कुछ खास तरीके से दूर किया जा सकता गले का दर्द

कुछ खास तरीके से दूर किया जा सकता गले का दर्द

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    बदलते मौसम में लोगों को गले में दर्द की शिकायत अधिक रहती है। लोग अक्सर इस दर्द को नज़रअंदाज़ करते हैं। आमतौर पर गले और कानों में होने वाला दर्द जुखाम होने के कारण भी होता है। गले में सूजन होना टॉन्सिलाइटिस की शुरुआत हो सकती है। यदि आप सही समय पर इसका इलाज नहीं करवातें हैं तो दर्द बढ़ने लगता है। इस लेख में गले में दर्द के कारण और उसके उपचार बताए गए हैं।

    गले में दर्द के कारण

    गले में दर्द की समस्या आम है। लेकिन कभी-कभी दर्द इतना बढ़ जाता है कि सहन के बाहर होने लगता है। गले में दर्द के कुछ निम्नलिखित कारण दिए गए हैं।

    • काली खांसी से होता है गला दर्द- कुछ लोगों को बचपन से ही काली खांसी होती है। लोग अक्सर इसे आमतौर पर होने वाली खांसी समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। पर इससे दर्द धीरे- धीरे बढ़ने लगता है। काली खांसी और निमोनिया जैसे रोगों से बच्चे अधिक ग्रस्त होते हैं।
    • एलर्जी के कारण बढ़ती है समस्या- प्रदूषण या धूल मिट्टी के कारण भी गले में दर्द हो सकता है। सैंसटिव लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं। प्रदूषण के कारण गले में जलन होने लगती है।
    • जुकाम भी बढ़ा सकता है गले का दर्द- इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने के कारण जुकाम जल्दी हो जाता है। आमतौर पर बच्चों को इस बिमीरी से ज़्यादा झूंझना पड़ता है। खांसी, नाक में पानी आना, छींकना, सिर दर्द होना आदि इसके लक्षण है।
    • फ्लू करता है गले को प्रभावित- यह इन्फलूएंजा के कारण होता है। यदि चार दिन से अधिक बुखार फ्लू के लक्षण होते है। इसमें सिरदर्द, नाक बहना, गले में खराश, भूख की कमी आदि होना सामान्य है।
    • खसरा होता है खतरनाक- यह मीज़ल्स के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही यह रोग संक्रामक है। इसमें आपको अत्यधिक खांसी और बुखार आने लगता है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कम होती है। यह उनपर ज़्यादा असर करता है।
    • धूम्रपान है हानिकारक- गुटका, तम्बाकू आदि का सेवन से गले में दर्द की समस्या बढ़ने लगती है। जो व्यक्ति धूम्रपान करता है उसके संपर्क में आने से भी गले से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
    • लो इम्युनिटी- इम्युन का ठीक से काम ना करना या कमज़ोर होना भी एक बड़ा कारण है। इससे रोग संक्रमण बढ़ने लगता है।

    गले में दर्द के लक्षण

    गले में दर्द के लक्षण

    किसी भी दर्द के लक्षण को पहचान लिया जाए तो उसका निवारण आसानी से किया जा सकता है। नीचे गले में दर्द के मुख्य लक्षण दिए गए हैं।

    • गला सूखना- आमतौर पर कम पानी पीने से गला सूखने लगता है। लेकिन कभी-कभी गला सूखना किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इसके कारण गले में सूजन और जलन भी होने लगती है।
    • टॉन्सिल्स- इसमें गले के अन्दर दाने हो जाते हैं। जिसकी वजह से गले में सूजन आने लगती है। खाना निगलना भी मुश्किल होने लगता है।
    • मांसपेशियों में खिंचाव- बोलते समय मांस का खिंचना गले में दर्द का एक प्रमुख लक्षण है। यदि आपको बोलते समय मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है तो तुरंत जांच करवाएं।
    • गले में खुजली- बार-बार गले में खुजली होना आम समस्या नहीं है। इससे गले में सूजन आ सकती है और साथ ही दर्द भी होने लगता है।

    गले का दर्द ठीक करेंगे यह उपचार

    गले का दर्द दूर करने के लिए कई तरीको को आज़माया जा सकता है। ये आप पर निर्भर करता है कि कौन सा उपचार आप को जल्द राहत पहुंचा रहा है। गले में दर्द को दूर करने के लिए आप नीचे दिए गए उपचारों का सहारा ले सकते हैं

    गले में दर्द का होम्योपैथी उपचार

    गले में दर्द का होम्योपैथी उपचार

    किसी भी दर्द से निजात पाने के लिए होम्योपैथिक उपचार सबसे बहतरीन उपाय है। इससे किसी भी रोग को जड़ से खत्म किया जा सकता है। होम्योपैथी इलाज व्यक्ति के रोग के लक्षणों की जांच करने के बाद शुरू होता है।

