शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो वह तकलीफ़ देता ही है. इंसान की हड्डियों में आन्तरिक दर्द काफी तकलीफ़ पहुंचाता है. मसलन गर्दन दर्द मांशपेशियों में खिंचाव अथवा हड्डियों के किसी भी हिस्से में संक्रमण की वजह से हो सकता है. शरीर की हड्डियां आपस में जुड़ी होती हैं. शरीर के किसी भी जोड़ में बीमारी के चलते दर्द होता है तब वह किसी भी अन्य जोड़ को प्रभावित कर सकता है.
इसके अलावा चोट मोच अथवा अन्य शारीरिक कारणों से गर्दन का दर्द बढ़ जाता है. इस तरह के दर्द में बेहतर जीवनशैली और खानपान काफी हद तक फायदा पहुंचा सकता है. दिन भर की थकान के बाद इंसान को पूरी नीद और बेहतर खानपान की जरूरत पड़ती है जो कभी कभी प्रभावित भी हो जाती है. इस लेख के माध्यम से हम कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों और खानपान के बारे में बताएंगे जिसके नियमित उपयोग से गर्दन में दर्द से बचा जा सकता है.
नीबू पानी का सेवन
सूखे मेवे में बादाम सबसे शक्तिशाली फ़ूड माना जाता है. रोज रात को सोते समय 4 से 5 बादाम को अच्छे से साफकर पानी में भिगोकर ढँक दें. सुबह बादाम पूरी तरह से फूल जाता है. अब इनके छिलके उतार लें. उतारे गए छिलका रहित बादामों को अच्छे नीबू एक तरह का दर्दनाशक होने के साथ ही बेहतर प्राकृतिक एंटीओक्सिडेंट माना जाता है. इसके सेवन से शरीर में मौजूद टोक्सिन बाहर निकल जाते हैं. इसके सेवन से हड्डियों के जोड़ों खासकर गर्दन दर्द में राहत मिलती है.
अजवाइन
अजवाइन पानी जहां शरीर की चर्बी कम करने के लिए प्रयोग में आती है वहीँ इसका प्रयोग जोड़ों और हड्डियों का दर्द कम करने में भी ही किया जाता है. यदि गर्दन में दर्द हो तो थोड़ी सी अजवाइन लेकर एक कपडे की पोटली बना लें. अब इस पोटली को तवे पर गर्म करके प्रभावित हिस्से पर सिकाई करने से आराम मिलता है.
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लहसुन
लहसुन एक तरह का प्राकृतिक दर्द नाशक माना जाता है. खाली पेट एक कली इसके सेवन से पेट दर्द दूर हो जाता है. इसके अलावा सरसों के तेल में भूनकर जोड़ों और गर्दन पर मालिश से दर्द में जल्द ही आराम मिल जाता है
दूध का सेवन
दूध एक तरह धरती का अमृत माना जाता है. इसमें मौजूद खनिज तत्व और कैल्शियम की प्रचुर मात्रा हड्डियों को बलवती बनाती है. गर्दन के दर्द में इसका भरपूर सेवन काफी लाभदायक होता है.
हरी पत्तेदार साग सब्जियां
पालक, सेम और बथुआ में कैल्शियम और ओमेगा थ्री सहित आयरन की मात्रा प्रचुरता से पाई जाती है. इसके सेवन से शरीर का रक्तसंचार सामान्य रहता है जिससे हड्डियाँ और मांशपेशियां स्वस्थ रहती हैं. इसके नियमित सेवन से गर्दन में दर्द होने की आशंका कम हो जाती है.