कहते हैं कि किसी भी इंसान की कमर शरीर की केंद्र विन्दु होती है. इसके बिना जीवन की कल्पना तो की जा सकती है लेकिन सार्थकता का बोध भी बेमानी होगा. आज का जमाना सूचना प्रौद्योगिकी का है और इस युग में हर पांचवा छठां व्यक्ति किसी न किसी दर्द से पीड़ित है चाहे वह जोड़ो का दर्द हो या फिर कमर दर्द. आजकी जीवनशैली ने लोगों की जिन्दगी पहले की अपेक्षा कई गुना आसान बना दिया है.
जहाँ पहले कई कामों को करने के लिए हमें भागादौड़ी करनी पड़ती थी आज वह काम बैठे-बैठे किया जा सकता है. मसलन शारीरिक श्रम कम करने के चलते भी इस तरह की व्याधियां इंसानी काया को प्रभावित कर रही हैं. इंसान दवाओं के लगातार उपयोग करने के चलते भी कई तरह की मुसीबतों में फंसता चला जा रहा है. योग और व्यायाम से काफी हद तक इन परेशानियों से निजात पाया जा सकता है.
सूर्यनमस्कार के लाभ
नियमित रूप से सूर्य नमस्कार मंत्र और योगा करके पीठ और कमर की दर्द से निजात पाया जा सकता है. इसके पीछे विटामिन डी का बड़ा स्त्रोत भी जिम्मेवार होता है. सुबह सूर्य नमस्कार करने से विटामिन डी भारी मात्रा में शरीर में जाता है जिसके चलते हड्डियां मजबूत होती हैं और जोड़ों के दर्द के साथ कमर दर्द और कंधे के दर्द में भी राहत प्राप्त होती है.
भुजंगासन से लाभ
इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाइये और पैरो को एकदम सीधा रखें. हाथ की हथेलियों को सीने के दोनों और जमीन पर रखें. गहरी सांस अन्दर खींचे और धीरे-धीरे अपने सिर और छाती को ऊपर उठाइए और ऊपर की तरफ देखिये. थोड़ी देर इस स्थिति में रुकने के बाद वापस सामान्य अवस्था में वापस आएं. इस आसन को 5 से 10 बार कर सकते है. इससे शरीर में होने वाले सभी दर्द दूर होने लगते हैं
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मकरासन से लाभ
इस आसन को पेट के बल सीधा लेटकर किया जाता है. पेट के बल सीधा लेटकर दोनों कोहनियों की सहायता से हथेलियों को ठोड़ी के नीचे लगाइए. सीने को ऊपर उठाइए. अब सांस अन्दर खीचते हुए पैरो को एक एक करके मोड़िये और बाद में दोनों पैरो को एक साथ मोड़िये. सांस बाहर करते हुए पाँव को सीधा कीजिये. ऐसा लगभग 15 से 20 बार करे. यह कमर और पीठ दर्द में बेहद आराम पहुंचाने वाला योग होता है
वास्तव में योग और व्यायाम स्वास्थ्य की कुंजी होती है लेकिन किसी भी आसन को करते समय शरीर पर ज्यादा जोर ना दें. कोशिश करें कि व्यायाम किसी निपुण व्यक्ति की देखरेख में किया जाए.