इन आयुर्वेदिक उपायों से दूर होगा कमर के नीचे का दर्द

इन आयुर्वेदिक उपायों से दूर होगा कमर के नीचे का दर्द

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    कमर के नीचे का दर्द के कई कारण हो सकते हैं। कमर में चोट, फ्रैक्चर, गलत तरीके से उठना-बैठना, एक ही पोज़ीशन में लंबे समय तक बैठे रहना, स्पाइनल स्टेनोसिस, हर्निएटिड डिस्क का खिसकना या टूट जाना, बढ़ती उम्र, आदि के कारण कमर के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत हो सकती है। इस दर्द से निजात पाने के लिए लोग अक्सर दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करने लगते हैं। ये दवाइयां आपको तुरंत राहत तो पहुंचाती हैं लेकिन इनके कई साइडिफेक्ट्स भी होते हैं। जबकि आयुर्वेद में इसका स्थायी उपचार उपलब्ध है।

    कैसा होता है कमर के नीचे का दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

    कमर के नीचे का दर्द एक आम समस्या है जो वात दोष में असंतुलन के कारण होती है। आयुर्वेद में दर्द के इसी मूल कारण पर बल दिया जाता है और उसी का उपचार किया जाता है। इसके लिए विभिन्न हर्बल और घरेलू समाधान किए जाते हैं। इसके अलावा आपको उचित व्यायाम और योग करने की सलाह भी दी जाती है। अगर बढ़ती उम्र या खराब खान पान इसका कारण हो तो पौष्टिक आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इस तरह प्राकृतिक तरीके से कमर के नीचे के दर्द और सूजन की समस्या को जड़ से खत्म करने का प्रयास किया जाता है।

    आयुर्वेदि जड़ी-बूटियां और उनके उपयोग का तरीका

    अगर आपकी भी कमर के नीचे दर्द है तो निम्न आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है

    • अजवाइन (Carom Seed): अपने औषधीय गुणों के कारण इसे कई बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जाता है। अपने एंटी-इंफ्लामेट्री गुण के कारण यह सूजन व दर्द से राहत पहुंचाती है जबकि इसके एंटी-बैक्टीयल और एंटी-फंगल गुण किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ने में मददगार हैं।
      उपयोग का तरीका: अजवाइन के बीज को तवे पर गर्म कर लें। उसके बाद इसे चबाकर खाएं। इसके नियमित सेवन से आपको धीरे-धीरे कमर के नीचे के दर्द से राहत मिलेगी।
    • सेंधा नमक (Eposm Salt): आयुर्वेद में सेंधा नमक को शरीर के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। इसमें पाया जाने वाला मैग्नीशियम शरीर के अंदर होने वाली विभिन्न क्रियाओं के लिए ज़रूरी है। यह शरीर में प्रोटीन के निर्माण में, एंजाइम्स और स्ट्रेस हार्मोन्स को सक्रिय और संतुलित करने और मासपेशियों को आराम देने में मदद करता है।
      उपयोग का तरीका: गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर नहाएं। इससे आपके कमर की अकड़न दूर होगी और आपको दर्द से निजात मिलेगा।
    • दालचीनी (Cinnamon): दालचीनी का एंटी-इंफ्लामेट्री गुण आपके कमर की सूजन और दर्द दूर करने में मदद करता है जबकि इसका एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आपकी कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है। इसलिए कमर के नीचे का दर्दमें इसके सेवन से आपको फायदा होगा।
      उपयोग का तरीका: एक चम्मच शहद में एक ग्राम दालचीनी पाउडर मिलाकर सुबह-शाम खाएं। इससे आपको दर्द व सूजन से राहत मिलेगी।
    • लहसुन (Garlic): अपने एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण के कारण लहसुन सूजन व दर्द दूर करने में मददगार है। इसके नियमित सेवन से आपको कमर के नीचे दर्द की शिकायत कभी नहीं होगी। साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन, मेग्नीशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व आपकी कमर की हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करेंगे।
      उपयोग का तरीका: आप चाहें तो सीधे लहसुन की कलियों को खा सकते हैं या उसके तेल से मालिश कर सकते हैं।
    • 1.लहसुन की कलियां खाएं: रोज़ाना सुबह खाली पेट लहसुन की 3-4 कच्ची कलियों का सेवन करें। आप चाहें तो लहसुन की कलियों को घी में भूनकर भी खा सकते हैं या अपने व्यंजनों में बारीक काटकर या बारीक पीसकर डाल सकते हैं।
    • 2. लहसुन के तेल से मालिश करें: अगर लहसुन खाने में दिक्कत हो तो आप चाहें तो दर्द वाली जगह पर लहसुन के तेल से मालिश कर सकते हैं। लहसुन के तेल के अभाव में आप घर पर इसका एक दूसरा विकल्प अपना सकते हैं। इसके लिए 400 ग्राम लहसुन को बारीक काटकर सूरजमुखी के तेल में डालकर एक एअर-टाइट डिब्बे में बंद कर दें। इसे धूप से बचाकर रखें और लगभग 15 दिनों तक हिलाते-डुलाते रहें। इसके बाद इसे छान लें और रोज़ाना इससे मालिश करें।

    कमर के नीचे का दर्द का आयुर्वेदिक इलाज संबंधी सावधानी

    कमर के नीचे दर्द होना किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। इसलिए अगर ऊपर बताए गए आयुर्वेद के किसी भी घरेलू उपाय से लाभ न हो तो दर्द को नज़रअंदाज़ न करें। किसी अच्छे आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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