जोड़ों के दर्द का सबसे सटीक उपचार है स्वस्थ खानपान

जोड़ों के दर्द का सबसे सटीक उपचार है स्वस्थ खानपान

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    जोड़ों का दर्द जुबान पर आते ही मन मे कई तरह के सवाल उठने लगते हैं। बिगड़ती जीवनशैली या फिर आहार में दोष, हड्डियों को जड़ से कमजोर बना देते हैं। इंसान की हड्डियों को हर मायने में कैल्शियम और विटामिन डी के पोषण की आवश्यकता होती है जिसे खान पान या आहार की गुणवत्ता द्वारा पोषित किया जा सकता है। जोड़ों का दर्द में खानपान एक ऐसा माध्यम है जो हड्डियों को स्थाई बल प्रदान करता है। कई बार हड्डियों में दर्द बेहद सामान्य होता है तो अक्सर मामलों में यही गठिया या अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों की वजह भी बन जाता है। देर तक सोने या फिर मानसिक अवसाद से ग्रस्त मनुष्य की हड्डियों का कमजोर होना स्वाभाविक माना जाता है तो वहीं देर तक एक जगह खड़े होकर काम करने वाले लोगों में भी इस समस्या का होना पाया जाता है। चिकित्सा विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि इस तरह के रोगों को दवा से नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन आहार की गुणवत्ता ऐसी तकलीफों का स्थायी समाधान देती है। इस लेख के माध्यम से इस बात पर प्रकाश डालने की कोशिश है कि जोड़ों में दर्द क्यों होता है और इसका खानपान से क्या लेना देना है.

    जोडों के दर्द संबंधित जटलताएं।

    जोडों के दर्द संबंधित जटलताएं

    गठिया बाई या अर्थराइटिस जैसे रोग हड्डियों के जोड़ों में होने वाले दर्द का बड़ा कारण माने जाते हैं। कई बार शल्य चिकित्सा के बाद भी इस तरह की समस्याओं की जटिलतायें पीछा नही छोड़ती। इस तरह की जटिलताओं के पीछे इंसान की जीवनशैली और खानपान ही सबसे बड़े कारक माने जाते हैं। जिस तरह ईंधन से इंजन संचालित होता है ठीक उसी तरह मानव जीवन को भी खादय रूपी ईंधन की आवश्यकता होती है। यदि इंजन में मिलावटी ईंधन डाला जाए तो वह जल्द खराब हो जाता है ठीक वही प्रक्रिया शरीर पर भी लागू होती है। जीवन में भोजन या फिर यूँ कहें कि स्वस्थ आहार का चयन खुद के हाथों में निहित होता है। जोड़ों का दर्द फिर चाहे जिस भी वजह से हो रहा जो आहार प्रणाली के गुणवत्ता में सुधार के साथ सकारात्मक सोच इंसान को इस तरह की जटिलतम स्थितियों से छुटकारा दिला सकती है। हार्मोनल विसंगतियों के चलते शरीर में प्रोटीन और विटामिन का स्तर खराब हो जाता है जो इस तरह की समस्याओं का बड़ा कारक माना जाता है। मधुमेह या फिर शरीर में कुछ आंतरिक रोगों के चलते अनाव जीवन काफी जटिल स्थिति का सामना करता है।

    फायबर और खनिज युक्त भोजन दूर करे जोड़ों का दर्द।

    फायबर और खनिज युक्त भोजन दूर करे जोड़ों का दर्द

    जोड़ों का दर्द में आहार के लिए फायबर से युक्त भोजन बेहद महत्वपूर्ण होता है। फायबर जहां हड्डियों को नई ऊर्जा देता है तो दूसरी तरफ रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास भी करता है। आहार के लिए गाजर, पालक, चुकंदर, ककड़ी, खीरा आदि सलाद वाली हरी सब्जियों में फायबर की प्रचुर मात्रा होती है। इसके अलावा अंकुरित अनाज गेंहू, मक्का, मूंगफली, मूंग इत्यादि में मौजूद फायबर ओर खनिज तत्व हड्डियों के जोड़ों में मौजूद फ्लूड की सुरक्षा करते हैं तो दूसरी तरफ मांसपेशियों में मौजूद नर्म ऊतकों को भी क्षति से बचने का कार्य करते हैं। जोड़ों के दर्द का कारण यदि यूरिक एसिड हो तो भी यह खाद्य पदार्थ काफी असरदार साबित होते हैं। हालांकि कुछ मामलों में प्रोटीन की अधिक मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। नियमित रूप से अकुरित दालों के साथ भोजन के साथ सलाद की मात्रा लेने से जोड़ों के दर्द में राहत का अनुभव होता है।

