पिंडलियों के दर्द में इस तरह का खानपान पहुंचाएगा आराम

पिंडलियों के दर्द में इस तरह का खानपान पहुंचाएगा आराम

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    पिंडलियों में दर्द होना एक आम समस्या है जिसे सही खान पान के ज़रिए ठीक किया जा सकता है। दरअसल, यह समस्या खराब जीवन शैली के चलते पौष्टिक आहार न लेने के कारण होती है। पौष्टिक आहार न लेने से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। रोज़ाना विभिन्न शारीरिक क्रियाएं करने और चोट से उबरने के लिए पर्याप्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करने के लिए भी ज़रूरी है कि आप विटामिन और मिनरल से भरपूर आहार का सेवन करें और बाहर का चटर-पटर न खाएं।

    किस तरह के आहार का करें सेवन?

    किस तरह के आहार का करें सेवन

    पिंडली पैर के बीच का भाग होता है। यदि आपकी जांघें और शरीर का ऊपरी भाग मज़बूत नहीं है तो पिंडलियों पर अधिक भार पड़ता है। इसलिए ज़रूरी है कि ऐसे आहार का सेवन करें जो आपके संपूर्ण शरीर को ऊर्जा प्रदान करे। हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।

    टांगों को मज़बूत करते हैं ये खाद्य पदार्थ

    इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो टांगों के विकास में मदद करें व सूजन और दर्द दूर करें। इसके लिए अपने आहार में गाजर, शलगम, अजवाइन, चुकंदर, जिकामा, अदरक, हल्दी और खीरे को शामिल करें। लेकिन ध्यान रहे आपके आहार में ये सभी चीज़ें शामिल होनी चाहिए। एक-दो चीज़ों के सेवन से कुछ लाभ नहीं होने वाला।

    अदरक से दूर होगी सूजन

    अदरक से दूर होगी सूजन

    दुनिया में उपजाए जाने वाले तमाम मसालों में अदरक सबसे उपयोगी मसाला है। 100 से भी अधिक बीमारियों के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है। इसमें एंटि-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं इसलिए यह सूजन दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा यह दर्द से भी निजात दिलाता है। यदि आपको पिंडलियों में दर्द की समस्या है तो नियमित रूप से अदरक की चाय पीएं।

    दूध और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों से मिलेगा कैल्शियम

    दूध और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों से मिलेगा कैल्शियम

    दूध, चीज़, दही, फिश (जैसे कि सालमन), बीन्स, बादाम, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। यह एक तरह का मिनरल है जो हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है। इसके अलावा यह रक्त प्रवाह में वृद्धि करने में भी सहायक है। पिंडलियों की हड्डियों और मासपेशियों को मज़बूती प्रदान करने के लिए कैल्शियम से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए।

    विटामिन डी के लिए खाएं सी-फूड

    सी-फूड जैसे कि ट्यूना, मैकेरल, सालमन आदि विटामिन डी का अच्छा स्रोत है। विटामिन डी हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है। चोट से उबरने के लिए भी विटामिन डी बहुत फ़ायदेमंद है। खिलाड़ियों और अधिक शारीरिक श्रम करने वालों को अक्सर चोटें लगती रहती हैं। विटामिन डी की कमी से इन चोटों से उबरने में काफ़ी वक्त लग सकता है। 30 के बाद महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप विटामिन डी से भरपूर आहार का सेवन करें। इसके लिए अपने आहार में दालें, अंडे, चीज़, गोमांस जिगर और दूध से बनी चीज़ें शामिल करें।

    फलियों के सेवन से पाएं मैग्नीशियम

    बॉकला या कॉमन बीन की खाद्य फलियों और बीज में मैग्नीशियम पाया जाता है। मैग्नीशियम शरीर में ऊर्जा बढ़ाने, निद्रा और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा यह हार्मोन्स को संतुलित करने और शरीर में एंजाइम संबंधी विभिन्न क्रियाओं में भी मदद करता है। इसकी कमी से आपको थकान, उल्टी कमज़ोरी, अनिद्रा और मांसपेशियों में खिंचाव की शिकायत हो सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप मेग्नीशियम से भरपूर आहार का सेवन करें। इसके लिए अपने आहार में आप हरी पत्तेदार सब्ज़ियों, ब्रॉकोली, फूलगोभी, सीफूड (जैसे सालमन, मैकोरल, ट्यूना) को शामिल करें। इसके अलावा एवोकैडो, केले, रसबेरी जैसे फल खाएं। मैग्नीशियम के लिए आप डार्क चॉकलेट भी खा सकते हैं।

    एपल सीडर विनेगर से बनाए रखें शरीर की नमी

    एपल सिडर विनेगर के सेवन से शरीर में नमी बनी रहती है। नमी बनाए रखने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी भी पीते रहें। पानी शरीर से विषैल पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
    नमी बने रहने से शरीर में दर्द और सूजन की समस्या नहीं होती।

    इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज़

    पिंडलियों के दर्द में क्या खाएं के साथ यह भी पता होना चाहिए कि क्या न खाएं। पिंडलियों के दर्द में निम्न खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें:

    • ग्लूटन (लसलसे खाद्य पदार्थ)
    • डेयरी प्रोडक्ट
    • रिफाइंड व्हाइट शुगर
    • डब्बे बंद खाद्य पदार्थ या प्रिज़रवेटिव्स
    • शराब

    डॉ अनस

    • 6 Years of Experience
    • (BUMS)

    मैं डॉ अनस यूनानी चिकित्सा पद्धति में बैचलर हूँ। जोड़ों के दर्द ( Joints pain) और बैक पेन ( back pain) पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द जैसी समस्या के उपचार में मुझे 5 साल का अनुभव है। मैनें अपने उपचार से हजारों रोगियों को एक नया जीवन प्रदान

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