अब नही सताएगा उंगली में दर्द, अपनाइए कुछ ऐसे उपाय

अब नही सताएगा उंगली में दर्द

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    इंसान के हड्डियों की संरचना में उंगलियों के बेहद महत्वपूर्ण स्थान होता है। हाथ की उंगली में दर्द बड़ा कष्ट देता है। हाथ के सबसे अगले भाग में स्थित प्रत्येक में 5 अंगुलियां होती हैं। सामान्य परिस्थितियों में हाथों और पैरों के मिलाकर इंसान के पास कुल 20 अंगुलियां होती ही हैं। इन्हीं में जड़ तक हड्डियों के रूप में ही नाखूनों का विकास होता है। हाँथ की 5 अंगुलियों में अंगुष्ठ यानी अंगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका ओर कनिष्ठ के नाम से भी जानते हैं जिनका हमारे दैनिक जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है।

    उंगली में दर्द हो जाने की स्थिति में इंसान कष्ट में आ जाता है। इससे दैनिक जीवनशैली का प्रभावित होना तय है। आज इस लेख से उंगली के दर्द के पीछे का कारण, लक्षण सहित निदान के कुछ ऐसे पहलुओं के बारे में चर्चा करेंगे जिसे अमल में लाकर काफी हद तक ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है।

    उंगली में दर्द के प्रमुख कारण

    उंगली में दर्द के प्रमुख कारण

    कलाई में तांत्रिक के दब जाने से हांथों में सुन्नता का अनुभव होता है। इसके चलते हाथ की उंगली में दर्द होना स्वाभाविक है। इंसान की उंगलियां कलाई पर ही टिकी होती हैं। अधिक शारीरिक व्यायाम या फिर मेहनत के कारण भी इनमे दर्द का होना आम है। पुरानी चोट के कारण भी समय के परिवर्तन पर इस तरह की समस्या हो जाती है। किसी खेल या कार्य के दौरान मोच या अकड़ने के चलते भी उंगली में दर्द हो जाता है। उंगलियों में दर्द के पीछे सबसे बड़ा कारण कैल्शियम की कमी के साथ गठिया या फिर आर्थराइटिस का होना भी होता है। इसके चलते इस तरह की समस्या व्यापक रूप ले लेती है।

    बदलता मौसम भी लाता है उंगली में दर्द

    बदलता मौसम भी लाता है उंगली में दर्द।

    यदि जीवन मे कभी भी किसी भी वजह से आपको कोई चोट या मोच का सामना करना पड़ा है और आपने उसका प्रॉपर उपचार नही किया तो यह आदत हाथ की ऊँगली में दर्द का कारण बन सकती है। मौसम के बदलने के साथ ही इस तरह की समस्याओं का पनपना शुरू हो जाता है। सर्दियों का मौसम ऐसे रोगों के लिए सबसे माकूल समय होता है। इस मौसम में हड्डियों से जुड़ी मांसपेशियों में संकुचन के चलते रक्त संचार की स्थिति में परिवर्तन होता है जिसके चलते हाथ और पैर की उंगली में दर्द हो जाता है। इसके अलावा यदि इंसान गठिया या जोड़ों के दर्द से प्रभावित है तब भी इस मौसम में दर्द का हो जाना एक सामान्य बात मानी जाती है। सर्दियों के साथ ही बरसात के दिनों में पुरवा हवा के चलने से भी उंगली में दर्द की शिकायत हो जाती है।

    पुरुषों में उंगली दर्द

    पुरुषों में उंगली दर्द

    स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना में कुछ अंतर होने के चलते कई तरह की समस्याओं का अलग-अलग स्थिति में सामने आना स्वाभाविक है। पुरुषों में कई बार खान पान की विसंगतियों के चलते उंगली दर्द जैसी समस्या हो जाती है। अधिक शारीरिक श्रम करने के कारण हथेलियों के चोट मोच या फिर संक्रमण के चलते ऐसा खतरा बना रहता है। कुछ आंतरिक रोगों मसलन हड्डियों में संक्रमण के चलते भी उंगली में दर्द की शिकायत हो जाती है। इसके अलावा शरीर मे कैल्शियम की कमी और यूरिया के स्तर का बढ़ जाना भी एक बड़ा कारण माना जाता है।