    लहसुन और अदरक का सूप जोड़ों के लिए रामबाण।

    लहसुन और अदरक का सूप जोड़ों के लिए रामबाण

    लहसुन कई तरह की बीमारियों के इलाज में प्रयोग होने के साथ ही हमारी किचन का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। इसमें एन्टी फगल सहित दर्दनाशक तत्व भी होते हैं। यह अक्सर प्राकृतिक एन्टी वायरल तत्व है जो बेजोड़ है। इसके 3 से 4 कली को कूटकर पानी में उबाल लें। उबले हुए पानी को 3 से 4 छोटा चम्मच की मात्रा में सुबह शाम लेने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलने लगता है। ऐसा एक से दो सप्ताह तक करने से काफी लाभ प्राप्त होता है। गर्मियों के मौसम में इसे दिन में एक बार प्रयोग करना सही रहता है। लहसुन शरीर से यूरिक एसिड तत्व बाहर निकालने के साथ ही कई अन्य तरह के फैट भी कम करने का काम करता है।

    अदरक एक ऐसा प्राकृतिक दर्द निवारक तत्व है जो आयुर्वेद में बड़े काम का जाना जाता है। अदरक पित्त, वात सहित कैल्शियम का भी बड़ा स्रोत माना जाता है। अदरक का सूप पीने से पेट साफ हो जाता है। पेट में मौजूद गंदगी साफ होने से जोड़ों का दर्द भी कम होने लगता है। खाली पेट अदरक का इस्तेमाल शहद के साथ करने से बेहद लाभ प्राप्त होता है।

    जोड़ों का दर्द में खानपान के लिए बनाएं संतुलित डाइट चार्ट।

    जोड़ों का दर्द में खानपान के लिए बनाएं संतुलित डाइट चार्ट

    जोड़ों का दर्द चाहे जिस भी वजह से हो रहा हो एक आदर्श डाइट चार्ट इससे निजात दिला सकता है। उम्र के लिहाज से डाइट चार्ट अलग अलग हो सकता है। बच्चों से लेकर बूढ़े सभी की शरीर को कितनी मात्रा में कैलोरी ओर कैल्शियम की जरूरत होती है यह बात एक अच्छा डायटीशियन ही बता सकता है। हालांकि किसे कितनी कैलोरी लेनी है यह बात मौके पर व्यक्ति की उम्र और वजन के साथ चिकित्सकीय स्थिति पर निर्भर करता है। एक बात तो तय है कि हर स्थिति में जोड़ों से परेशान व्यक्ति को दूध की नियमित मात्रा लेने की जरूरत होती है। दूध के अलावा समय से भोजन के साथ एक साथ ढेर सारा खाना नही खाना चाहिए। ठंडे पानी से परहेज के साथ हर 2 घंटे पर डाइट चार्ट के मुताबिक खाद्य पदार्थों को लेते रहने से मोटापा भी नही बढ़ता। मोटापा हड्डियों का दुश्मन होता है। इसके बढने से शरीर में कई तरह के रिग उत्पन्न होने लगते हैं। सकारात्मक सोच और डाइट चार्ट के मुताबिक चलने से हड्डियों के जोड़ स्वस्थ रहते हैं।

    जोड़ों के दर्द संबंधित जरूरी सलाह।

    हड्डियों के किसी भी जोड़ में दर्द मिटाने के लिए ऊपर दिए गए पदार्थ बेहद असरदार होते हैं। जोड़ों में यदि खानपान की समुचित परिस्थितियों के बाद भी दर्द कम ना हो तो फौरन चिकित्सकीय परामर्श से परीक्षण के उपरांत दवाओं का सेवन करें और भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करते रहें। आप फ्री में सलहा ले – Joints Pain Healers

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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