सावधान!! यूरिक एसिड बढ़ा सकता है जोड़ों में दर्द

यूरिक एसिड

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    शरीर में कई तरह की व्याधियां कमोवेश जन्म ले ही लेती हैं. शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाला दर्द बेहद तकलीफदायक होता है. इसी में एक तरह का रोग जोड़ों से सम्बंधित भी होता है. इसके कई कारण होते हैं लेकिन यूरिक एसिड के बढ़ जाने से शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द बढ़ ही जाता है. यह तत्व हड्डियों के साथ ही आंतरिक अंगों का दुश्मन माना जाता है.

    यूरिक एसिड बढ़ने के कारण

    गलत खानपान और मदिरापान यूरिक एसिड बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है. मसलन यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है या शरीर में हो रहे किसी संक्रमण के कारण भी. यूरिक एसिड किसनी या हड्डियों में क्रिस्टल के रूप में जमा होकर शरीर को बेहद बीमार बना देते हैं. बढ़ते वजन, धूम्रपान और मधुमेह के कारण भी इस रोग का पनपना आम बात है. इससे जोड़ों का दर्द या गठिया बढ़ जाता है.

    यूरिक एसिड के लक्षण

    पेशाब का बार बार पीला और दुर्गन्धयुक्त होना भी शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने का बड़ा लक्षण माना जाता है. इसके साथ ही सीने में दर्द के साथ जोड़ों में दर्द की भी शिकायत सामने आती है. कई बार मरीज को चक्कर भी आने शुरू हो जाते हैं. हांथों और पैरो की हड्डियों में दर्द बना रहता है.

    यूरिक एसिड का प्राकृतिक उपचार

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      नीबू पानी

      नीबू पानी

      वैसे युरी एसिड बढ़ जाने पर डॉक्टर खट्टा पदार्थ खनाए से मना करते है लेकिन नीबू में मौजूद तत्व यूरिक एसिड को बाहर निकालने में बेहद सक्षम होता है. सुबह खाली पेट नीबू पानी जो गुनगुने रूप में हो पीने से शरीर से गंदे पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. इससे जोड़ों के दर्द और गठिया में आराम मिल जाता है.

      प्याज

      प्याज

      प्याज का सेवन अपने खाने में सलाद के रूप में सेवन करने से यूरिक एसिड से पनपने वाला जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है.

      छोटी इलाइची

      छोटी इलाइची

      छोटी इलाइची के कुछ दाने चबाने के साथ ही गुनगुने पानी का सेवन करने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है और यूरिक एसिड लेवल सामान्य हो जाता है.

      यूरिक एसिड को सामान्य स्तर पर लाने के लिए धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन बंद कर देना जरूरी होता है. इसके अलावा भरपूर मात्रा म,में पानी का सेवन सबसे बेहतर विकल्प होता है. दिनचर्या में सुधार के साथ खानपान पर ध्यान देने की जरूरत होती है. योगा और सूर्य नमस्कार से भी इसपर काबू पाया जा सकता है.

      डॉ नीतू

      • 6 Years of Experience
      • (BHMS)

      डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

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