    महिलाओं में उंगली दर्द

    महिलाओं में तेजी के साथ हार्मोनल गतिविधियां चेंज होती हैं। इस तरह के बदलाव के साथ हाथ की उंगली में दर्द हो ही जाता है। इस तरह में बदलाव के पीछे हाथों के पंजों में संकुचन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मासिक धर्म के दौरान कैल्शियम और आयरन की कमी भी महिलाओं में उंगली दर्द के रूप में सामने आता है। रजो निवृत्ति महिलाएं जो उम्र की ढलान पर होती हैं उनमें गठिया रोग के चलते यह समस्या उत्पन्न हो जाती है। घरेलू कामकाज की विसंगतियों के चलते भी चोट या अकड़न उंगली दर्द का कारण बन जाता है। वैसे इस तरह की समस्याओं के पीछे कई बार अनुवांशिक परिस्थितियों को भी बड़ा कारण माना गया है।

    उंगली में दर्द के प्रमुख लक्षण

    वैसे तो उंगली दर्द एक सामान्य स्थिति के रूप में जाना जाता है यदि इसका असर सामान्य चोट या मोच के चलते हुए हो। हथेली में झनझनाहट, सुन्नता हाथ की उंगली में दर्द के बड़े लक्षण माने जाते हैं। हथेलियों का रह रहकर चटकना या फिर उंगली के किसी हिस्से में सूजन भी इस तरह की समस्या का लक्षण माने जाते हैं। उंगलियों को हिलाने डुलाने में दर्द का आभास या फिर इनके जोड़ो में गांठ जैसी स्थिति का अचानक उत्पन्न होना भी। लक्षणों में शुमार किये जाते हैं। नाखूनों में परिवर्तन सहित हथेलियों के निचले भाग में जहां रेखाएं होती हैं उनमें सूजन और दर्द का भी लक्षण उत्पन्न हो जाता है। कई बार स्किन पर चकत्तों और खुजली के साथ भी इस तरह के लक्षण प्रकट होते हैं।

    उंगली में दर्द से पहले इस तरह करें बचाव

    उंगली में दर्द के पीछे वैसे तो कई कारक होते हैं लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा कि इनमें कभी दर्द हो ही ना!! जी हां, कुछ शरीर के साथ कुछ सावधानियां बरतने के साथ ही इंसान काफी हद तक ऐसी परिस्थिति से बचाव कर सकता है। आधुनिक युग मे स्मार्टफोन की लत कभी ना पालें। सोशल मीडिया पर चैट के चक्कर मे घंटों तक फोन हाथ मे लेकर टाइपिंग करने से बचें। खान पान की विकृति से ही यूरिया का शरीर मे जमना शुरू होता है इसलिए संतुलित आहार का सेवन समस्या से करें। हमेशा सकारात्मक सोच अपनाएं और कैल्शियम की भरपूर खुराक का सेवन करें। यदि शरीर मे कैल्शियम जैसे तत्व की कमी नही होगी तो यकीन मानिए उंगली में दर्द जैसी समस्या का सामना करना ही नही पड़ेगा। अधिक शारीरिक कामकाज के साथ ही खेलकूद ओर घरेलू क्रियाकलाप के दौरान हथेलियों पर ज्यादा दबाव ना  बनाएं। ऐसे ही कुछ उपाय करके काफी हद तक ऐसी दर्दनाक परिस्थितियों से बचा जा सकता है।

    उंगली में दर्द हो जाने पर उपचार

    यदि लाख बचाव करने पर भी हाथ की उंगलियों में दर्द हो रहा है तब आपको इसके सटीक उपचार की जरूरत होती है। आधुनिक युग मे दर्द के इलाज के लिए दुनिया मे कई तरह की उपचार पद्धतियाँ मौजूद हैं जिन्होंने अपने उपचार माध्यम से कई असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त किया है। हाथ की उंगली में दर्द से बचाव के लिए ऐलोपैथ, आयुर्वेद, यूनानी सहित होम्योपैथी उपचार माध्यम दवा के रूप में मौजूद हैं। इन्हीं उपचार विधाओं से उंगली दर्द का इलाज काफी हद तक किया जा सकता है।

