पैर एक ऐसा भाग है जिसका जीवन में बेहद महत्वपूर्ण स्थान होता है। पैरों की हड्डियों में कई जोड़ होते हैं जो आपस में जुड़कर एक ऐसी श्रृंखला का निर्माण करते हैं जो चेन नुमा आकर में अपनी भूमिका का निर्वाह करता है। पैर के तलवे में दर्द हड्डी के एड़ी या फिर उंगलियों की हड्डियों में स्थिति जोड़ों में आई विकृति की वजह से हो सकता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसके चलते उठना बैठना और चलना फिरना दूभर हो जाता है। इस तरह की परेशानियों के पीछे कई कारक होते हैं। मसलन हल्की चोट या खिंचाव की वजह से होने वाला दर्द बेहद सामान्य होता है लेकिन जब यही समस्या किसी अंदरूनी विकार से उत्पन्न होती है तो कई तकलीफें दे जाती है। आंतरिक विकारों से उत्पन्न होने वाले हड्डी रोगों में कुपोषण सहित आहार की गुणवत्ता से समझौता करना भारी पड़ जाता है। एक जमाने में यह रोग बढ़ती उम्र का धोतक माना जाता है लेकिन आहार की विकृतियों ने एक बड़े युवा तबके को हड्डियों के रोग की चपेट में ले लिया है। रोग हो जाने पर इस निदान कैसे कर सकते हैं या तो जानना आवश्यक होता ही है साथ ही शरीर में हड्डियों से सम्बंधित रोग हों ही नही और काया बलवती रहे सबसे जरूरी इन उपायों को जानना होता है। लेख के माध्यम से जाना जा सकता है कि किस तरह से पैर के रोग से निजात पाई जाए।
पैर के तलवे में दर्द के मुख्य कारण।
पैर के तलवे में दर्द वैसे तो हल्की चोट या पैर के मोड़ खाने या मोच खाने से देखी जाती है। वैसे यह एक बेहद सामान्य स्थिति होती है जो हल्के मसाज के बाद सही हो जाती है। मोच के आने से पैर की उंगलियों के नर्म ऊतकों में क्षति देखने को मिलती है। कई बार लिगामेंट में सूजन आ जाने से दर्द बढ़ भी जाता है। पैर की एड़ी से तलवे लगे होते हैं। पैर की नसों में दर्द एड़ी या उंगली के जोड़ों में आये विकारों की वजह से देखा जाता है। साधारण तौर पर होने वाली समस्या को भी अनदेखा करना भारी पड़ सकता है। आहार या खानपान से समझौता करना बेहद भारी पड़ सकता है। तली भुनी चीजों के साथ ही जंक फूड का इस्तेमाल करने वाली युवा पीढ़ी मोटापे ओर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान है। मोटापा और रक्तचाप में अनियमितता हडडी का बड़ा दुश्मन माना जाता है। इस तरह से शरीर में कई तरह के अंदरूनी विकार उत्पन्न होने लगते हैं। शरीर में जमा होने वाले गंदे पदर्थों की वजह से शरीर को सही ऊर्जा और कैल्शियम की खुराक उचित मात्रा में प्राप्त नही हो पाती है। अनुवांशिक कारणों के साथ ही गठिया रोग भी पैर के तलवे का दर्द का कारण बन सकते हैं।
पैर के तलवे दर्द के प्रारंभिक उपचार।
पैर के दर्द की कई वजहें हो सकती हैं। इस तरह से दर्द होने जी स्थिति में आरंभिक उपचार किस तरह कर सकते हैं इसे नीचे पढ़कर जाना जा सकता है।
• चोट या हल्की मोच आने पर बर्फ से सिंकाई करना आरंभ कर दें।
• यदि चोट की वजह से कहीं रक्त के थक्के जमना आरम्भ हो गए हों तो उसे फिटकिरी और हल्का गरम पानी से धोना चाहिए
• यदि घर में समय और बर्फ उपलब्ध ना हो तो पानी गर्म कर सूती कपड़े से अच्छे से धो सकते है। गर्म पानी में एक चम्मच नामक मिला सकते हैं।
• कपूर की एक चुटकी मात्रा को सरसों या किसी अन्य तेल में फेंटकर लगा सकते हैं।
• यदि घर में अरण्डी का तेल मौजूद हो तो इससे पैर के तलवे का दर्द ठीक किया जा सकता है।
• चोट लगने की स्थिति में हल्दी और चूना लगाया जा सकता है यदि हल्का रक्तस्राव हो रहा हो तब।
• हल्दी, हड़जोड़ और सरसो के तेल को एक साथ मिलाकर पैर के तलवे पर अरंड या महुआ के पत्तों से बंधने पर काफी लाभ प्राप्त होता है। इससे नर्म ऊतकों की क्षति रुकती है और हड्डियों को नई ऊर्जा प्राप्त होती है।
पैरों के दर्द से बचने के लिए सुधारें खानपान।
खानपान में सुधार कर काफी हद तक हड्डी रोगों से बचा जा सकता है।
• आहार में नियमित रूप से दूध को करें शामिल दूध हड्डियों को कैलाश सहित कई मिनिरल तत्त्वों का भंडार होता है। इसके नियमित सेवन से हड्डी रोग के होने जी संभावना कम हो जाती है।
• सूखे मेवे का भरपूर सेवन किया जा सकता है। हां यह याद रहे कि ज्यादा तैलीय जैसे काजू ओर नारियल तत्वों का ज्यादा प्रयोग ना करें। इसमें मौजूद वसा शरीर मे अतिरिक्त चर्बी पैदा कर सकता है।
• हरी साग सब्जियों की मात्रा को बढ़ाकर हड्डियों को पोषण दिया जा सकता है। बथुआ, पालक और सरसों का साग जहां हड्डियों को मजबूती देता है तो वहीं हरि सब्जियों कमें पाई जाने वाली फायबर की मात्रा बेहद लाभ देती है।
• मौसमी फलों का भरपूर सेवन हड्डियों को काफी लाभ पहुंचाता है। मौसमी फलों को सीधे तौर पर सेवन करने के साथ ही जूस की शक्ल में पीना काफी उत्तम होता है। जूस को मिक्स करके भी पीना लाभ पहुंचाता है।
• नीबू पानी का सेवन पैर के तलवे में दर्द के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। नीबू शरीर से अवशिष्ट पदार्थो को बाहर निकालने का काम करता है। यदि रोजाना एक नींबू पानी पिया जाए तो हड्डियों के दर्द होने के मौके काफी कम हो जाते हैं।
• योग और व्यायाम से हड्डियों के रोगों को एकदम से रोका जा सकता है। सूर्य नमस्कार योग करने से हड्डियों से संबंधित रोग के होने की संभावना ना के बराबर होती है। सूर्योदय के समय सन बाथ करने से भारी मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा हड्डियों में अवशोषित होती है। विटामिन डी की कमी ना होने पर हड्डियों के किसी भी परत को नुकसान नही होता है।
पैर के तलवे में दर्द संबंधित जरूरी सुझाव।
पैर की हड्डी में दर्द जहां आत्मीय पीड़ा देता है वहीं दूसरी तरफ चलने फिरने में अक्षम भी बना देता है। ऊपर बताए गए उपाय वास्तव में बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। दर्द बढ़ जाने पर उपचार हेतु चिकित्सकीय सलाह लेना उत्तम होता है।