। मसलन, सर्दी में हल्की सी चोट लगने पर भी तीव्र दर्द होता है जबकि बरसात के मौसम में पुरानी चोट फिर से अपना असर दिखाने लगती है। यदि हड्डियों, टेंडन या लिगामेंट संबंधी चोट का ठीक से इलाज न किया जाए तो उसका असर बदलते मौसम के साथ दिख सकता है।

    सर्दी के मौसम में हाथों और उंगलियों में रक्त का प्रवाह बाधित हो सकता है जिससे आपकी उंगलियां अकड़ सकती हैं। आपने गौर फ़रमाया होगा कि अक्सर सर्दियों में लिखने वाला काम करने में मुश्किल होती है या आप उसे तेज़ी से नहीं कर पाते। गिरने, उन पर ज़ोर पड़ने या किसी अन्य दुर्घटना से किसी अन्य मौसम की तुलना में सर्दी के मौसम में चोट लगना अधिक तकलीफ़ देता है। गर्मी में निर्जलीकरण की समस्या के कारण आप जल्दी थक सकते हैं। बरसात के मौसम में हाथों और उंगलियों को ज़्यादा पानी में रखने से उनमें संक्रमण हो सकता है या उनमें सूजन आ सकती है।

    पुरुषों के अंगूठे में दर्द

    महिलाओं की तुलना में पुरुषों के अंगूठे की लंबाई थोड़ी कम होती है लेकिन महिलाओं की तुलना में उनके अंगूठे के जोड़ अधिक मज़बूत होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों का शारीरिक विकास अधिक लंबे समय तक होता है इसलिए उनकी हड्डियां व मांसपेशियां अधिक मज़बूत होती हैं।

    पुरुषों के अंगूठे में दर्द घर के बाहर खेले जाने वाले खेलों (जैसे कि क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, बेसबॉल आदि) के दौरान लगी चोटों के दौरान लग सकती है। इसके अलावा ड्राइविंग के दौरान किसी वाहन से टकराने के कारण भी अंगूठे में चोट लग सकती है। अगर अंगूठे का लिगामेंट टूट जाए तो पुरुष उससे जल्दी उबरने में कामयाब रहते हैं। इसके अलावा पुरूषों को महिलाओं की अपेक्षा जोड़ों में दर्द की शिकायत भी रहती है जिसकी वजह से अंगूठे में दर्द हो सकता है।

    महिलाओं के अंगूठे में दर्द

    आमतौर पर महिलाओं के अंगूठे, पुरुषों के अंगूठे से थोड़े लंबे होते हैं लेकिन पुरुषों की तुलना में वे कमज़ोर होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनकी हड्डियां व मांसपेशियां पुरुषों के जितनी मज़बूत नहीं होतीं।

    घर के काम-काज अधिकतर महिलाएं करती हैं। अक्सर महिलाएं पूरे दिन काम पर लगी रहती हैं जिसकी वजह से उनके हाथों में भी दर्द होने लगता है। इसके साथ ही महिलाएं भारी सामान भी उठाती या खिसकाती हैं जिसकी वजह से अंगूठे में मोच भी आ सकती है। सर्दियों या बरसात के मौसम में हाथ से कपड़े धोने या ज़्यादा पानी में रहने से भी अंगूठे में संक्रमण हो सकता है या उनमें सूजन आ सकती है जिससे ज़रा सा ज़ोर पड़ने पर उनके लिगामेंट टूट सकते हैं।

    इसके अलावा घर के बाहर के खेल (जैसे कि बॉस्केटबॉल, हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल आदि) खेलने वाली महिलाओं को भी अंगूठे में चोट लग सकती है।

    अंगूठे में दर्द का इलाज

    अंगूठे में दर्द का इलाज

    अंगूठे में दर्द आना बेहद गंभीर समस्या तो नहीं है लेकिन ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए ताकि क्षति की सटीक जांच की जा सके।
    अंगूठे में दर्द का तुरंत इलाज न होने पर आप अपना अंगूठा गंवा सकते हैं।

    अंगूठे में दर्द की स्थिति में आप निम्न चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित डॉक्टरों की सलाह ले सकते हैं:

