ये 5 देशी नुस्खे गर्दन दर्द में हैं बेहद असरदार

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    सर्वाइकल का दर्द बेहद तकलीफ देने वाला होता है जिसे गर्दन दर्द के नाम से भी जाना जाता है। इंसान का सिर गर्दन पर ही स्थित होता है। इसमें तकलीफ हो जाने पर सिर घुमाने में काफी परेशानी हो जाती है। अक्सर डॉक्टर की सलाह पर लोग इसमें गर्म पट्टा तक बांधने पर मजबूर हो जाते हैं। वास्तव में इस तरह की समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं। दिनचर्या में निरंतर बदलाव और खान पान में दूषित पदार्थों के सेवन से भी इस तरह की समस्याएं घर बना लेती हैं। एक सर्वे के मुताबिक दुनिया मे स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले हर तीसरे इंसान को सर्वाइकल की समस्या हो रही है।

    आजकल ऑफिस में देर तक काम करने वाले लोगों में भी इस तरह की परेशानी से दो चार होना पड़ता है। स्त्रियों में यह समस्या पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होती है। आजकल हर उम्र के स्त्री पुरुष इस तरह की समस्या से दो चार हो रहे हैं। दर्द हुआ नही लोग फौरी राहत की दवाओं के इस्तेमाल से गुरेज नही करते। इन दवाओं के इतर कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे होते हैं जो सर्वाइकल जैसे रोगों में बेहद असरदार होते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय बताने जा रहे हैं जो आपकी समस्या में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

    गर्दन दर्द के कारण

    गर्दन दर्द के कई ऐसे कारण हैं जो सामान्य होते हैं। मसलन देर तक कम्प्यूटर या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले लोग इसके सामान्यतः शिकार हो जाते हैं जो लत छोड़ देने पर आराम प्राप्त कर सकते हैं। धूम्रपान के लती लोगों में टॉन्सिल के कारण भी ऐसा दर्द पैदा कर देता है। मदिरा सेवन करने वाले लोगों में फेफड़ा संबंधित रोग या गले मे परेशानी के चलते यह समस्या उत्पन्न हो जाती है। नीद ना पूरी होने के चलते लोग अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं इस वजह से भी सर्वाइकल दर्द बढ़ जाता है। मधुमेह और मोटापा बढ़ने के साथ रक्त संचार में असंतुलन भी इस तरह की मर्ज के कारण बन जाते हैं।

    गर्दन दर्द के लक्षण

    गर्दन में दर्द के कई लक्षण हो सकते हैं हालांकि लक्षण उम्र और परिस्थितियों के लिहाज से परिलक्षित होते हैं। गर्दन के पीछे अकड़न, गले मे दर्द, गले के अंदर दर्द और लाल चकत्ते पड़ना ओर बुखार आना भी लक्षणों में शामिल है। मांसपेशियों में खिंचाव के चलते गर्दन हिलाने डुलाने में भी परेशानी हो जाती है।

    गर्दन दर्द के घरेलू उपाय

    आपकी रसोई में मौजूद खाद्य पदार्थों में इतनी ताकत होती है जो बड़े से बड़े मर्ज की दवा के रूप में काम आते हैं। कुछ ऐसे ही उपाय गर्दन दर्द के उपचार में बेहद असरदार होते हैं।

    सरसों और लौंग का तेल

    एक चम्मच सरसों के तेल में लौंग की करीब 5 से 10 बूंदे मिलाकर हल्का गुनगुना कर लीजिए। इसे हल्के हाथों से गर्दन में दर्द की जगह मालिश कीजिये। ऐसा दिन में 2 से 3 बार करने से करीब एक सप्ताह में दर्द छूमंतर हो जाता है।

    सरसों और लौंग का तेल

    अजवाइन और नीबू

    अजवाइन की एक चम्मच मात्रा को रात के समय भिगो दीजिये ओर सुबह इसके पानी को छानकर हल्का गर्म करिए। इस बचे हुए पानी मे आधा नीबू का रस निचोड़कर पी लीजिये। ऐसा खाली पेट इस्तेमाल करने से कुछ दिनों में गर्दन के दर्द से राहत मिल जाती है।

    जैतून के तेल का इस्तेमाल

    जैतून के तेल को हल्की आंच पर गर्म करके गुनगुने तेल से गर्दन पर मालिश कीजिये। मालिश के बाद एक भीगे हुए तौलिये को थोड़ी देर तक गर्दन पर रखते रहिये। ऐसा दिन में दो से 3 बार करने से दर्द दूर होने लगता है।

    जैतून के तेल का इस्तेमाल

    मेथी के पेस्ट के फायदे।

    मेथी एक तरह का प्राकृतिक दर्द नाशक माना जाता है। मेथी दाने को कई तरह से खाने के लिए सेवन किया जाता है लेकिन इसका पेस्ट गर्दन दर्द के लिए बेहद असरदार होता है। एक चम्मच मेथी दाने के पेस्ट बनाकर गर्दन पर लगाने से दर्द दूर हो जाता है।

    बर्फ से सिंकाई

    बर्फ लगभग हर घरों के फ्रीज में मौजूद होती है। दर्द के समय बर्फ के एक टुकड़े से गर्दन पर सिंकाई करने से दर्द दूर होने लगता है और अकड़न समाप्त हो जाती है।

    कुछ जरूरी सलाह

    ऊपर दिए गए उपाय वास्तव में बेहद असरदार होते हैं लेकिन गर्दन में दर्द के समय ज्यादा एक्सरसाइज नही करना चाहिए। भोजन में आयरन और कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता भी होती है।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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