यूनानी दवा के ऐसे प्रयोग कलाई दर्द में होते है बेहद असरदार

कलाई दर्द

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    हाथों के अहम जोड़ कलाई में समस्या बेहद तकलीफ़ पहुंचाता है। दुनिया मे वैसे तो बहुत सी उपचार माध्यम की दवाओं से इस तरह का उपचार किया जाता है लेकिन इन सब में, यूनानी दवा का एक अलग ही महत्व होता है। कलाई दर्द में यूनानी दवा मर्ज को जड़ से समाप्त करने में बेहद असरदार साबित होती है। एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वे की मानें तो पता चलता है कि यूनानी दवाएं बड़ी तेजी से दुनिया भर में हड्डियों के मर्ज का उपचार करने में ख्याति प्राप्त कर रही है। कलाई एक ऐसा जोड़ होता है जो हाथों के दोनों प्लेटों के जोड़ों से आपस में जोड़ता है कंधों तक पहुंचता है। कंधों से लेकर उंगली तक के जोड़ों में रक्त संचार रुकने या फिर कई तरह की अन्य विसंगतियों के चलते कलाई में समस्याओं का उत्पन्न होना स्वाभाविक हो जाता है।

    खेल कूद के दौरान या फिर चोट के चलते मांसपेशियों में खिंचाव या फिर हड्डियों के प्लेटों के कई बार चटकने के चलते स्थिति काफी भयावह हो जाती है। वैसे तो कई सामान्य स्थिति में इस तरह के मर्ज का उपचार आसानी से हो जाता है लेकिन अक्सर गठिया या अर्थराइटिस जैसी समस्याओं में स्थिति भयावह हो जाती है। नर्म ऊतकों का लिगामेंट से खिसकना या फिर सूजन के फलस्वरूप संक्रमण की स्थिति में उपचार काफी दुरूह हो जाता है। आज इस लेख के माध्यम से यूनानी दवा के कुछ ऐसे उपायों पर चर्चा करेंगे जिनके सटीक प्रयोग से वाकई इस तरह की समस्याओं में बेहद लाभ प्राप्त होता है। साथ ही कलाई दर्द के कुछ ऐसे जटिलताओं पर भी चर्चा करेंगे जिनकी वजह से लोगों को ऐसी समस्या से दो चार होना पड़ता है।

    कलाई दर्द से संबंधित जटिलताएं

    हाथों के जोड़ों में दर्द के वैसे तो कई कारण होते हैं लेकिन अक्सर ऐसी समस्या बेहद आम होती है। आम समस्याओं में चोट या मोच के चलते सूजन या फिर लिगामेंट के नर्म ऊतकों की क्षति से दर्द होना स्वाभाविक है। वैसे आम समस्याओं में दर्द का इलाज बेहद आसान होता है। आज के दौर में इंसान भागदौड़ के चलते लगातार अपनी जीवनशैली बदलने को मजबूर हो रहा है। जीवनशैली में लगातार परिवर्तन और खान पान सहित कई बार नींद की कमी कलाई दर्द जैसी हड्डियों की समस्या का बड़ा कारण माना जाता है।

    इंसान की नींद पूरी ना होने के चलते अवसाद ग्रस्त होकर मनुष्य की हड्डियों का कमजोर हो जाना स्वाभाविक होता है। इसके अलावा बिगड़ते खान पान से भी इंसान के शरीर मे युरिक एसिड सहित अवशिष्ट पदार्थों की मात्रा का बढ़ना भी जोड़ों के लिए जहर का काम करता है। पुरानी चोट, मोच और मोटापे के चलते भी गठिया जैसी समस्या अब बुजुर्गों तक ही सीमित ना रहकर हर उम्र वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रही है। एक स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक भारत जैसे विशाल देश मे युवा वर्ग का एक बड़ा तबका इस समस्या का शिकार बन चुका है। मोटापा, मधुमेह और अनुवांशिक रोगों के अलावा हार्मोनल असंतुलन इस तरह की परेशानी का बड़ा कारण बन जाती है। इसके अलावा कई बार शल्य चिकित्सा के दौरान या बाद में हड्डियों के जोड़ों के कार्ड में संक्रमण कलाई के दर्द में बेहद जटिल समस्या उत्पन्न कर देती है।

    कोहनी दर्द में यूनानी दवा के फायदे

    यूनानी दवा का सीधा संबंध हर्बल उपचार पद्धति से होता है। हर्बल उपचार माध्यम ऐसी विधा होती है, जिसमें केमिकल का प्रयोग ना के बराबर किया जाता है। कलाई दर्द की दवा के रूप में रोगी की उम्र के साथ कई चीजों को देख जाता है। किस वजह से कलाई में समस्या हुई है यह बेहद अहम होता है। आम समस्या में हकीम कुछ लोशन के प्रयोग की सलाह देता है। लोशन द्वारा कलाई की नसों और मांसपेशियों को बल मिलता है और दर्द दूर हो जाता है। इस तरह की समस्या में हकीम कई तरह के माजूनों के सेवन की सलाह देते हैं।

    कच्ची जड़ी बुटियों से तैयार की गई दवाईयां जिसमें मेथी दाना, सुरंजन और आम पाक भी शामिल होता है। इन दवाईयों को तैयार करके मरीज़ों की दिया जाता है। हर्बल से बनी दवाओं का फायदा ये होता है कि ये ना केवल दर्द से राहत देती है बल्कि इसे जड़ से मिटाने में भी सहायता करती है। । कई जटिल समस्याओं में अग्निकर्म के द्वारा मरीज का इलाज किया जाता है जिससे जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन के खत्म किया जाता है। इसके अलावा यूनानी में एक्यू पंचर के जरिए शरीर में मौजूद खराब खुन को निकालकर रोग को ठीक किया जाता है। चिकित्सक यूनानी दवा के साथ कई तरह के परहेज भी बताते हैं जिसको अपनाकर बहुत हद तक हड्डियों की समस्या से जड़ से निजात पाया जा सकता है।

    कलाई दर्द में यूनानी दवा संबंधित जरूरी सलाह और सावधानियां

    कलाई दर्द की यूनानी दवा वाकई काफी लाभ पहुंचाती है लेकिन इसके प्रयोग से संबंधित कुछ जरूरी चीजों को जानना आवश्यक होता है। यूनानी दवाईयां हर्बल पध्दति से निर्मित होती है और इनके कोई साइड इफैक्ट नहीं होते हैं।लेकिन इन दवाईयों के साथ कुछ परहेज़ बताए जाते हैं अगर उनका ठीक प्रकार से पालन नहीं किया जाएगा तो दवाई ठीक प्रकार से अपना असर नहीं दिखाएगी। यूनानी चिकित्सा पध्दति में खट्टे, मिर्च मसाले वाली चीजों का परहेज़ बताया जाता है। यूनानी दवा के साथ अन्य किसी उपचार पद्धति की दवाओं का सेवन बिना चिकित्सक की सलाह के कतई ना करें यह स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसान पहुंचा सकता है।

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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