जानें क्या है सर्वाइकल और कैसे करें इसका इलाज

जानें क्या है सर्वाइकल और कैसे करें इसका इलाज

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    सर्वाइकल की समस्या आजकल केवल बड़ों में ही नहीं बल्कि छोटे बच्चों में भी सुनने को मिलती है। यह एक ऐसी समस्या है जो गर्दन के हिस्से में स्थित सभी हड्डियों व जोड़ों को प्रभावित करती है। और निरंतर इसमें दर्द बना रहता है।

    सर्वाइकल के कारण

    आमतौर पर सर्वाइकल के शिकार 40 साल से ऊपर के लोग होते हैं। लेकिन आजकल युवावस्था में ही लोग सर्वाइकल के शिकार होते जा रहे हैं। इसके कई कारण हैं। तो आइए जानते हैं सर्वाइकल किन-किन कारणों से होता है।

    • गलत ढंग से सोना- कई लोगों को पेट के बल सोने की आदत होती है। ऐसा करने से आपके गर्दन की नसों में खिंचाव आ जाता है। जो बाद में सर्वाइकल का रूप ले लेता है।
    • भारी वज़न उठाना- भारी वज़न वाला सामान जैसे सिलेंडर और ईंट आदि उठाने के कारण भी सर्वाइकल की समस्या हो जाती है। क्योंकि भारी वज़न उठाने से गर्दन की हड्डियों मे दबाव आ जाता है। और दर्द होता है।
    • एक ही अवस्था में बैठना- अक्सर हम एक ही स्थिति में बैठकर काम करते हैं। जिसके कारण हमारे गर्दन को आराम नहीं मिल पाता और हम सर्वाइकल के शिकार हो जाते हैं।
    • कैल्शियम की कमी- शरीर में अगर लंबे समय तक कैल्शियम की कमी बनी रहे तो ऐसे में आपका शरीर कई तरह के रोगों का शिकार हो सकता है। जिसमें से सर्वाइकल का होना आम है।
    • धुम्रपान- सिगरेट विषैले पदार्थों से मिलकर बना होता है जिसके कारण हमारे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। और गर्दन में सर्वाइकल की शिकायत होने लगती है।

    सर्वाइकल होने के लक्षण

    सर्वाइकल होने के लक्षण

    जब तक हम शरीर में होने वाली बीमारी के लक्षण का पता नहीं लगा लेते तब तक उसका इलाज सम्भव नहीं है। यदि आप भी सर्वाइकल के लक्षण को नहीं पहचान पा रहे हैं तो ऐसे में आज हम आपको इस दर्द के कुछ लक्षण बताने जा रहे हैं जिसकी सहायता से आप सर्वाइकल का पता लगा पाएंगे। तो आइए जानते हैं।

    • कंधे व पीठ के ऊपरी भाग में दर्द होना।
    • दर्द का गर्दन से फैलकर कंधों तक आ जाना। और बार-बार कमज़ोरी महसूस होना।
    • गर्दन हिलाने पर पीठ, कंधों और गर्दन में असहनिय दर्द होना।
    • अधिक पसीना आना व अचानक वज़न कम होने लगना।
    • गर्दन के साथ-साथ हाथों में झनझनाहट महसूस होना।
    • सोने के बाद करवट लेने में दर्द का सामना करना।

    मौसम में बदलाव के कारण सर्वाइकल

    मौसम बदलने के साथ केवल सर्दी-जुकाम ही परेशान नहीं करता बल्कि इसके कारण शरीर में और भी कई तरह के रोग लग जाते हैं। सर्वाइकल भी मौसम में बदलाव के कारण हो सकता है। ऐसे में अगर आपको पहले कभी सर्वाइकल हुआ है तो मौसम बदलने के साथ सर्वाइकल का दर्द दोबारा पनप सकता है।

    सर्वाइकल का इलाज

    सर्वाइकल होना एक आम समस्या है। ये किसी बड़ी बीमारी की तरफ़ संकेत तो नहीं करता लेकिन समय रहते इसका सही उपचार नहीं हुआ तो ये किसी घातक बीमारी में तब्दिल हो सकता है। तो आज हम आपको सर्वाइकल ठीक करने के कुछ इलाज के तरीके बताने जा रहे हैं।

    सर्वाइकल का घरेलू इलाज

    सर्वाइकल का घरेलू इलाज

    इन घरेलू उपयों को नियमित रूप से करने पर आप सर्वाइकल की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं।

