उपचार के इन 5 तरीकों से दूर हो जाएगा रीढ़ की हड्डी का रोग

उपचार के इन 5 तरीकों से दूर हो जाएगा रीढ़ की हड्डी का रोग

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    रीढ़ की हड्डी का रोग का घरेलू उपचार वास्तव में एक ऐसा नायाब तरीका है जो सबसे सेफ तो होता ही है बल्कि फायदा भी बहुत करता है। लाभ के मामले में कुछ प्रारंभिक उपचार वास्तव में काबिले तारीफ होते हैं। इंसानी रीढ़ शरीर का ऐसा हिस्सा है जो हर पल दिनचर्या निपटाने में सहायक होती है। कमर सर गर्दन तक जुड़ी इस हड्डी पर दिल से लेकर फेफड़ों तक का जुड़ाव रहता है। आम तौर पर हल्की चोट या मोच भी अक्सर इंसान को कमर दर्द या रीढ़ की समस्या से परेशान कर देती है। बढ़ती उमर में हड्डियों के कमजोर होने का मसला हो या फिर गलत तरीके से बैठने उठने या फिर खड़े होने का, ये परिस्थितियां हर बार रीढ़ के रोगों की वजह बन जाती है। गठिया की समस्या हो या फिर रीढ़ के कार्ड के चटकने या टूटने का मामला वास्तव में यह एक जटिल समस्या छोड़ जाता है। इस लेख से आज हम कुछ ऐसे घरेलू उपचार पर चर्चा करेंगे जिनके सटीक प्रयोग से काफी हद तक रीढ़ के दर्द दूर किये जा सकते हैं।

    रीढ़ की हड्डी से संबंधित जटिलताएं।

    रीढ़ की हड्डी से संबंधित जटिलताएं

    वैसे तो रीढ़ के रोग के प्रकार के हो सकते हैं जो सामान्य से लेकर जटिलतम स्थिति के धोतक होते हैं। एक ऐसी स्थिति जो अनुवांशिक स्थिति के कारण प्रकट होती है यह बेहद कष्ट कारी होती है। हार्मोन्स ओर ऐंटीबॉडी स्थितियों के चलते जीन में मौजूद तत्व किसी भी उम्र में रीढ़ के रोग शरीर में उत्पन कर सकते हैं। इस स्थिति में दवाओं का सेवन जहां रोग को कंट्रोल करने का काम करता है तो वहीं कुछ घरेलू उपाय बेहद कारगर साबित हो सकते हैं।

    सरसों तेल और कपूर से मसाज।

    सरसों तेल और कपूर से मसाज

    रीढ़ की हड्डी का दर्द का घरेलू उपाय वास्तव में कई तरीकों से किया जा सकता है और उसमें सरसों का तेल काफी उपयोगी साबित हो सकता है। रीढ में दर्द होने पर सरसों के तेल में हल्का सा कपूर मिलाकर गुनगुना कर लें। गुनगुना हुए इन तेल को हल्के हाथों से रीढ़ की हड्डी और पीठ पर मालिश करें। पीठ की हड्डी के साथ ही कमर के निचले हिस्से में हक्का मसाज दें। इस तेल की हल्की मालिश से मांशपेशियों को नई ऊर्जा तो प्राप्त होती ही है साथ ही नरम ऊतकों को भी काफी राहत प्राप्त होती है। ध्यान रहे कभी भी रीढ़ की हड्डी को तेज या दबाव डालकर मालिश नही करना चाहिए।

    धतूर के पत्ते के फायदे।

    धतूर के पत्ते के फायदे

    रीढ़ की हड्डी का दर्द का घरेलू उपाय में धतूरे का पत्ता काफी लाभदायक साबित हो सकता है। धतूरे में मौजूद तत्व प्राकृतिक दर्द नाशक का काम करता है। यह कई रूपों में रीढ़ के रोगों में उपयोगी साबित हो सकता है। रीढ़ की हड्डी में दर्द होने के साथ ही आरंभिक उपाय के तहत धतूरे के पत्तों को पीसकर रीढ़ और कमर पर लेपन करना चाहिए। इस तरह से दिन में 2 बार इसका लेप करने से दर्द में बेहद राहत प्राप्त होती है। धतूरे के बीज को भी पीसकर रीढ़ की हड्डी में लगाने से काफी लाभ मिलता है। कई तरह के दर्दों को दूर करने में आयुर्वेद की दवा के रूप में सदियो से इसका प्रयोग होता आया है।

