कोहनी दर्द में होम्योपैथी शरीर पर कुछ यूं करती है असर

कोहनी दर्द में होम्योपैथी

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    तेजी से बढ़ती दुनिया मे रोगों से निजात पाने के लिए चिकित्सा विज्ञान ने काफी तरक्की की है। इन्हीं उपचार माध्यमों में एक बड़ा नाम होम्योपैथी का भी है। कोहनी दर्द में होम्योपैथी दवा एक ऐसी जर्मन आधारित उपचार माध्यम है जिसके सटीक प्रयोग से दुनिया भर में लाखों करोड़ों मरीज स्वास्थ्य लाभ पाते हैं। मसलन होम्योपैथ का नाम मन मे आते ही घरेलू दवा से संबंधित दृश्य में मस्तिष्क पर उभर जाते हैं। लेकिन जो सवाल हमारे मन पटल पर आता है वह वास्तविकता से बिल्कुल भिन्न होता है।
    बात कोहनी दर्द की करें तो पता चलता है कि यह सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। आमतौर पर ऐसी समस्याएं बेहद आम होती हैं जो किसी काम या हाथों को एक जगह स्थिर रखकर काम करने से उत्पन्न हो जाता है। अक्सर खिलाड़ियों या एल्बो पेन एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें मांसपेशियों का खिंचाव बेहद अहम भूमिका का निर्वाह करता है। वास्तव में ऐसा दर्द इंसान को बेहद पीड़ा का अनुभव करता है। हाथों के बिल्कुल बीच स्थित जोड़ जिसमें कटोरी जैसी स्वचालित गांठ मौजूद होती है इसमें आई विकृति दर्द ले साथ कई बार बड़े रोगों का कारण बन जाती है। दुनिया मे वैसे तो कई उपचार माध्यम रोगों का इलाज करने में इस्तेमाल किये जाते रहे हैं। होम्योपैथी किस तरह से इस समस्या में कारगर साबित होती है और इसकी जटिलताओं पर इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे।

    कोहनी दर्द लक्षण, कारण सहित जटिलताएं

    कोहनी दर्द के वैसे तो कई सामान्य कारण होते हैं जिनके चलते कई बार इंसान का जीवन दुखग्रस्त हो जाता है। एल्बो पेन वैसे तो खिलाड़ियों में ज्यादा देखा जाता है। टेनिस खिलाड़ी सहित क्रिकेट के मैदान में गेंद और बल्ले से जौहर दिखाने वाले खिलाड़ी इस परेशानी से दो चार होते हैं। खेल के दौरान हाथों के मसल्स पर सीधा दबाव पड़ता है।

    विसंगतियों के चलते अक्सर प्रकट हो जाते हैं। लक्षणों को बात करें तो इस तरह के रोगों की बहुत सी विसंगतियां भी होती हैं। दर्द के दौरान अक्सर इंसान अपने हाथों को हिलाने डुलाने में असहाय महसूस करता है। इसके अलावा लिखने वाले लोग जैसे पत्रकार या फिर वकीलों को अपना काम करने में बेहद परेशानी का अनुभव होने लगता है। कोहनी के दर्द में हाथों से कोई छोटी चीज उठाने पर भी तकलीफ होती है। इसके अलावा नर्म ऊतकों की क्षति या फिर हड्डियों के टूटने के दौरान खिलाड़ियों को अक्सर ऑपरेशन जैसी दर्द भरी चिकित्सा का सामना करना पड़ता है। इस चिकित्सा के बाद अक्सर मौसम के बदलाव के साथ दर्द का बढ़ना स्वाभाविक माना जाता है।

    कोहनी दर्द में होम्योपैथी दवा के फायदे

    जर्मन तकनीक कहें या फिर होम्योपैथी उपचार माध्यम, यह हड्डियों के उपचार में सफल मानी जाती है लेकिन यह चिकित्सा बहुत धीमी गति से असर करती है। धीमी गति से ही सही लेकिन कोहनी दर्द में होम्योपैथी दवा बेहद असरदार होती है। होम्योपैथी चिकित्सा के लाभ हेतु होम्योपैथी चिकित्सा  में कोहनी दर्द से पीड़ित रोगी को चिकित्सक, रोग के उपचार के लिए पहले ठीक प्रकार से जांच की जाती है। सूजन या दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए दवा दी जाती है। दर्द को कम करने के लिए अक्सर बलगेरिस दी जाती है। इसको पानी की कुछ बूंदो में मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं। यह दवाईयां तुरंत असर नहीं करती मगर जड़ से खत्म कर देती हैं।

    कोहनी दर्द में होम्योपैथी दवा सम्बंधित जटिलताएं

    होम्योपैथी एक ऐसा उपचार माध्यम है जिसके नुकसान तो कम हैं लेकिन कई परिस्थितियों में इसकी जटिलताएं सामने आती रहती हैं। वैसे होम्योपैथी के बारे में यहाँ तक माना जाता है कि ऐसी दवाइयां कई तरह की एलर्जी और साइड इफेक्ट दूर कर देती हैं लेकिन इनके कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं। इस उपचार माध्यम का सबसे नकारात्मक पहलू यह होता है कि दर्द के दौरान तुरंत राहत देने में होम्योपैथी उपचार की दवाएं बिल्कुल भी असरदार नही होती। यदि मरीज होम्योपैथी दवा का इस्तेमाल कर रहा जो तो बिना चिकित्सकीय सलाह के अन्य विधा की दवाओं का सेवन जानलेवा साबित हो सकता है। परहेज के साथ कोहनी दर्द में होम्योपैथी दवा बेहद असरदार हो सकती है। यदि मरीज द्वारा परहेज ना अपनाया गया तो दवाएं निरर्थक साबित हो जाती हैं।

    डॉ आलिया

    • 7 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ आलिया यूनानी चिकित्सा में स्नातक हैं. इन्हें कंधे के दर्द को ठीक करने में महारत हासिल है. इस विधा में इन्हें करीब 6 साल का अनुभव है. अपने इलाज से डॉ आलिया ने कंधे दर्द जैसे रोगों के लिए देश के हज़ारों मरीजों का सफलता से उपचार किया है.

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