    • अर्निका- यह दवाई टॉन्सिल्स को खत्म करने के लिए के लिए प्रयोग होती है। ज़्यादा बोलने पर जब गले में दर्द होने लगता है तो उसके लिए भी अर्निका लाभदायी है।
    • कैप्सिकम एन्युअम- सिगरेट, शराब आदि का सेवन करने के बाद गले मे जो दर्द होता है। यह दवा उसे ठीक करने के लिए प्रयोग की जाती है। किसी प्रकार की जलन या चुभन को ठीक करने के लिए सहायक होती है।
    • कॉस्टिकम- गले के छिल जाने पर जो दर्द होता है यह दवा उस दर्द से राहत दिलाती है। गले में गांठ बनना या खाना निगलने वाली समस्याएं भी इससे दूर हो जाती है।
    • बेलाडोना- यह दवा गले के दर्द के साथ-साथ दांत के दर्द में भी राहत देती है। गले के सूखने या तेज़ दर्द होने पर ये दवा लेने से दर्द तम होने लगता है।

    गले में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार

    गले में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार

    आयुर्वेद से बनी दवाओं से शरीर के अनेक रोग खत्म हो जाते हैं। इसके लिए नीचे कुछ उपाय बताए गए हैं।

    • इम्युनिटी लेवल का स्तर बढ़ाने के लिए आर्युवेद से निर्मित काढ़ा तैयार किया जा सकता है। इस काढ़े को तैयार करने के लिए सौंठ, तुलसी के पत्ते, गिलोय के पत्तों को अच्छे से उबालने के बाद थोड़ा गुनगुना होने पर पी लें। इससे शरीर के काफी सारे रोग काबू में आ जाते हैं। इस काढ़े में लौंग का पाउडर, काली मिर्च पीसकर भी मिला सकते हैं क्योंकि इससे असर दुगना हो जाता है।
    • खांसी या जुकाम होने पर तुलसी के पत्ते,अदरक, काली मिर्च का काढ़ा बेहद असरदार होता है।
    • अदरक, लौंग और तुलसी की चाय बनाकर पीने से गले के दर्द से राहत मिलेगी।
    • खांसी अधिक आने पर कालीमिर्च पाउडर, सेंधा नमक और शहद को मिलाकर ले सकते हैं। या छोटी पिप्पली पाउडर को शहद के साथ खाना भी बेहतर विकल्प है।
    • जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियां और अदरक का काढ़ा लें।

    गले में दर्द के लिए यूनानी उपचार

    किसी भी दर्द के लक्षण को पहचान लिया जाए तो उसका निवारण आसानी से किया जा सकता है। नीचे गले में दर्द की कुछ यूनीनी दवाइयां दी गई हैं।

    • जोशांदा- इस दवा का प्रयोग खांसी, जुकाम या बुखार में फायदेमंद साबित होता है। साथ ही गले में दर्द से छुटकारा पाने के लिए इस दवा का प्रयोग किया जाता है।
    • जोशिना- इस दवा को यूनानी चिकित्सा पध्दति में अधिक महत्व दिया गया है। यह प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली जड़ी बुटियों से तैयार की जाती है। गले में दर्द से राहत दिलाने में सहायक होती है।
    • सदुरी सिरप- ये सिरप गले में दर्द को दूर करने मेंकारगर है। इसके अलावा खांसी, जुकाम आदि जैसी समस्याएं भी ठीक होती हैं।
    • उन्नाब-  इस सिरप का प्रयोग खांसी को ठीक करने के लिए किया जाता है। गले के दर्द से तुरंत राहत दिलाने में ये दवाकारगर है।
    • खाकसी- इस दवा का उपयोग छाती में जमे बलगम को ठीक करने के लिए किया जाता है। छाती में जमे बलगम को निकालने में भी मदद करती है।
    • बाबुइ तुलासी- इस दवा से एलर्जी, अस्थमा आदि बीमारीयों को दूर करने में सहायता मिलती है।

    गले में दर्द से राहत पाने से के लिए अपनाएं से उपाय

    गले में दर्द से राहत पाने से के लिए अपनाएं से उपाय

    गले में दर्द होने की वजह से बोलने में परेशानी होती है और आपका पूरा दिन खराब जाता है। गले में दर्द के कुछ आसान उपाय बताए गए हैं।

