करेंगे ये योगासन तो नहीं होगा अंगूठे में दर्द

करेंगे ये योगासन तो नहीं होगा अंगूठे में दर्द

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    अंगूठे में दर्द की शिकायत लिगामेंट में अत्यधिक खिंचाव व उसके टूटने के कारण होती है। क्षति की गंभीरता की स्थिति में अंगूठे में दर्दको तीन वर्गों में बांटा जा सकता है। पहला, लिगामेंट के अत्यधिक खिंचाव के कारण हल्कि मोच आ जाना। इस स्थिति में लिगामेंट को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। दूसरा, सामान्य मोच, जब लिगामेंट आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो जाता है और तीसरा गंभीर मोच जिसमें अंगूठे के लिगामेंट को भारी क्षति पहुंचती है।
    आमतौर पर अंगूठे में दर्द की स्थिति में आपको अंगूठे पर अधिक ज़ोर नहीं डालना चाहिए। जब तक कि अंगूठा पूरी तरह ठीक न हो जाए उसे आराम देना चाहिए लेकिन कुछ योग हैं जिनके ज़रिए आप अपने अंगूठे को मज़बूत बना सकते हैं और भविष्य में ऐसी चोट से बच सकते हैं।

    हाथ, कलाईयों और उंगलियों को मज़बूत करने वाले योगासन करें

    अंगूठे में दर्द से बचने के लिए हाथ, कलाइयों और उंगलियों को मज़बूती प्रदान करने वाले योगासन करने चाहिए। इन आसनों से आपके हाथों का दर्द भी ठीक होगा और उनमें मजबूती भी आएगी। विभिन्न आसनों के साथ-साथ आप प्राणायाम भी कर सकते हैं क्योंकि प्राणायाम करते वक्त आप अंगूठे और उंगलियों की विभिन्न मुद्राओं का भी उपयोग करते हैं। इससे अंगूठों और उंगलियों का व्यायाम तो होता ही है, साथ ही रक्त-परिसंचरण में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा हाथ के जोड़ों के दर्द की शिकायत भी दूर होती है।

    अंगूठे में दर्द के आसन

    अंगूठे में दर्द के आसन

    अंगूठे में दर्दसे बचने के लिए निम्न आसन किए जा सकते हैं:

    बकासन से हाथों और कलाइयों को करें स्ट्रेच

    यह आसन करते वक्त आपके शरीर का पूरा भार हथेलियों पर होता है। इससे आपके हाथों और कलाइयों की मांसपेशियां स्ट्रेच और मज़बूत होती हैं। इसके अलावा यह शरीर में जमा चर्बी को कम करने में भी मदद करता है । इससे आपका वज़न नियंत्रण में रहता है और खेल आदि के दौरान आपको अपने शरीर को संभालने की शक्ति मिलती है।
    सावधानियां: उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति यह आसन न करें। अगर आपके कंधे में चोट या दर्द है तब भी यह आसन न करें।

    अधो मुख श्वानासन से हाथों को करें मज़बूत

    यह आसन आपके पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है। जिससे आपको पूरे शरीर में हो रहे दर्द से भी राहत मिलती है। यह आसन करते वक्त आपकी हथेलियों, कंधे और पिंडलियों की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं और आपके हाथ और पैर मज़बूत होते हैं। आप तनाव मुक्त होते हैं और शरीर में ऊर्जा आती है।
    सावधानियां: कार्पल टनल सिंड्रोम और डायरिया की समस्या होने पर यह आसन न करें। गर्भवती महिलाएं भी यह आसन न करें।

    अधो मुख वृक्षासन से मोच के जोखिम को करें कम

    इस आसन को नियमित रूप से करने से अंगूठे के दर्द को कम किय जा सकता है। यह आसन आपके कंधे, भुजाओं और हथेलियों की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है और रक्त परिसंचरण में वृद्धि करता है। इसके अलावा यह तनाव दूर कर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है।
    सावधानियां: पीठ, सिर और गर्दन में दर्द या उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर यह आसन न करें। गर्भवती महिलाएं भी यह आसन न करें।

    मयूरासन से मांसपेशियों को बनाएं मज़बूत

    यह आसन आपकी भुजाओं, कंधों, हथेलियों और पैर की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है। इससे किसी दुर्घटना के कारण चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।
    सावधानियां: यदि आपकी कलाई या कोहनी में चोट लगी है या उसमें तीव्र दर्द है तो यह आसन न करें।

    मांसपेशियों में ज़रूरी खिंचाव लाता है मकरअधोमुख श्वानासन

    यह आसन करने से आपके कंधे, पिंडलियों और पैर की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है और वे मज़बूत होती हैं। तनाव दूर कर मन को शांत करने और ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार में भी यह सहायक है।
    सावधानियां: अगर आपके कमर, गले या रीढ़ की हड्डी में चोट अथवा दर्द हो तो यह आसन न करें।

    इन योगासनों के नियमित अभ्यास से आपके कंधे, बाजु हथेलियां और और उंगलियां स्ट्रेच होंगे और उनको मज़बूती मिलेगी। साथ ही शरीर में ऊर्जा भी बनी रहेगी। लेकिन खुद ये आसन न करें। किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही ये आसन करें।

    डॉ वैशाली

    • 7 Years of Experience
    • (Physiotherapist)

    डॉ वैशाली, योगा, व्यायाम जैसे माध्यम से हड्डियों के रोग का इलाज करती हैं. इन्हें इस विधा में करीब 6 साल का अनुभव है. इनके साथ योग, व्यायाम जैसे तरीके सीखकर देश के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं. पिछले कई सालों में लगभग हर मरीज डॉक्टर वैशाली के बताए

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