योगासन के इन तरीकों से अब नही सताएगा गर्दन दर्द

गर्दन दर्द के लिए योग

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    गर्दन के जोड़ हमारे शरीर का ऐसा हिस्सा होते हैं जिनमें दर्द हो जाने पर हम अपने चेहरे तक को इधर उधर नही घुमा पाते. कमोवेश इस दर्द के चलते मरीजों को खाने पीने तक में परेशानी उठानी पड़ जाती है. गर्दन के दर्द को चिकित्सकीय भाषा में सर्विकालजिया के नाम से भी जाना जाता है. आधुनिक दौर में भागदौड़ और विकृत खानपान के साथ दिनचर्या में लगातार परिवर्तन के चलते इस तरह के दर्द का बढ़ जाना आज के दौर में आम बात हो गई है.

    गर्दन दर्द के अन्य कारण भी हो सकते हैं. खेलते हुए मोच आना या फिर किसी चोट के चलते भी गर्दन मोड़ने या हिलाने डुलाने में समस्या हो जाती है. इस तरह की समस्या से बचने के लिए गर्म पत्तों के साथ कई तरह के चिकित्सकीय इलाज किए जाते हैं लेकिन योगा इस दर्द को दूर करने का सबसे सटीक प्राकृतिक साधन माना जाता है. इस लेख के मास्ध्यम से हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताएगें जिनके नियमित क्रियान्वयन से आपकी जिन्दगी पटरी पर आ जाएगी.

    त्रिकोणासन

    त्रिकोणासन

    इस आसन को करने के लिए मुंह सीधा करके खड़े हों. सावधान की मुद्रा में खड़े होकर अपने पैरों को जितना हो सके फैलाएं. पीठ को सीधा रखकर दोनों बाजुओं को बगल में फैला कर रखें. हलकी सांस अन्दर खींचें और अपने दाहिनी ओर झुक जाएँ. याद रखें कि दाहिना हाथ घुटनों को छू रहा हो. इसी मुद्रा में रहते हुए अपने बाएँ हाथ की तरफ देखते रहें. इस तरह कुछ देर तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें. इसके निरंतर प्रयोग से आपके शरीर को प्राकृतिक विटामिन डी प्रचुरता से मिलती है जो गर्दन की मांशपेशियों के दर्द में लाभदायक होती है.

    विपरीत करणी आसन

    विपरीत करणी आसन

    आमतौर पर यह आसन बेहद सरल माना जाता है. आसन को शुरू करने के लिए पीठ के बल लेट जाएँ और दोनों पैरों को किसी दीवार के सहरे ऊपर की तरफ उठा लें. अपनी दोनों बाजुओं को फैलाकर शरीर ज़मीन पर टिकाएं. अपनी हथेलियों को ऊपर की तरफ मोड़ कर खुला छोड़ दें. धीरे- धीरे सांस लें और बाहर छोड़ें. इस योग के माध्यम से आपकी शरीर को मसाज मिलता है. इससे गर्दन सहित अन्य जोड़ों के दर्द धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं.

    नटराज आसन

    नटराज आसन

    इस योग को करने के लिए पीठ को सीधे रखते हुए ज़मीन पर लेट जाएँ. धीरे से अपने दाएं पैर को उठाकर बाएँ पैर के उपर कीजिए. ध्यान रहे कि बायां वाला पैर सीधा रहे. पैरों को आपस में रखें और ज़मीन पर एक सीधा कोण बनने दें. दोनों हाथों को दाहिने और बाएँ तरफ फैला लें. अब आप अपने चेहरे को दाहिनी तरफ मोड़िये. एक गहरी लंबी सांस लें और छोड़ें और कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें. इस तरह आप कुछ बार इस प्रक्रिया को दोहराते रहें. इस आसन से शरीर की हड्डियाँ लचीली बन जाती हैं. खास बात यह है कि इस आसन को शिवमुद्रा भी कहा जाता है. इससे गर्दन दर्द में बहुत राहत मिलती है.

    डॉ वैशाली

    • 7 Years of Experience
    • (Physiotherapist)

    डॉ वैशाली, योगा, व्यायाम जैसे माध्यम से हड्डियों के रोग का इलाज करती हैं. इन्हें इस विधा में करीब 6 साल का अनुभव है. इनके साथ योग, व्यायाम जैसे तरीके सीखकर देश के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं. पिछले कई सालों में लगभग हर मरीज डॉक्टर वैशाली के बताए

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