    उंगली दर्द में यूनानी दिलाए स्थाई समाधान

    हड्डियों में संक्रमण हो या फिर किसी भी कारण से इनमे दर्द की स्थिति बन गई हो, इन सबमें यूनानी दुनिया का सबसे सफल और स्थाई इलाज माना जाता है। उंगली दर्द हो जाने पर हकीम या चिकित्सक मरीज की उम्र और मौजूदा परिस्थितियों और टेस्ट के हिसाब से मर्ज का उपचार शुरू करता है। हर्बल विधा से बनाए गए दवाओं द्वारा इलाज बेहद सुरक्षित होता है जिसका कोई साइड इफेक्ट नही होता। कई तरह के माजूनों के सेवन की सलाह के साथ कुछ परहेज उंगली में दर्द जैसी व्याधियों को जड़ से समाप्त कर देते हैं। यूनानी चिकित्सा से गठिया और सर्वाइकल जैसी समस्याओं का भी सफलता से निदान हुआ है जो इस तरह के मर्ज का कारण बन जाती हैं।

    ऐलोपैथ दिलाए उंगली दर्द से फौरी राहत

    ऐलोपैथ दुनिया की इकलौती ऐसी उपचार विधा है जो हाथ की उंगली में दर्द के दौरान तुरंत राहत दिलाती है। इस तरह की समस्या के दौरान ऐलोपैथ चिकित्सक कई तरह की जांच कराने के साथ उपचार आरम्भ कर हैं। इस उपचार के दौरान पेन किलर और एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल होता है। ऐलोपैथ से उपचार तुरंत राहत तो देता है लेकिन कई तरह के साइड इफेक्ट भी छोड़ जाता है। हालांकि इस तरह का उपचार स्थाई समाधान तो नही देता लेकिन दर्द में लंबे समय तक राहत जरूर पहुँचाता है।

    आयुर्वेद से उंगली दर्द का उपचार

    जड़ी बूटियों के माध्यम से नाड़ी पकड़ कर आयुर्वेद में सदियों से इलाज की परंपरा रही है। वैद या चिकित्सक मरीज की नाड़ी पकड़ने के साथ ही पारंपरिक दवाओं के माध्यम से उंगली दर्द का उपचार करते हैं। आधुनिक युग मे जांच के आधार पर आयुर्वेदिक दवाओं को चुनाव के आधार पर दर्द समाप्त करने के लिए दिया जाता है जिसमें दर्द नाशक अशोक और अश्वगंधा जैसी दवाएं शामिल होती हैं। यह उपचार माध्यम यूनानी की तरह ही असर करता है जिसके परिणाम काफी लाभकारी साबित हुए हैं।

    उंगली दर्द में होम्योपैथी से उपचार

    होम्योपैथी एक ऐसी जर्मन विधा है जिसका असर शरीर पर बहुत धीमी गति से होता है। इसमें कई तरह के द्रव वाली दवाओं को पानी मे मिलाकर पीने के लिए दिया जाता है। इस उपचार माध्यम से भी कई मरीजों को उंगली दर्द से राहत मिलती है लेकिन कई तरह के परहेज के चलते उपचार लंबा खिंच जाता है। मरीज दवा के साथ परहेज अपनाकर लंबे इलाज के बाद दर्द से राहत पा सकता है।

    उंगली दर्द में जीवनशैली संबंधित जरूरी सुझाव

    हाथ की उंगली में दर्द ना हो या फिर हो जाने की स्थिति में कुछ सुझाव मरीज के लिए मील का पत्थर साबित होते हैं। मानसिक तनाव लेने से बचें क्योंकि ऐसा करने से सकारात्मक जीवन हड्डियों को मजबूत करती है। खान पान में सुधार लाएं। खान पान से ही शरीर मे यूरिक एसिड बनता है जिससे दर्द की स्थिति हो जाती है। समय से नींद पूरी करें। भोजन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाए। दूध, पनीर सहित लाल मांस और अंडों के साथ हरी सब्जियों का इस्तेमाल करें। दर्द के दौरान ज्यादा प्रोटीन युक्त और वसा का सेवन ना करें। वजन पर नियंत्रण रखें। पानी की भरपूर मात्रा का सेवन करें और दर्द की स्थिति में डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करें। ऐसा करने से उंगली में दर्द से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।

    डॉ विवेक

    • 9 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ विवेक को होम्योपैथी में स्नातक हैं. इनकी चिकित्सा से देश के हज़ारों मरीज गठिया रोग से निजात पा चुके हैं. डॉ विवेक को इस क्षेत्र में 8 साल का अनुभव है. डॉ विवेक का कहना है कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति समरूपता के सिद्धांत (like cures like) पर काम करती

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