    • आइस पैक से देगा आराम- आइस पैक का इस्तेमाल दर्द व सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। अगर आपके गर्दन में भी दर्द की शिकायत है तो बर्फ का सेक करें। ये सूजन और हड्डियों के दबाव को कम करता है।
    • सिरका से मिलेगी राहत- सर्वाइकल के दर्द में आराम के लिए सिरका एक रामबाण इलाज है। इसके इस्तेमाल के लिए एक सूती कपड़े को सिरके में भीगा कर उसे गर्दन पर रखें। कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। ऐसा करने से सर्वाइकल के दर्द में आराम मिलेगा।
    • पेपरमिंट के तेल की सिकाई- इसके इस्तेमाल के लिए ठंडे पानी में 3 से 4 बूंद पेपरमिंट तेल डालें। अब इसमें किसी साफ़ कपड़े को भीगा कर गर्दन की सिकाई करें। 10 से 15 मिनट ऐसा करने से गर्दन की मांसपेशियां खुलेंगी और अकड़न की शिकायत भी दूर होगी।
    • नेक कॉलर का इस्तेमाल- सर्वाइकल के दर्द को कम करने के लिए गर्दन में नेक कॉलर लपेटें। ये आपके सिर के भार को संभालने में मदद करता है।
    • सेंधा नमक का प्रयोग- रोज़ाना पानी में 2 कप सेंधा नमक डालकर स्नान करने से सर्वाइकल की शिकायत दूर होती है।

    सर्वाइकल का आयुर्वेदिक इलाज

    सर्वाइकल का आयुर्वेदिक इलाज

    अधिकांश लोग आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल ज़्यादा करते हैं। क्योंकि इन दवाइयों में बीमारी को जड़ से खत्म करने की शक्ति होती है। और ये शरीर को किसी भी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचाती हैं। आयुर्वेदिक दवाइयां अनेक जड़ी बूटियों से मिलकर बनी होती हैं। जो केवल लाभदायक ही नहीं होती बल्कि ये सबसे सस्ता उपचार भी माना जाता है। सर्वाइकल के दर्द में आप चिरायता, बबूल, गुलाब आदि का इस्तेमाल करके दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। क्योंकि इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल सर्वाइकल के दर्द की दवाइयां बनाने में किया जाता है।

    सर्वाइकल का यूनानी इलाज

    सर्वाइकल का यूनानी इलाज

    प्राचिन काल से ही यूनानी दवाइयों का इस्तेमाल होता आया है। यूनानी दवाइयां होम्योपैथी दवाइयों की तरह ही काम करती हैं। लेकिन इनका असर व्यापक होता है। यदि आप सर्वाइकल से पीड़ित हैं तो यूनानी दवाइयां आपके लिए जड़ी-बूटी का काम करेगी। इन दवाइयों का इस्तेमाल करते समय तला, भूना, खट्टा, मिर्च, मसाला या किसी भी ऐसी चीज़ों का सेवन करने से बचना चाहिए जो गैस बनाती हैं। अन्यथा ये आपकी बीमारी में कोई असर नहीं दिखाएंगी।

    सर्वाइकल का होम्योपैथी इलाज

    सर्वाइकल का होम्योपैथी इलाज

    शरीर में चाहे कोई भी रोग हो इसे ठीक करने के लिए ज़्यादातर लोग एलोपैथी दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मामूली दर्द जैसी समस्या के लिए पारंपरिक दवाइयों का प्रयोग करके कई तरह के साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है। और ये दवाइयां दर्द को कम करने में काफ़ी सहायता भी करती हैं। ये दवाइयां जल्द असर नहीं दिखाती इसलिए इसका इस्तेमाल लंबे समय तक करना पड़ता है। लेकिन इनमें बीमारी को जड़ से खत्म करने की शक्ति होती है। यदि आप भी सर्वाइकल के दर्द से परेशान हैं और चाहते हैं की ये दोबारा ना हो तो इसके लिए किसी चिकित्सक की सलाह से होम्योपैथी दवाइयों का सेवन करें।

    सर्वाइकल का एलोपैथी इलाज

    आजकल इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोगों के पास इतना समय नहीं होता की वो किसी भी बीमारी के इलाज के लिए होम्योपैथी या आयुर्वेदिक उपचार का सहारा लें। ऐसे में लोग एलोपैथी उपचार पर ज़्यादा भरोसा रखते हैं। क्योकि सूजन व दर्द जैसी समस्या में एलोपैथी दवाइयां ही सबसे कारगार हैं। ये बीमारी में तुरंत आराम देने वाला होता है। लेकिन इस इलाज के बाद बीमारी के दोबारा जन्म लेने की संभावनाएं रहती है।

    सर्वाइकल में फायदेमंद है योग

    सर्वाइकल में फायदेमंद है योग

    योग हर रोग की दवा है। यदि आप भी सर्वाइकल की समस्या से परेशान हैं तो ऐसे में योग ही आपका सच्चा साथी है। तो आज हम आपको गर्दन की हड्ड़ी को स्वस्थ बनाए रखने के कुछ योग बताने जा रहे हैं। जिसे आज़माकर आप सर्वाइकल की समस्या से आसानी से बच सकते हैं। तो आइए जानते हैं। सर्वाइकल से छुटकारा पाने के कुछ आसान योग।

