एड़ी का दर्द संबंधित जटिलताएं।
पैरों की हड्डियां कई लेयर या प्लेटों के साथ चेन की तरह आपस मे जुड़ी होती हैं। किसी भी जोड़ में तनाव, खिंचाव या दर्द के दौरान एक दूसरे जोड़ों में दर्द हो ही जाता है। दुनिया में हड्डियों के रोगों से संबंधित कई सर्वे होते रहते हैं। जीवनशैली में लगातार परिवर्तन या खान पान की गुणवत्ता को सुचारू ना रखने के चलते हड्डियों की विकृति सामने आने लगती है। आम तौर पर सामान्य चोट या फिर खिंचाव से शरीर को ज्यादा नुकसान नही होता लेकिन अर्थराइटिस और गठिया जैसे रोग कई बार लाइलाज की श्रेणी में आ जाते हैं। इन रोगों की जटिलताएं ना हों इसलिए खानपान में सुधार और के साथ प्रारंभिक उपचार के लिए होम रेमेडीज का प्रयोग ज्यादा सही रहता है। दुनियाभर में आहार की विकृति के चलते लाखों लोग रोजाना हड्डियों से संबंधित रोगों की चपेट में आ जाते हैं। मधुमेह और अनुवांशिक कारण हड्डियों से संबंधित रोगों के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं।
एड़ी का दर्द घरेलू उपचार में लाभकारी है अदरक।
अदरक ऐसा प्राकृतिक दर्दनाशक है जिसका सटीक प्रयोग एड़ी के दर्द का इलाज में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। अदरक को चाय या फिर काढ़े के रूप में सेवन करने से कफ जैसी परेशानी से निजात मिलती है। हड्डियों के रोगों में कफ का भी बड़ा योगदान होता है। एड़ी में दर्द होने पर एक चम्मच अदरक के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट नित्य सेवन करने से काफी लाभ होता है। इसके अलावा अदरक के रस की एक से दो चम्मच मात्रा को हल्का नमक मिलाकर सेवन करने से हड्डियों में मौजूद यूरिया बाहर निकलना शुरू हो जाता है। इसके सेवन से दर्द में तो राहत होती ही है बल्कि हड्डियों को कैल्शियम की आपूर्ति के साथ रक्तसंचार भी सामान्य रहता है। इसके अलावा काली मिर्च के साथ अदरक का सेवन काफी लाभदायक माना जाता है।
एड़ी में दर्द मिटाने के लिए करें सेब के सिरके का सेवन।
सेब के सिरके में मौजूद अम्ल कई तरह के रोगों की एक दवा के रूप में विख्यात है। एड़ी के दर्द में इलाज के लिए एक से दो चम्मच सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह शाम प्रयोग करने से लाभ मिलता है। खाली पेट इसका सेवन ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें मौजूद तत्व खून से यूरिक एसिड की मात्रा के बाहर निकालते हैं साथ ही हाज़मे को भी दुरूस्त करने का काम करते हैं। फैटी लिवर की समस्या होने पर भी इस सिरके का सेवन काफी लाभ देता है। विटामिन डी की मात्रा को हड्डियों में संवाहक के तौर पर पहुंचाने और अवशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में इस दवा का प्रयोग काफी असरदार साबित हो सकता है।
लहसुन का सूप दिलाए एड़ी दर्द से राहत।
लहसुन एक उत्तम कोटि का एन्टी फंगल तो होता ही है साथ ही यह एक बेहतरीन एन्टी इन्फ्लामेट्री और एन्टी ऑक्सीडेंट का काम करता है। लहसुन का सेवन हम अपने दैनिक जीवन में लगभग रोजाना करते ही हैं। सब्जियों से लेकर दाल और मसालों तक में इसके सेवन से जायका बढ़ जाता है। एड़ी का दर्द का घरेलू उपचार के लिये खाली पेट लहसुन की एक कली का सेवन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। लहसुन पेट में पहुंचकर गंदे बैक्टीरिया को तो समाप्त ही करता है बल्कि हड्डियों में जमा अवशिष्ट पदार्थों को भी साफ करने का कार्य करता है। इसके अलावा लहसुन को हम सलाद में कच्चे तौर पर सेवन कर सकते हैं। एन्टी वायरल होने के चलते शरीर में कई तरह के वायरस को मारने में भी इसका प्रयोग काफी उत्तम माना जाता है। लहसुन के सूप का सेवन काफी महत्वपूर्ण होता है। एड़ी में दर्द होने पर 4 से 5 कली लहसुन को कूटकर पानी मे उबाल लें। पानी मे उबालने के बाद इसे ठंडा करके पी जाएं। ऐसा करने से दर्द में काफी राहत मिलती है।
एड़ी का दर्द सम्बन्धित जरूरी सुझाव।
एड़ी का दर्द का घरेलू उपचार के लिए होम रेमेडीज के ऊपर बताये गए नुस्खे बेहद असरदार होते हैं। इन नुस्खों को अपनाने के साथ ही कुछ अन्य उपाय भी एड़ी की परेशानी दूर कर सकते हैं। पानी की नियमित 5 से 7 लीटर मात्रा जहां शरीर को निर्जलीकरण से बचाती है तो वहीं अवशिष्ट पदार्थों को भी बाहर निकालती है। नीबू पानी या नामक चीनी का घोल गर्मियों के मौसम में शरीर की हड्डियों को नई ऊर्जा देने का काम करता है। इसके अलावा हल्का व्यायाम भी दर्द मिटाने में सहायक साबित हो सकता है। घरेलू नुस्खे या खानपान जहां शरीर को बल देते हैं तो दूसरी तरह इनका किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नही होता। यदि इन उपायों के बाद भी एड़ी दर्द से राहत ना मिलती हो तब चिकित्सक की सलाह पर दवाओं का सेवन एक बेहतर विकल्प साबित जो सकता है।