घुटने के दर्द में बेहद असरदार हैं ये प्राकृतिक उपाय

घुटने के दर्द में बेहद असरदार

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    पैरों का पूरा वजन हमारे घुटने उठाते हैं। घुटने हाइड्रोलिक की तरह लगातार काम करते रहते हैं वह भी बिना थके। जब इन्हीं में विकृति हो जाती है तब उठाना बैठना दूभर हो जाता है। मसलन सर्दियों का मौसम इस तरह की समस्या के लिए सबसे माकूल समय होता है। लिगामेंट में चोट मोच या फिर हड्डियों में लगातार घर्षण के चलते घटने में दर्द हो ही जाता है। इस तरह की समस्या को गठिया के नाम से भी जाना जाता है। पुरानी चोट का समय से उपचार ना होने की वजह से यह अर्थराइटिस का रूप धारण कर लेता है। शरीर मे बढ़ा यूरिया का लेवल भी इस तरह का दर्द बढ़ा देता है।

    एक सर्वे के मुताबिक पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं इस दर्द से दुखी रहती हैं। इंसान दर्द होने के साथ ही कई तरह के उपचार के लिए चिकित्सक की तरफ भागता है लेकिन यदि उसे घर बैठे उपचार मिल जाये तो कितना अच्छा हो। जी हाँ!! आपकी रसोई में मौजूद कुछ चीजों से घुटना दर्द का बेहतर इलाज किया जाना आसान भी है और सस्ता भी। इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिनका प्रयोग दर्द हर लेगा।

    घुटनों के दर्द का कारण

    चोट लगने पर आमतौर पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यही आदत आगे चलकर घुटनों के दर्द के रूप में सामने आ जाता है। यह दर्द गठिया के नाम से भी जाना जाता है। बढ़ता वजन हड्डियों में घर्षण पैदा करता है जिससे जोड़ प्रभावित होते बैन और दर्द शुरू हो जाता है। हालांकि कुछ मामलों में गह रोग अनुवांशिक कारणों की वजह से भी हो जाता है। इसके अलावा मधुमेह या डाइबिटीज के रोगियों की हड्डियां कमजोर पड़ जाती हैं। रहन सहन या फिर खान पान की गुणवत्ता से समझौता और भोजन में कैल्शियम की कम मात्रा इस्तेमाल करने से भी दर्द बढ़ जाता है।

    घुटनों में दर्द के लक्षण

    हड्डियों या घुटनों में दर्द के समय चिल्हकन का अनुभव होता है। जोड़ों में सुन्नता का आना, पैरों को मोड़ने पर तकलीफ होना जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं। इसके अलावा घुटनों में सूजन का भी अनुभव होता है। सूजन के साथ मांसपेशियों में खिंचाव सहित बुखार का आना भी एक सामान्य से लक्षण होते हैं।

    घुटना दर्द में घरेलू उपाय

    घरेलू नुस्खे किसी भी उपचार माध्यम की अपेक्षा सबसे सुरक्षित और सस्ते होते हैं। कुछ ऐसे ही नुस्खों का इस्तेमाल घुटनों के दर्द में खासा असरदार होता है।

    नीलगिरी और पुदीना

    नीलगिरी और पुदीना एक प्राकृतिक दर्दनाशक माना जाता है। नीलगिरी और पुदीने के तेल की बराबर मात्रा लेकर एक चौथाई जैतून का तेल मिलाकर एक कांच की शीशी में रखें। इस मिश्रण को कुछ दिनों के लिए जमीन के नीचे छांव वाली जगह पर दबा दें। कुछ दिनों बाद इसे निकालकर घुटनों पर मालिश करने से दर्द गायब होने लगता है। ऐसा दिन में 3 बार करने से एक सप्ताह में दर्द में आराम मिल जाता है।

    हल्दी, दूध और शहद

    दूध जहां कैल्शियम का बड़ा स्रोत होता है तो हल्दी अपने एंटीबायोटिक गुणों के कारण जानी जाती है। एक गिलास गुनगुने दूध में एक चुटकी हल्दी पाउडर के साथ एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर मे कैल्शियम की मात्रा बनी रहती है और घुटनों में सूजन समाप्त हो जाती है।

    अदरक और नीबू

    एक बड़ा टुकड़ा अदरक को अच्छे से काटकर थोड़े से पानी मे उबलने के लिए रख दें। बचे हुए पानी मे एक चम्मच शहद और नींबू की कुछ बूंदें मिलाकर पी जाएं। ऐसा दिन में दो बार करें। करीब एक सप्ताह तक उपयोग में लाने से घुटनों के दर्द गायब होने लगता है। इसके सेवन से शरीर मे मौजूद टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं।

    अदरक और नीबू

    सेब के सिरके का सेवन

    सेब का सिरका घुटनों के दर्द में अचूक औषधि के रूप में इस्तेमाल होता रहा है। 2 चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी मे मिलाकर दिन में दो बार पीने से दर्द में आराम मिलता है।

    सब के सिरके का सेवन

    कुछ जरूरी सलाह और सावधानियां

    ऊपर दिए गए नुस्खे बेहतर तो होते हैं लेकिन इनकी मात्रा का सेवन बताए गए निर्देशों के अनुरूप ही करें। खान पान की गुणवत्ता को बढ़ाएं। खाने में कैल्शियम और आयरन की मात्रा को बढ़ाएं। पानी का अधिक मात्रा में सेवन करें। पानी पीने से शरीर मे मौजूद टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं। घुटनों को हल्का मसाज के साथ हिलाते डुलाते रहें।

    डॉ नीतू

    • 6 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

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