पिंडलियों में रहता है दर्द तो अपनाएं ये घरेलू उपचार

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    पिंडलियों में दर्द एक आम समस्या है जो पुरुषों, महिलाओं, बच्चों किसी को भी हो सकती है। ज़रूरत से अधिक शारीरिक श्रम करने या एक ही पोज़ीशन में लंबे समय तक काम करने से यह समस्या उत्पन्न होती है। अक्सर ये दर्द बहुत गंभीर नहीं होते और कुछ घरेलू उपायों से इनका इलाज संभव है।
    लेकिन पिंडलियों में दर्द के इलाज के लिए ज़रूरी है कि आप उसके लक्षणों पर गौर करें और उसके अंतर्निहित कारणों को जानें। एक बार दर्द का कारण पता चल जाने पर उसी के अनुसर उसका उपचार किया जा सकता है।

    इन घरेलू उपायों से पिंडलियों के दर्द से मिल सकती है राहत

    इन घरेलू उपायों से पिंडलियों के दर्द से मिल सकती है राहत

    • आहार में प्रोटीन शामिल करें: मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन बहुत ज़रूरी है। प्रोटीन की कमी से शरीर में दर्द होने लगता है। बहुत अधिक शारीरिक श्रम के बाद शरीर में ऊर्जा बनाए रखना भी ज़रूरी होता है। ऐसे में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें। इसके लिए आप अपने भोजन में अंडे, चिकन, मछली, स्प्राउट्स और दालें शामिल कर सकते हैं।
    • अधिक से अधिक पानी पीएं: पानी हमारे शरीर में नमी बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर से विषैल पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। निर्जलीकरण से शरीर में जकड़न, दर्द आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि आप अधिक से अधिक पानी पीएं। दिन में थोड़ा-थोड़ा पानी पीने की आदत डालें। सोने से पहले पानी ज़रूर पीएं।
    • तेल से मालिश करें: मालिश करने से शरीर की मांसपेशियों को गर्माहट मिलती है और रक्त प्रवाह में वृद्धि होती है। यदि आपको पिंडलियों में दर्द की शिकायत है तो रोज़ाना पाइन, लैवेंडर, पिपरमेंट और अदरक आदि तेल की मालिश करें। इससे मांसपेशियों की सूजन दूर होगी और दर्द से निजात मिलेगा।
    • स्ट्रेचिंग करें: कई दफ़ा चोट के कारण भी पिंडलियों में दर्द होता है। यदि पिंडलियों की मांसपेशियां ज़्यादा टाइट हैं तो चोट लगने की संभावना बढ़ जाती हैं। स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों के तनाव को कम किया जा सकता है और मांसपेशियों को लचीला बनाया जा सकता है। लचीली मांसपेशियों में चोट लगने की संभावना कम होती है।
    • हीट थेरेपी लें: मांसपेशियों की मोच, जकड़न और ऐंठन को दूर करने के लिए हीट थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। गर्मी से मांसपेशियों के दर्द से आराम मिलता है और जकड़न कम होती है। लेकिन दर्द बहुत अधिक हो तभी हीट थेरेपी लें क्योंकि ज़्यादा हीट लेने से सूजन बढ़ सकती है।
    • रोज़ाना व्यायाम करें: आमतौर पर लोग नियमित व्यायाम को ज़रूरी नहीं मानते लेकिन रक्त की आपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिए व्यायाम बहुत फायदेमंद है। व्यायाम न करने से मांसपेशियों में रक्त परिसंचरण बाधित होता है और मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति पूरी नहीं हो पाती। नियमित व्यायाम रक्त वाहिकाओं को सक्रिय करने में मदद करता है।
    • लाल मिर्च का इस्तेमाल करें: सुनकर हैरानी हो सकती है क्योंकि लाल मिर्च का नाम सामने आते ही मिर्ची लगने लगती है। लाल मिर्च को लेकर आम समझ यही है कि खाने में इसका अधिक इस्तेमाल करने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन दर्द वाली जगह पर इसका पेस्ट लगाने से पिंडलियों के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। पेस्ट बनाने के लिए आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर को जैतून के तेल या नारियल के तेल में मिलाएं। लेकिन तेल को गर्म करना न भूलें।
    • रोज़ाना योग करें: योग बहुत ही उपयोगी प्राचीन तकनीक है जो पिंडलियों में दर्द के उपचार में काफ़ी फायदेमंद है। उत्तानासन, पूर्वोत्तानासन, अश्वसंचालासन, वीरभद्र आसन, एक पद अधोमुख श्वानास आदि पिंडलियों के दर्द में बहुत उपयोगी साबित होंगे।
    • खिंचाव या मोच के लिए RICE का अनुसरण करें: मामूली चोटों, खिंचाव या मोच के लिए उपचार के रूप में RICE (Rest, Ice, Compression, Elevation) का इस्तेमाल किया जाता है:
    • आराम (Rest): दर्द से राहत पाने के लिए आराम करें।
    • बर्फ (Ice): दर्द वाली जगह पर लगभग 20 मिनट तक बर्फ लगाएं। इससे दर्द से निजात मिलेगा।
    • दबाव (Compression): सूजन व दर्द कम करने के लिए दर्द वाली जगह को लोचदार पट्टी से बांधें लेकिन बहुत कसकर न बांधे। इससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।
    • ऊपर उठाना (Elevation): इसमें टांगों को हृदय तक ऊपर उठाने की कोशिश की जाती है। यह तकनीक सूजन दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

    पिंडलियों में दर्द का घरेलू उपचार के नियमित अभ्यास से पिंडलियों के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन अगर किसी घरेलू नुस्खे से फायदा नहीं हो रहा है तो उसे नज़रअंदाज़ न करें। ऐसा करने से दर्द बढ़ सकता है। इसलिए किसी चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें।

    डॉ फहद

    • 6 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ फाहद यूनानी चिकित्सा पध्दति के विशेषज्ञ हैं। इन्हें यूनानी दवाओं से विभिन्न जटिल रोगों जैसे जोड़ो में दर्द, बैक पेन, रीढ़ की हड्डी का इलाज करते हुए लगभग पाँच साल का अनुभव हो गया है। आयुर्वेद की तरह यूनानी में भी नब्ज यानी नाड़ी देखकर रोग की पहचान की

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