जानें क्या हैं अंगूठे में दर्द के एलोपैथिक इलाज के फायदे और नुकसान

जानें क्या हैं अंगूठे में दर्द के एलोपैथिक इलाज के फायदे और नुकसान

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    अंगूठे में दर्द आना एक बेहद दर्दनाक स्थिति है जिसमें तुरंत उपचार की ज़रूरत होती है।एलोपैथी इलाज इसका एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह रोगी को तुरंत आराम पहुंचाता है। इसके माध्यम से दर्द के कारण आई सूजन व दिक्कतों को आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके लिए आपको नॉन स्टेरायडल एंटी-इंफ्लामेट्री दवाएं खाने को दी जाती हैं।

    इसके अलावा अगर तीव्र दर्द की स्थिति में आपके अंगूठे का लिगामेंट टूट या फट जाए तो उसे सर्जरी के ज़रिए कम समय में ठीक किया जा सकता है। साथ ही अंगूठे के जोड़ को मज़बूत और लचीला बनाने के लिए फीज़ियोथेरेपिस्ट आपको थेरेपी या उचित व्यायाम करने की सलाह भी दे सकते हैं।

    कैसे करवाएं अंगूठे में दर्द का एलोपैथी इलाज

    कैसे करवाएं अंगूठे में दर्द का एलोपैथी इलाज

    यूं तो अंगूठे में दर्द के कई इलाज हैं लेकिन अगर आपका दर्द असहनीय है तो आपको एलोपैथिक इलाज का सहारा लेना चाहिए। एलोपैथिक इलाज भी कई तरीकों से हो सकता है तो आइए जानते हैं इसके प्रकार-

    सर्जरी के बिना अंगूठे के दर्द का इलाज

    अगर दर्द गंभीर नहीं है तो बिना सर्जरी के उसका उपचार किया जा सकता है। इसके लिए दर्द से प्रभावित अंगूठे के जोड़ को पट्टी या बैंडेज से बांधा जाता है जिससे कि वह अपने स्थान से हिले नहीं। आपको कुछ दिनों के लिए अंगूठे का इस्तेमाल करने से मना किया जा सकता है। दर्द में दर्द और सूजन से राहत दिलाने के लिए डॉक्टर आपको दर्द वाली जगह पर बर्फ लगाने की सलाह दे सकते हैं। दर्द वाली जगह पर 2-3 दिन तक ऐसा करने से आपको काफी आराम मिलेगा लेकिन त्वचा पर सीधे बर्फ न लगाएं। बर्फ को किसी कपड़े में बांधकर दर्द वाली जगह पर लगाएं।

    अंगूठे में दर्द को ठीक होने में थोड़ा समय लग सकता है। ऐसे में लंबे समय तक अंगूठा इस्तेमाल न करने से उसके जोड़ों में अकड़न महसूस हो सकती है। इसके लिए डॉक्टर आपको अंगूठे का व्यायाम करने की सलाह भी दे सकते हैं।

    सर्जरी द्वारा अंगूठे में दर्द का इलाज

    तीव्र दर्द की स्थिति में आपके अंगूठे को भारी नुकसान पहुंच सकता है। आपके अंगूठे का लिगामेंट टूट सकता है। इसके लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। सर्जरी के ज़रिए टूटे हुए लिगामेंट को फिर से हड्डी से जोड़ा जाता है या टूटी हुई हड्डी का उपचार किया जाता है। सर्जरी के बाद लिगामेंट को पूरी तरह ठीक होने में 3 से 6 हफ्तों का वक्त लग सकता है।

    कई दफा मरीज़ अंगूठे में दर्द को ज़्यादा गंभीरता से नहीं लेते। ऐसे में समय पर उपचार न किए जाने से यह दर्द गंभीर रूप धारण कर लेती है और हाथ में दर्द व कंधे में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। अंगूठे के जोड़ अस्थिर हो सकते हैं। यहां तक कि यह समस्या गठिया में भी तब्दील हो सकती है। ऐसी स्थिति में भी तब सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। इसमें लिगामेंट के पुन: निर्माण के लिए हाथ के ऊपरी ऊतकों का इस्तेमाल किया जाता है।

    अंगूठे में दर्द के लिए आर्थोस्कोपिक तकनीक

    ऑर्थोस्कोपी आधुनिक शल्य चिकित्सा तकनीक है जिसका इस्तेमाल जोड़ के क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने के लिए किया जाता है। अंगूठे में तीव्र दर्द की स्थिति में जब लिगामेंट या जोड़ को अधिक नुकसान पहुंचता है तब इसका इस्तेमाल किया जाता है। अगर किसी कारण टूटा हुआ लिगामेंट गठिया में तब्दील हो जाए तो भी इस तकनीक के ज़रिए सर्जरी की जाती है।
    इस तकनीक में अंगूठे में एक पतली नली (ऑर्थोस्कोपी) डाली जाती है जिसकी लंबाई 1.9 मिलीमीटर हो सकती है। इसमें लेंस लगे होते हैं जो अंगूठे के अंदर की स्थिति को बड़ा करके दिखाते हैं जिससे कि डॉक्टर क्षतिग्रस्त मांसपेशियों, लिगामेंट्स व नरम ऊतकों की पहचान कर सकें।
    यह दर्द रहित बेहद प्रभावी आधुनिक तकनीक है जिसमें संक्रमण का खतरा कम रहता है।

    अंगूठे में दर्द का एलोपैथी इलाज के फायदे

    अंगूठे में दर्द का एलोपैथी इलाज के फायदे

    दर्द की स्थिति में मरीज़ को तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। इस लिहाज़ से एलोपैथी इलाज दर्द में फायदेमंद साबित हो सकता है। इसका एक अन्य लाभ सफल शल्य चिकित्सा है। अंगूठे में तीव्र दर्द की स्थिति में अक्सर सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। आमतौर पर यह सर्जरी पूरी तरह सफल रहती है। क्योंकि सर्जरी के लिए बिना चीर-फाड़ आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए किसी तरह के संक्रमण का डर नहीं रहता।

    अंगूठे में दर्द का एलोपैथी इलाज के नुकसान

    अंगूठे में दर्द में सूजन व दर्द दूर करने के लिए दी जाने वाली दर्द निवारक दवाइयों के कई साइडिफेक्ट्स भी होते हैं इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही आपको उनका सेवन करना चाहिए। इसका एक अन्य नुकसान यह भी है कि अगर सर्जरी ठीक से न की जाए तो शरीर पर उसके बेहद घातक प्रभाव पड़ सकते हैं। आपको दोबारा सर्जरी करवाने की भी आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि किसी अच्छे सर्जन से ही सर्जरी करवाएं।

    डॉ आलिया

    • 7 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ आलिया यूनानी चिकित्सा में स्नातक हैं. इन्हें कंधे के दर्द को ठीक करने में महारत हासिल है. इस विधा में इन्हें करीब 6 साल का अनुभव है. अपने इलाज से डॉ आलिया ने कंधे दर्द जैसे रोगों के लिए देश के हज़ारों मरीजों का सफलता से उपचार किया है.

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