पीठ दर्द से सम्बंधित मुख्य जटिलताएं।
सामान्य जीवन में हल्की चोट या मोच के चलते होने वाला पीठ दर्द हो या फिर गलत तरीके से सोने, उठने ओर बैठने से यह सामान्य श्रेणी का होता है। ऐसी समस्या के दौरान जोड़ों के ऊतकों में हल्का खिंचाव सहित मांसपेशियों में जकड़न होती है जो हल्की मालिश के बाद स्वतः समाप्त हो जाती है। पीठ हमारी रीढ़ की हड्डियों को आपस में जोड़े रखने के साथ ही इसका सीधा संबंध हृदय और सीने की हड्डियों से भी होता है। के कारणों के चलते फेफड़ों में होने वाला संक्रमण सेवधे तौर पर पीठ को प्रभावित करता है। आंतरिक संक्रमण के चलते दर्द की स्थिति बेहद जटिल हो जाती है और कई बार जीवन भी संकट में पड़ जाता है। इंसान अपनी दैनिक दिनचर्या में खानपान के महत्व को नजरअंदाज कर गलत खान पान या आहार की तरफ बढ़ता है। इंसानी आदत का यही हिस्सा उसे भारी पड़ता है। कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के चलते भी कई बार ऐसा देखा गया है कि पीठ में दर्द हो ही जाता है। पीठ दर्द की जटिलताओं में टीबी रोग से लेकर गठिया रोग बेहद जटिल स्थिति पैदा कर देती है।
पीठ दर्द में लाभदायक है ताजा फलों का जूस।
गर्मी में पीठ दर्द में खान पान के लिए ताजे फलों का जूस बेहद अहम होता है। मौसमी फलों में लीची, संतरा, अंगूर सहित गाजर के जूस हड्डियों के जोड़ों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। गर्मी के मौसम में जूस का सेवन पीठ दर्द भगाने का एक अहम तरीका माना जाता है। जूस पीने के अलावा सीधे तौर पर भी हम फलों का सेवन कर सकते हैं। फलों में परोक्ष रूप से कैल्शियम और खनिज तत्वों की मौजूदगी होती है जो शरीर से अवशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालकर हड्डियों को स्वस्थ बनने का काम करती हैं। इंसान को अपने वजन के अनुसार फलों के जूस का नियमित सेवन करने की आवश्यकता होती है। ज्यादा मात्रा में जूस का सेवन भी नुकसान पहुंचा सकता है। उम्र और वजन के लिहाज से संतुलित मात्रा में फलों का सेवन मांसपेशियों को नई ऊर्जा देता है। आजकल बाजार में रेडी पटरी पर दुकान सजाकर बर्फ मिलाये हुए जूस बेचने वालों से परहेज रखें और नार्मल जूस पियें।
हल्दी वाला दूध का करें भरपूर सेवन।
दूध कई तरह से बाजार में उपलब्ध होता है। अक्सर खबरें आती हैं कि फलां दूध में मिलावट पाई गई! यदि हम गांव में रहते हैं तो देशी गाय या भैंस का दूध सेवन कैल्शियम युक्त भी होता है और मिलावट रहित भी। यदि शहर में हैं तो भी हमें दूध की गुणवत्ता के बारे में जानकर ही उपयोग में लाना चाहिए। मिलावटी दूध शरीर को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। दूध ऐसा तत्व है जो गर्मी में पीठ दर्द में खान पान के लिए बेहद उत्तम है। आहार में नियमित तौर पर इसको शामिल करें। शाम को सोने से पहले गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी या फिर एक चम्मच शहद डालकर पीने से पीठ की हड्डियों हुआ संक्रमण भी दूर होने लगता है। हल्दी को आहार में इसलिए भी शामिल करना आवश्यक है क्योंकि यह एक उत्तम गुणवत्ता का एन्टी ऑक्सीडेंट होता है जो हड्डियों में मौजूद फ्लूड की सुरक्षा तो करता ही है साथ ही नर्म ऊतकों के संक्रमण को रोकने में भी काफी कारगर होता है।
गर्मी में पीठ दर्द का आहार के लिए जंक फूड को कहें अलविदा।
आज की युवा पीढ़ी जंक फूड के पीछे दीवानी नजर आती है। अक्सर देखने में आता है कि लोग दफ्तर में कई तरह के जंक फूड ऑनलाइन ऑर्डर कर प्रयोग में लाते हैं। यह हड्डियों के लिए जितना नुकसानदेह है उतना ही शरीर के अन्य भागों के लिए भी। ऐसे खाद्य पदार्थ मोटापा बढ़ाने के साथ ही दिल की बीमारियों को भी बढ़ाने का काम करते हैं। मोटापा बढ़ने से हड्डियों में घर्षण होना स्वाभाविक है। एक मोटा व्यक्ति उठने बैठने में अपनी पीठ को सही दिशा में नही रख पाता जिसके चलते बैक पेन होना स्वाभाविक है। यदि हड्डियों को सुरक्षित रखना है तो जंक फूड को हमेशा के लिए बॉय बॉय बोलना होगा।
गर्मी में पीठ दर्द में आहार के लिए जरूरी सुझाव।
गर्मी के मौसम में पानी सबसे आवश्यक होता है। भोजन के बिना तो कुछ घण्टे रहा जा सकता है लेकिन पानी बिना नही! गर्मियों के मौसम में शरीर को निर्जलीकरण से बचाना एक बड़ी चुनौती होती है। इस मौसम में लू के थपेड़े चलते हैं। जब भी पीठ दर्द महसूस जो तब हर एक घंटे पर थोड़ा थोड़ा पानी ग्लूकोज के साथ या नीबू के साथ लेते रहें। इसके अलावा हरे पुदीने का रस पानी में मिलाकर लेते रहने से दर्द से भी राहत मिलती है साथ ही शरीर मे पानी की भी कमी नही रहती। ऊपर दिए गए आहार के तरीके फायदा तो पहुंचाते हैं लेकिन पीठ दर्द ज्यादा बढ़ने पर चिकित्सकी परामर्श आवश्यक हो जाता है।