    • मार्जरी आसन- इसे करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों को आगे की तरफ़ फर्श पर रखें और शरीर को बीच से ऊपर उठाएं व गर्दन को नीचे की तरफ़ झुकाएं। कुछ देर बाद गर्दन उपर उठा लें। 2 से 3 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। यह गर्दन के दर्द को ठीक करने का एक अचूक इलाज है।
    • सेतुबंधासन- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। उसके बाद दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें व हाथों को फर्श पर रखें। अब शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाने की कोशिश करें। इससे गर्दन की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान होती है। और दर्द नहीं होता।
    • मत्स्यासन- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं व शरीर के अगले हिस्से को ऊपर की ओर ले जाएं। इस अवस्था में गर्दन को नीचे फर्श के समान्तर ही रखें। इस आसन को करने से सिर दर्द, गर्दन दर्द, और गले मे अकड़न की समस्या दूर होती है।
    • धनुरासन- इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेटकर दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। अब हाथों से अपने उठे हुए पैरों के तलवे को पकड़ने की कोशिश करें। जितना हो सके अपने पैरों के बीच फासला बनाएं। कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें। इस आसन से छाती, गर्दन, कंधे और सर्वाइकल की जकड़न दूर होती है।
    • भुजंगासन- इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और पंजो को सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे शरीर के अगले हिस्से को ऊपर उठाएं। और थोड़ी देर इसी अवस्था में बने रहें। इस योग को करने से गर्दन से सम्बन्धित सभी परेशानियां दूर होती हैं|

    सर्वाइकल होने से पहले सावधानियां

    सर्वाइकल में स्पाइनल कोर्ड दब जाती है। जिसके कारण ब्लेडर पर नियंत्रण खत्म हो जाता है। और गर्दन में तेज़ दर्द उठता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रख कर सर्वाइकल से बचा जा सकता है। तो आइए जानते है।

    • ऊंचे तकिए पर ना सोएं।
    • बिस्तर की जगह फर्श पर सोने की कोशिश करें।
    • कैल्शियम युक्त आहार लें।
    • गर्दन को आराम दें ज़्यादा देर तक एक ही स्थान पर बैठकर काम ना करें।
    • ज़्यादा देर तक ऐसी में ना रहें।
    • गर्दन सीधे रखकर गाड़ी चलाएं।

    सर्वाइकल में खानपान

    सर्वाइकल में खानपान

    शरीर में लगने वाले आधे रोग गलत खानपान के कारण होते हैं। ऐसे में सर्वाइकल होने का कारण भी गलत खानपान हो सकता है। यदि आप सर्वाइकल से झूझ रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि सर्वाइकल में किस तरह का भोजन करना चाहिए। तो आइए जानते हैं।

    क्या नहीं खाएं-

    • तेज़ मिर्च मसाले वाली चीज़े ना खाएं।
    • ठंडी व खट्टी चीज़ो का सेवन बिल्कुल ना करें।
    • बादी चीज़ें जैसे आलू, अरबी, और कटहल आदि खाना कम करें।
    • पीने के लिए हमेशा गुनगुने पानी का ही प्रयोग करें.
    • शराब को नज़रअंदाज़ करें।

    क्या खाएं-

    • खाने मे सूखे मेवे जैसे अखरोट, बादाम आदि का सेवन करें।
    • अपने आहार में ताज़े फल व हरी सब्ज़ियों को शामिल करें।
    • अदरक, लहसुन, हल्दी और प्याज़ आदि ज़्यादा खाएं।
    • ज्यादा से ज़्यादा पानी पीएं।
    • दूध व दूध से बनी चीज़ें जैसे पनीर, मक्खन और दही को अपने आहार में शामिल करना बिल्कुल ना भूलें।

    सर्वाइकल होने के बाद रोकथाम

    कई बार अनेक परहेजों और सावधानियों के बावज़ूद भी सर्वाइकल की समस्या हो जाती है। ऐसे में जल्द से जल्द इसे नहीं रोका गया तो ये गंभीर रोग में बदल सकते हैं। तो आज हम आपको बताएंगे की कैसे आप कुछ परहेजों को करके सर्वाइकल के दर्द से बच सकते हैं। तो आइए जानते हैं।

    • ऐसी में रहने के कारण भी सर्वाइकल की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर आपको सर्वाइकल की समस्या है तो ऐसी में बैठने से बचें।
    • सख्त तकिए के इस्तेमाल से आपका सर्वाइकल और बढ़ सकता है। इसलिए अगर आप सर्वाइकल के शिकार हैं तो सख्त तकिए पर ना सोएं।
    • भारी वज़न वाला सामान ना उठाएं। क्योंकि इससे भी सर्वाइकल होने का खतरा बना रहता है।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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