कार्पल टनल सिंड्रोम के शिकार हैं तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां

हाथों में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार

हमारे डॉक्टर से सलाह लें

    बढ़ती उम्र में शरीर कई रोगों का शिकार हो जाता है। जिसमें से हाथों और पैरों में दर्द का होना एक आम बात है। क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति का शरीर सही ढंग से काम नहीं करता। और शरीर में कई तरह के रोग लग जाते हैं। वैसे तो हाथों में दर्द के कई कारण हैं जैसे मोच, चोट, फ्रेक्चर, गठिया और ज़्यादा देर तक की-बोर्ड पर काम करना हो सकता है। लेकिन आजकल इन दिनों एक नई समस्या जो लोगों को अपनी चपेट में ले रही है वो है कार्पल टनल सिंड्रोम। इस बीमारी से हाथों में तेज़ झनझनाहट और दर्द महसूस होता है।

    क्या होता है कार्पल टनल सिंड्रोम?

    कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण हाथों की उंगलियों में दर्द, सुन्न पड़ना, और झनझनाहट होने लगता है। ये दर्द और झनझनाहट धीरे-धीरे विकसित होते हैं और जैसे ही रात होती है ये दर्द अपनी गति पकड़ लेते हैं। जिसके कारण पूरे हाथों में दर्द होता है। आमतौर पर ये बीमारी कलाई व कोहनी को ज़्यादा प्रभावित करती है। क्योंकि कार्पल टनल हड्डियों और कलाई की अन्य कोशिकाओं द्वारा बनाई गई एक संकरी नली होती है जो की हमारे कलाई को बीमारियों से सुरक्षित रखती है। और जब इसमें सूजन आ जाता है तो ये हाथों में दर्द जैसी समस्या को जन्म देती हैं।

    हाथों में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार

    हाथों में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार

    वैसे तो हाथों में दर्द के कई इलाज हैं जो दर्द में तुरंत राहत देने वाले होते हैं। जैसे एलोपैथी दवाइयां। हाथों में आई किसी भी गंभीर चोट को ठिक करने में एलोपैथी इलाज के बेहतर विकल्प है। लेकिन छोटे-मोटे दर्द के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों का महत्व ज़्यादा है। क्योंकि ये दवाइयां अनेक जड़ी-बूटियों से मिलकर बनी होती है जो शरीर पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं डालती है। तो आज हम आपको बताएंगे कि हाथों के दर्द में इस्तेमाल होने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में किन-किन औषधियों का प्रयोग किया जाता है। और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।

    • गलोय का इस्तेमाल- गिलोय आयुर्वेद की एक खास औषधी है जिसका इस्तेमाल लगभग सभी आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में किया जाता है। गिलोय से बनी हुई औषधियां खाने में तो कड़वी लगती हैं लेकिन इससे दर्द, अकड़न, हाथों में झनझनाहट आदि की समस्या दूर होती है।
    • नीम का इस्तेमाल- नीम का इस्तेमाल घाव, चोट, दर्द, फोड़े-फूंसियों आदि को खत्म करने में किया जाता है। यह दर्द का भी एक रामबाण इलाज है।
    • शहद का इस्तेमाल- शहद में औषधी के गुण मौज़ूद होते हैं जिसका इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में किया जाता है। हाथों में दर्द से संबंधित आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में भी शहद का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जो हाथों में होने वाले दर्द जैसी समस्या का सफ़ाया कर देती है।
    • हल्दी का इस्तेमाल- हल्दी आयुर्वेद की एक खास औषधी है। जिसका इस्तेमाल प्राचिन काल से ही होता आया है। खासतौर पर इसका इस्तेमाल दर्द व सूजन की समस्या को दूर करने में किया जाता है।
    • अरंडी- अरंडी के तेल में फैटी-एसिड और रिकोनेलिक एसिड पाया जाता है। जिसका इस्तेमाल सूजन व दर्द जैसी समस्या को दूर करने वाली दवाइयों में किया जाता है।

    यदि आपके हाथों में भी हमेशा दर्द की शिकायत रहती है तो ऐसे में आपके लिए आयुर्वेदिक दवाइयां ही एक रामबाण इलाज है। लेकिन अगर आपके हाथों में किसी गंभीर चोट के कारण दर्द है तो डॉक्टर से सम्पर्क करना बिल्कुल ना भूलें।

    डॉ आलिया

    • 7 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ आलिया यूनानी चिकित्सा में स्नातक हैं. इन्हें कंधे के दर्द को ठीक करने में महारत हासिल है. इस विधा में इन्हें करीब 6 साल का अनुभव है. अपने इलाज से डॉ आलिया ने कंधे दर्द जैसे रोगों के लिए देश के हज़ारों मरीजों का सफलता से उपचार किया है.

    हमारे डॉक्टर से सलाह लें