कोहनी दर्द में यूनानी दवाओं का कैसा होता है असर, जानिए विस्तार से

कोहनी दर्द में यूनानी

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    दुनिया की इकलौती उपचार पद्धति, जो हर्बल तकनीक पर आधारित होती है इसके इलाज का हड्डियों से सम्बंधित रोगों में व्यापकता के साथ देखा जा सकता है। कोहनी दर्द के सफल और स्थाई समाधान के लिए यूनानी उपचार ने सबसे सटीक दवा के रूप में अलग ही मुकाम हासिल किया है। बात कोहनी दर्द में यूनानी दवा की करें तो पता चलता है कि कई सुरंजनों से तैयार ऐसी दवाइयां शरीर पर असर तो करती ही हैं अपितु हड्डियों के जोड़ों को गहराई से विकसित करने के साथ ही रिपेयर करने का भी काम करती हैं। शरीर के किसी भी हिस्से में तकलीफ होने के साथ ही कई बार यूनानी ने असाध्य रोगों पर भी विजय प्राप्त की है। पूरी तरह हर्बल तकनीक से तैयार यूनानी दवाओं का बड़ा सकारात्मक कार्य यह होता है कि इन दवाओं का शरीर पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट होता नही देखा गया। तुरंत राहत देने वाली उपचार विधा की इकलौती दवा वाकई कई मायनों में बहुत ही बेहतर होती हैं लेकिन इनके अंधाधुंध और बगैर चिकित्सकीय सलाह के प्रयोग करने से हड्डियों की कमजोरी का होना स्वाभाविक होता है। आज के दौर में आधुनिक दवाओं की बढ़ती लोकप्रियता के चंगुल में लगातार फंसते लोग अपनी हड्डियों को कमजोर करते जा रहे हैं। एक तरफ जहां कम पढ़ा लिखा तबका फौरी राहत के दुष्प्रभावों से दो चार होता है, वहीं पढ़े-लिखे लोग भी गलत आदतों के चलते अक़्सर इसकी जद में आ जाते हैं। ऐसा भी बिल्कुल नही है कि इसकी जिम्मेदार कोई खास उपचार पद्धति की दवाएं ही होती हैं बल्कि तनाव और खान पान में लगातार अनियमितता इसका सबसे बड़ा कारक मानी जाती है।

    यूनानी दवा और कोहनी दर्द

    तकनीकी तौर पर देखा जाए तो यूनानी दवाओं का चलन आज के दौर में तेजी से विकसित हुआ है। एक जमाना था जब यह दुनिया के कई मुल्कों के राजशाही उपचार हुआ करता था। युग बदला और बदली निज़ामें, निजाम बदलने के साथ ही खोज और जरूरतों ने आधुनिक उपचार माध्यम को पैदा किया। एक अंतरराष्ट्रीय हेल्थ सर्वे की बात मानें तो पता चलता है कि भारत जैसे बड़े देश मे जहां 60 फीसदी लोग कुपोषण के चलते हड्डियों की समस्या से जूझ रहे है, इन सबमें 5 में से 2 ऐसे सामने आते हैं। खानपान में परिवर्तन की वजह से मरीज़ बीमार पड़ जाते हैं। जब गलत खान पान सहित गलत दवाओं के इस्तेमाल से 5 में से 2 मरीज बीमार पड़ते हैं। कोहनी दर्द में यूनानी दवाईयां बेहद कारगर साबित होती हैं। प्राकृतिक रूप से बनी हर्बल दवाईयां खासतौर से हकीमों द्वारा तैयार की जाती है। जिनके सेवन से शरीर में आई हड्डियों से संबंधित विकृति दूर होने लगती है।

    कोहनी दर्द में यूनानी दवा और उसके लाभ

    हर्बल या जड़ी बूटियों से तैयार यूनानी माध्यम की औषधियों से मरीज के मर्ज को जड़ से मिटाने की कोशिश की जाती है।  इस माध्यम में कई तरह के परहेज भी अपनाने पद सकते हैं। यूनानी दवाओं का प्रयोग मर्ज पर किस तरह करना है यह बात डॉक्टर मरीज की तकलीफों को जानने के बाद ही कर पाता है।  मरीज की मौके पर स्थिति क्या है यह ज्यादा मायने रखती है। कोहनी में दर्द के उपचार के लिए मरीज की उम्र भी मायने रखती है। कई बार बढ़ती उम्र में यह रोग होना आम माना जाता है।  बढ़ती उम्र में इस तरह की समस्या इसलिए आम मानी जाती है क्योंकि हड्डियों के कमजोर होने से तकलीफ हो जाती है। कोहनी में उठने वाले दर्द के लिए हकीम कुछ ऐसी दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं जो कुछ समय तक इस्तेमाल करने पर काफी लाभ पहुंचाती हैं। हर्बल की विधि से तैयार कई तरह के माजूनों के सेवन से देश दुनिया के हजारों मरीज जड़ से रोगों को हरा सकने में सक्षम साबित हुए हैं। यूनानी उपचार वैसे तो बेहद प्राचीन है लेकिन इससे इलाज में थोड़ा समय लग सकता है।  हालांकि डॉक्टर द्वारा बताए गए परहेज अपनाकर काफी हद तक रोग पर नियंत्रण पाया  सकता है।

    बाह्य रोगों की तुलना में आंतरिक रोग हड्डियों के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं। कई बार अनुवांशिक या मोटापा रोग के चलते भी हड्डियों में लगातार रगड़ से उनमें मौजूद फ्लूड और नर्म ऊतकों को भारी नुकसान होता है। इस तरह की समस्या के लिए मरीज को फार्मकोथेरेपी सहित कंपोथेरेपी की सलाह दी जाती है। इस विधि की मदद से कोहनी में दर्द और सूजन पर नियंत्रण पाया जा सकता है। यूनानी दवाओं से इलाज सटीक और आसान भी होता है। हालांकि कई बार मरीज, दवा और सही हकीम के पास ना पहुंचने के चलते भारी नुकसान भी उठा लेता है।

    कोहनी दर्द में यूनानी दवा संबंधित जटिलताएं

    यदि उपचार विधा की बात करें तो यूनानी दवाएं हड्डी से संबंधित रोगों से निजात पाने में सफल रही है। यूनानी चिकित्सा पध्दति में मरीज का मर्ज ठीक हो जाता है। दवाईयों के सेवन के साथ-साथ कुछ खानपान में परहेज़ बताए गए हैं। इन परहेज़ो को करना आवश्यक है क्योंकि तभी दवाईयां शरीर पर असर करती हैं।इस उपचार माध्यम में अगर मरीज़ बताए गए परहेजों का पालन करता है तो उसके ठीक होने के आसार कई ज़्यादा बढ़ जाते हैं। इसके अलावा व्यायाम या योगा आदि करने से भी कई रोगों से मुक्ति पाई जाती है।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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