    • एलोपैथी: इलाज की यह आधुनिक चिकित्सा पद्धति है। अंगूठे में दर्द या मोच की स्थित में ऐलोपैथी डॉक्टर सबसे पहले आपके अंगूठे को विभिन्न दिशाओं में घुमाकर लिगामेंट की स्थिति का पता लगाने की कोशिश करेगा। इसके बाद एक्स-रे के ज़रिए वास्तविक क्षति का पता लगाया जाएगा और उसके अनुसार ही उपचार किया जाएगा। हड्डी टूटने या लिगामेंट के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। ऐसे में अगर समस्या अधिक गंभीर हो और तुरंत उपचार की आवश्यकता हो तो एलोपैथी इलाज बेहतर विकल्प है।
    • यूनानी: यह चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के बेहद करीब है। इसमें इलाज के लिए विभिन्न तकनीकों (थेरेपी) का प्रयोग किया जाता है, जैसे कि इलाज-बिल-तदबीर, इलाज-बिल-दवा, इलाज-बिल-याद और इलाज-बिल-ग़िज़ा। इलाज-बिल-तदबीर मे हमाम (तुर्की स्नान), तारीक़ (पसीना), दलक (मसाज), रियाज़त (व्यायाम) आदि तकनीकों के माध्यम से शरीर के विषैल पदार्थों को बाहर निकालने, दर्द और सूजन दूर करने का प्रयास किया जाता है। इलाज-बिल-दवा के अंतर्गत प्राकृतिक तरीकों से बनी हर्बल दवाओं का सेवन करने के लिए कहा जाता है। ज़रूरत पड़ने पर इलाज-बिल-याद के अंतर्गत सर्जरी की सलाह दी जा सकती है लेकिन यूनानी चिकित्सा पद्धति में छोटी-मोटी सर्जरी ही की जाती है। अधिकतर बिना सर्जरी के प्राकृतिक तरीकों से इलाज करने पर ज़ोर दिया जाता है। इलाज-बिल-ग़िज़ा का अर्थ है डाइट। इस चिकित्सा पद्धति में डाइट का विशेष महत्व है। अंगूठे के लिगामेंट में चोट की स्थिति में आपको मांसपेशियों और लिगामेंट को मज़बूती प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जा सकती है।
    • आयुर्वेद: आयुर्वेद में लिगामेंट को मांस धातु कहा जाता है। इसमें किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सबसे पहले सूजन और दर्द को दूर करने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बाद अंगूठे की हड्डी, मांसपेशियों, लिगामेंट आदि को मज़बूती प्रदान करने के लिए उचित खान पान की सलाह दी जा सकती है। साथ ही उचित व्यायाम और योग की सलाह भी दी जा सकती है।
    • होम्योपैथी: होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति समरूपता के सिद्धांत (like cures like) पर आधारित है। इसमें इलाज के लिए चिकित्सक रोग के लक्षणों के समान लक्षण को प्रकट करने वाली औषधियों का चयन करता है। ये औषधियां पौधों व जानवरों के विभिन्न हिस्सों से बनाई जाती हैं। अधिकतर दवाएं फूलों वाले पौधों से बनी होती हैं। अर्निका, पॉइज़न आइवी, नागदमनी, मार्श टी आदि हर्ब का इस्तेमाल सूजन, दर्द व मोच जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता है।

    अंगूठे में दर्द का घरेलू उपचार

    अंगूठे में दर्द का घरेलू उपचार

    हल्कि मोच को कुछ घरेलू नुस्खों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप घरेलू उपचार की प्राइस (PRICE) तकनीक अपना सकते हैं जो कि मामूली चोटों, मोच व मांसपेशियों, टेंडन व लिगामेंट में खिंचाव के उपचार में काफ़ी कारगर है।

