इन यूनानी जड़ी बूटियों से ताउम्र रहेंगें गले के दर्द से दूर

इन यूनानी जड़ी बूटियों से ताउम्र रहेंगें गले के दर्द से दूर

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    यूनानी चिकित्सा पध्दति को जुकाम, बुखार, गले में दर्द, अस्थमा आदि बीमारीयों को दूर करने का अच्छा उपाय माना जाता है। हालांकि इलाज के दौरान कई तरह के परहेज़ करने पड़ते हैं। ये दवाइयां गले में दर्द के लिए असरदार साबित होती है। और सबसे बेहतरीन बात यह है कि इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं होता है।

    गले में दर्द की बात करें तो मांसपेशियों में खिंचाव होने की वजह से भी दर्द होने लगता है। बोलते समय मांस का खिंचना गले में दर्द का एक प्रमुख लक्षण है। यदि आपको बोलते समय मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है तो तुरंत जांच करवाएं। ऐसे में अगर आप भी गले के दर्द से परेशान है तो नीचे दी गई जड़ी नीचे गले में दर्द की कुछ यूनीनी दवाइयां दी गई हैं।

    गले में दर्द के लिए यूनानी उपचार

    गले में दर्द के लिए यूनानी उपचार

    • जोशांदा- यह यूनानी दवा जड़ी बुटियों से बनी है और खांसी, जुकाम के लिए बेहद कारगार है। इससे गले में दर्द से राहत मिलती है।
    • जोशिना- यूनान में इस दवा का बहुत अधिक महत्व है। जड़ी बुटियों से बनी ये दवा गले के दर्द पर तुरंत असर करती है।
    • सदुरी सिरप- हमदर्द सदुरी गले में खराश को ठीक करने वाला सिरप है। सांस लेने में तकलीफ ,काली खांसी आदि में भी इसका सेवन कारगार साबित होता है।
    • उन्नाब- इस दवा को प्रयोग करके खांसी ठीक हो जाती है। इसे पीने से गले में दर्द तुरंत ठीक हो जाता है।
    • खाकसी- ये गले में खराश ,चुभन को ठीक करता है। छाती में जमे बलगम को निकालने में भी मदद करती है।
    • बाबुइ तुलासी- इस दवा से एलर्जी, अस्थमा आदि बीमारीयों को दूर करने में सहायता मिलती है।
    • मुलेठी- गले में दर्द को ठीक करने के लिए मुलेठी फायदेमंद साबित होती है। इसमें गले की हर तकलीफ़ को दूर करने के गुण पाएं जाते है।

    इन दवाओं के साथ खान-पान का खास ध्यान रखें। खट्टे फलों का सेवन ना करें। जुकाम होने पर कई लोग संतरे का जूस पीते हैं, ऐसा करने से वास्तव में गले का दर्द और बढ़ जाता है। संतरे और अन्य खट्टे रस व फल खाने से गले की परेशानी बढ़ सकती है। नमकीन खाद्य पदार्थ जो सिरका और नमक से बनते हैं, गले में दर्द, सूजन और जलन को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं।

    जिन लोगों को गले में दर्द की समस्या रहती है, उनके लिए टमाटर हानिकारक साबित हो सकता है। अधिक तले हुए पदार्थों का सेवन ना करें। यदि आप खान-पान का परहेज़ नहीं करेंगें तो दवाओं का असर ठीक प्रकार से नहीं होगा। यूनानी चिकित्सा पध्दति धीरे-धीरे काम करती है। पर यह रोगों को जड़ से मिटाने में सहायक होती है।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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