    बर्फ़ से करें सिंकाई।

    रीढ़ दर्द में बर्फ़ से करें सिंकाई

    रीढ़ के दर्द में बर्फ की सिंकाई भी काफी राहत दे सकती है। यदि किसी चोट की वजह से दर्द हो रहा हो तो तुरंत ही बर्फ के टुकड़ों से रीढ़ की हड्डियों को हल्का मसाज दिया जाना चाहिए। इस मसाज से मांसपेशियों में रक्तसंचार की स्थिति सही होती है और कैल्शियम की भी आपुर्ति बढ़ जाती हैं बर्फ की सिंकाई स्व नर्म ऊतकों की क्षति होने से बचाई जा सकती है। ऊतकों के एक जगह जम जाने की वजह से आगे चलकर काफी कष्टकारी स्थिति बन सकती है लिहाजा इसका प्रयोग काफी असरदार साबित हो सकता है। इसके अलावा गर्म पानी से सिंकाई भी काफी लाभ दे सकती है। गर्म पानी या पोटली से हड्डियों के जोड़ों की सिंकाई से दर्द तो दूर होता ही है बल्कि नर्म ऊतकों और पिंडलियों में सूजन भी कम होने लगती है। दर्द के दौरान हुई सिंकाई से काफी राहत महसूस होती है।

    रीढ़ दर्द में अदरक के सूप का सेवन।

    रीढ़ दर्द में अदरक के सूप का सेवन

    अदरक हमारे किचन में आसानी से मिलने वाला ऐसा पदार्थ है जिसका सेवन हम कई रूपों में करते आये हैं। अदरक की चाय पीने का मामला हो या फिर काढ़ा सबमें इनका प्रयोग होता ही है। सब्जियों के मसाले के रूप में प्रयोग किये जाने से लेकर सलाद में भी इसका प्रयोग होता रहा है। इसमवन मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व ओर दर्दनाशक तत्व हड्डियों का दर्द भगाने में बेहद महती भूमिका का निर्वहन करते हैं। 2 से 3 चम्मच अदरक का अर्क या जूस सुबह शाम प्रयोग करने से हड्डियों के रोग दूर होने लगते हैं। गठिया या अर्थराइटिस के दर्द में एक से दो चम्मच अदरक के अर्क में 1 चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से कई तरह के रोग दूर होने लगते हैं। खासकर रीढ़ की हड्डियों के जटिल रोगों में भी इसके जूस का सेवन करने से शरीर से अवशिष्ट पदार्थों का बाहर निकलना आरम्भ होने लगता है।

    रीढ़ का दर्द मिटाने में करें लहसुन का सेवन।

    रीढ़ का दर्द मिटाने में करें लहसुन का सेवन

    लहसुन एक प्रकृति एंटीफंगल और एन्टीबायोटिक होता है। इसके सेवन से शरीर में वात और पित्त जैसी समस्याओं का हरण होने लगता है। रीढ़ की हड्डी में दर्द कम करने के लिए कई बार शरीर से कफ और वात रोगों को संतुलित करना पड़ता है। लहसुन को एक कली खाली पेट इस्तेमाल करने से वात रोगों में बेहद लाभ होता है। इसके अलावा सुबह शाम एक से दो चम्मच लहसुन का जूस सेवन करने से हड्डियों के दर्द दूर होने लगते है। कई बार ऐसा देखा गया है कि वात रोग के बढ़ने से हड्डियों के दर्द बढ़ जाते हैं इसलिए घरेलू उपाय इन लहसुन बड़े काम की चीज साबित हो सकता है।

    रीढ़ का दर्द संबंधित जरूरी सुझाव।

    ऊपर दिए गए नुस्खे वाकई बेहद लाभकारी साबित हो सकते हैं लेकिन कई बार इनकी मात्रा के बारे में सही जानकारी आवश्यक होती है। यदि इनके सटीक सेवन के बावजूद दर्द में कमी ना आ रही हो तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह से उपचार आरम्भ करना चाहिए।

    डॉ फहद

    • 6 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ फाहद यूनानी चिकित्सा पध्दति के विशेषज्ञ हैं। इन्हें यूनानी दवाओं से विभिन्न जटिल रोगों जैसे जोड़ो में दर्द, बैक पेन, रीढ़ की हड्डी का इलाज करते हुए लगभग पाँच साल का अनुभव हो गया है। आयुर्वेद की तरह यूनानी में भी नब्ज यानी नाड़ी देखकर रोग की पहचान की

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