    • दबाव बनाएं(Pressure): सूजन बढ़ने से रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्र को दबाएं। चोट लगने के तुरंत बाद अपने दूसरे हाथ से चोटिल अंगूठे को दबाकर रखें।
    • आराम दें (Rest): अंगूठे को अधिक से अधिक आराम दें। उस पर ज़ोर न डालें। जब तक अंगूठा पूरी तरह ठीक न हो जाए तब तक टाइपिंग, लिखने, भारी सामान उठाने आदि से बचना चाहिए।
    • बर्फ लगाएं(Ice): चोट लगने के तुरंत बाद अंगूठे पर बर्फ लगाएं। इससे सूजन और दर्द से निजात मिलेगा। इसके लिए आप चाहें तो प्रभावित क्षेत्र पर धीरे-धीरे बर्फ़ रगड़ सकते हैं या बर्फ से भरे बैग में अपना अंगूठा डाल सकते हैं।
    • संकोचन करें (Compression): चोट लगने के बाद आपके अंगूठे में सूजन आ सकती है जो धीरे-धीरे बढ सकती है। साथ ही लिगामेंट के टूटने से अंगूठे के जोड़ ढीले पड़ सकते हैं। इससे बचने के लिए अंगूठे को पट्टी से बांधकर रखें।
    • ऊपर उठाएं(Elevation): क्षति को बढ़ने से रोकने के लिए अपने हाथ और अंगूठे को अपने हृदय तक ऊपर उठाएं। इससे सूजन दूर होगी और इंटरनल ब्लीडिंग नहीं होगी।

    अंगूठे में दर्द का योग

    अंगूठे में दर्द का योग

    अंगूठे में दर्द से बचने के लिए हाथों और उंगलियों को मज़बूती प्रदान करने वाले योग करें। बकासन, अधो मुख श्वानासन, गरूड़ मुद्रा, अधो मुख वृक्षासन, मयूरासन आदि अंगूठे की मोच में फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

    • बकासन (Crane or Crow pose): बकासन हाथ और उंगलियों की मांसपेशियों को स्ट्रेच कर उन्हें मज़बूती प्रदान करता है। इसके अलावा यह पेट की चर्बी कम कर वज़न घटाने में भी मदद करता है।
    • अधो मुख श्वानासन (Downward facing dog): यह आसन कंधे, पिंडलियों और हाथ की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और हाथ और पैरों को मज़बूती प्रदान करता है।
    • गरूड़ मुद्रा (Eagle seal): इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में ऊर्जा आती है और मन शांत रहता है।
    • अधो मुख वृक्षासन (Handstand): यह आसन आपके कंधे, हाथ और कलाईयों की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है। इसके अलावा यह संतुलन स्थापित करने भी मदद करता है और मन को शांत करता है।
    • मयूरासन (Peacock pose): यह आसन करने से आपकी कलाईयां मज़बूत होती हैं और पैर की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है।

    अंगूठे में दर्द का खान-पान

    अंगूठे में दर्द का खान-पान

    अंगूठे में दर्द से बचने के लिए हाथ, कलाईयों, उंगलियों और हथेलियों को मज़बूत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी, और कैल्शियम, मैग्नीशियम व फॉस्फोरस जैसे मिनरल हड्डियों, मांसपेशियों और लिगामेंट के निर्माण के लिए ज़रूरी हैं जबकि प्रोटीन शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए ज़रूरी है कि अपने आहार में ये सभी चीज़ें शामिल करें। इसके लिए अपने आहार में मीट, फिश, बीन्स, नट्स, कीवी, सिट्रस फ्रूट्स, ब्रॉकोली, आम, पपीता, दूध व हरी पत्तेदार सब्ज़ियां आदि शामिल करें।

    अंगूठे में दर्द संबंधी सावधानियां

    अंगूठे में दर्द से बचने के लिए आप निम्न सावधानियां बरत सकते हैं:

    • कोई भी खेल खेलते समय बचाव की सभी चीज़ें (जैसे कि दस्ताने, पैड आदि) पहनें।
    • हर रोज़ अपनी उंगलियों की मांसपेशियों को खींचें ताकि उनमें अकड़न न रहे। इसके लिए आप हथेलियों और उंगलियों से जुड़े व्यायाम करें।
    • यदि आप खिलाड़ी हैं तो मैदान में तभी उतरें जब आप पूरी तरह स्वस्थ हों।
    • उचित वज़न बनाए रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करें।
    • समतल क्षेत्र पर ही व्यायाम करें।
    • व्यायाम करने के दौरान गिरने से बचने के लिए जूतें पहनें।

    डॉ आलिया

    • 7 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ आलिया यूनानी चिकित्सा में स्नातक हैं. इन्हें कंधे के दर्द को ठीक करने में महारत हासिल है. इस विधा में इन्हें करीब 6 साल का अनुभव है. अपने इलाज से डॉ आलिया ने कंधे दर्द जैसे रोगों के लिए देश के हज़ारों मरीजों का सफलता से उपचार किया है.

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