    • एक चुटकी हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पीने से गले के दर्द से राहत मिलती है।
    • गले में ज़्यादा दर्द है तो नमक के पानी से गरारे करें। इससे गले में सिंकाई होती है और गले को आराम मिलता है।
    • लौंग, अदरक,काली मिर्च आदि को पीसकर काढ़ा बनाकर पी लें। गले के दर्द से राहत मिलेगी।
    • रात को सोने से पहले दूध में हल्दी मिलाकर पीने से गले में सूजन की समस्या खत्म हो जाती है।
    • गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से गले के दर्द से छुटकारा मिलता
    • खांसी होने पर रात के सोते समय आधा चम्मच अजवाइन चबा लें।
    • कभी कभी मौसम में बदलाव होने के कारण गले में दर्द बढ़ जाता है ऐसे में तुलसी के पत्तों और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पी लें।
    • मौसम में बदलाव की वजह से अगर गले में दर्द हो तो कुछ तुलसी के पत्ते और थोड़ी सी काली मिर्च को एक कप पानी में उबाल कर पी लें।
    • ग्रीन टी के सेवन से गले के दर्द से राहत मिलती है।
    • सेब के सिरके का सेवन करने से गले की सूजन कम हो जाती है।
    • गले के दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए दालचीनी और इलायची उबालकर पी लें।
    • कच्चे लहसुन को भुनकर खाने से खांसी नहीं होती।

      बदलते मौसम का गले के दर्द में प्रभाव

      बदलता मौसम और बढ़ते प्रदूषण के कारण गले में खराश और कफ की समस्या होने लगती ज़्यादा मसालेदार या चटपटा खाने से भी गले में सूजन आ जाती है। कभी-कभी गले में दर्द को नज़रअंदाज़ करने से तो टॉन्सिल, इंफेक्शन, वायरल बुखार, खांसी जैसी बीमारियां हो सकती है।

      गले में दर्द होने से पहले सावधानी

      कुछ दर्द ऐसे होते हैं जिनके होने से पहले ही उनका बचाव किया जा सकता है। निम्नलिखित सावधानियां बरतने से गले में दर्द से बचाव किया जा सकता है।
      हाथ धोएं: खाने से पहले और खाने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं। टॉइलट के बाद, छींकनें और खांसी करने के बाद अपने हाथ ठीक से जरूर धोएं।
      हैंड सेनिटाइजर्स यूज करें: अगर किसी समय हैंड वॉश या साबुन उपलब्ध नहीं है, तो हाथ धोने के लिए हैंड सैनिटाइजर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
      घर की चीजों की नियमित सफाई: घर की वस्तुएं जैसे टीवी का रिमोट और कंप्यूटर, की-बोर्ड आदि को हर दिन साफ़ करें।

      गले में दर्द के योगासन

      गले में दर्द के योगासन

      गले में इन्फैक्शन को दूर करने के लिए योग से बेहतर उपाय कुछ नहीं है। योग करने से गले की समस्या जड़ से खत्म हो सकता है। नीचे दिए कुछ योगासन करने से गले में दर्द की परेशानी दूर होगी।

    • भुजंगासन- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद हथेली को कंधे की सीध में रखें। अपने दोनों पैरों के बीच दूरी ना रखें। इसके बाद गहरी सांस लें। शरीर के आगे वाले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। ध्यान दें कमर पर ज़्यादा खिंचाव ना पड़े। कुछ सैकेंड्स इसी अवस्था में बने रहें। गहरी सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं। शुरूआत में दो से तीन बार करें।
    • हलासन- पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को जांघों के निकट टिका लें। धीरे- धीरे पांव को मोड़े बगैर पैरों को 90 डिग्री तक उठाएं। सांस छोड़ते हुए पैरों और पीठ को उठाते हुए सिर के पीछे लेकर जाएं। पैरों की उंगलीयों को जमीन से स्पर्श करें। धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। जितनी देर तक सहनीय हो इस अवस्था को धारण करें।
    • सुक्तवज्रासन- दाएं पैर को मोड़कर दाएं नितम्ब की ओर रखें। बाएं पैर को मोड़कर बाएं नितम्ब की ओर रखें। पंजों को मिलाते हुए एड़ियों पर आसन जमा लें। दोनों घुटनों को सटा कर रखें। हथेलियों का सहारा लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर लेट जांए। जितना हो सके अपने सिर को अंदर की ओर रखें। आसन की इस स्थिति में हाथों को जांघों पर रखें। एक मिनट तक इसका अभ्यास करें।

      गले में दर्द के लिए खानपान

      गले में दर्द के लिए खानपान

      गले में दर्द होने की कई वजह हो सकती है। इंफैक्शन या टोंसिल्स होने के कारण भी गले में दर्द की समस्या हो जाती है। बदलते मौसम के कारण सर्दी जुकाम आदि होने की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में अपने गले का खास ध्यान रखना चाहिए। अगर खानपान की आदतों में सुधार किया जाए तो गले में दर्द की समस्या पैदा ही नहीं होगी।

    • अधिक तला हुआ खाने से गले में खराश होने लगती है।
    • ताज़ा बनाए हुए भोजन का ही सेवन करें।
    • ठंडी चीज़ों के सेवन से परहेज़ करें।
    • कम मसाले वाला खाना ही खाएं।

    इस लेख से आपको गले में दर्द के कारण और उपाय जानने में मदद मिलेगी। साथ ही बताए गए उपायों को नियमित रूप से करने पर दर्द से छुटकारा मिलेगा।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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