गठिया रोग में मील का पत्थर साबित हो सकता है घरेलू उपचार

गठिया रोग में मील का पत्थर साबित हो सकता है घरेलू उपचार

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    गठिया या अर्थराइटिस हड्डियों से सम्बंधित एक ऐसा रोग है जो अक्सर बेहद जटिल हो जाता है। गठिया रोग का घरेलू उपचार एक ऐसा माध्यम है जिससे काफी हद तक इसपर नियंत्रण पाया जा सकता है। सामान्य तौर पर हल्की चोट या मोच भी इलाज ना करने के चलते गठिया बाई मर्ज का रूप धारण कर लेते हैं। वैसे तो यह रोग रूमेटाइड या फिर गाउट के रूप में भी जाना जाता है। वर्गीकरण के लिहाज से मरीजों की समस्या को कई भागों में रेखांकित किया जाता है। यदि इसकी वजहों या कारणों पर गौर करें तो पता चलता है कि हड्डियों के जोड़ों मवन यूरिक एसिड की मात्रा की अधिकता बढ़ने से नुकीला जैसी चीजों का जमाव होना शुरू हो जाता है। निकिल के जमाव के चलते हड्डियों में घर्षण की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। घर्षण के फलस्वरूप हड्डियों का टूटना, मुड़ना या फिर फ्रैक्चर जैसी स्थिति देखी जा सकती है।
    दुनिया में कई उपचार माध्यम इस तरह की समस्याओं के शोधन हेतु मौजूद हैं लेकिन घरेलू उपाय बेहद फायदेमंद साबित हुए हैं। इस लेख से गठिया की जटिलताओं सहित घरेलू नुस्खों के कुछ ऐसे उपाय जानेंगे जिनके सटीक अनुपालन से इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

    गठिया संबंधित जटिलतायें।

    गठिया संबंधित जटिलतायें
    गठिया को कई रूपों में वर्गीकृत किया जाता है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक देश में पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं इस रोग से ज्यादा ग्रसित हैं। कामकाजी महिलाएं या तो गर्भावस्था की पेचीदगियों के चलते इसका शिकार हो जाती हैं या बढ़ती उम्र का बोझ उन पर भारी पड़ जाता है। चोट या मोच के चलते होने वाली गठिया अल्कोहल या फिर आंतरिक रोगों से होने वाली अर्थराइटिस रोगों के मुकाबले कम खतरनाक होती है। मदिरापान केई वजह से किडनी और लिवर की बीमारियों से शरीर में विटामिन डी की भारी कमी हो जाती है। विटामिन डी और कैल्शियम की कमी ही गाउट या फिर गठिया का मुख्य कारण बनती है। गठिया रोग का घरेलू उपचार वाकई शानदार होता है लेकिन कई बार इस रोग की जटिलताओं में इंसानी जिंदगियां दांव पर लग जाती हैं।

    गठिया में अचूक है एलोवेरा का इस्तेमाल।

     

    गठिया में अचूक है एलोवेरा का इस्तेमाल

    गठिया रोग में एलोवेरा का अपना अलग ही महत्व है। एलोवेरा मवन कैल्शियम गुण तो होते ही हैं बल्कि चमड़ी से सम्बंधित रोगों के निवारण में भी इनका बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता है। वलोववरा कि एक से सो चम्मच मात्रा को खाली पेट दूध या पानी से इस्तेमाल करने पर वात पित्त जैसी समस्याओं से निजात मिलती है तो हड्डियों के जोड़ों में मौजूद यूरिक एसिड भी बाहर निकल जाता है। एलोवेरा के पत्तों को पीसकर दर्द की जगह लेपन करने से हड्डियों में हो रहा दर्द दूर होने लगता है। गठिया रोग का घरेलू उपचार के तहत यह नायाब तरीका साबित हो सकता है। एलोवेरा जेल की एक से दो चम्मच मात्रा सुबह शाम करीब एक महीने तक इस्तेमाल करने से काफी लाभ मिलता है।

    अजवाइन और काली मिर्च के फायदे।

    गठिया में अचूक है एलोवेरा का इस्तेमाल

    अजवाइन पानी जहां शरीर से अवशिष्ट पदार्थ बाहर निकलता है वहीं गठिया जैसे रोगों में हो रहे दर्द को भी दूर करता है। घुटनों में हो रहे दर्द के दौरान थोड़ा सा अजवाइन करीब एक से दो चम्मच खरल में पीस लें इसमें 2 से 3 दान काली मिर्च मिलाकर हल्का से पेस्ट बना लें। इसे दर्द की जगह लेपन करें। इसका लेपन करने से गाठों में मौजूद नर्म ऊतकों को सुरक्षा प्राप्त होती है तो दूसरी तरफ उनमें मौजूद यूरिक एसिड भी निकलना शुरू हो जाता है। यह लेप दिन में एक बार लगा सकते हैं। ध्यान रहे यदि इस लेप से चमड़ी में जलन या छाले पड़ रहे हों तो इससे परहेज करना ही श्रेयष्कर रहता है।

    गठिया रोग में आलू का सेवन।

    गठिया रोग में आलू का सेवन

    आलू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा प्रचुरता से पाई जाती है। यदि आलू को उबालकर इस्तेमाल किया जाए तो यह शरीर के लिए फैट बनाने का काम मरता है लेकिन गठिया बाई या अर्थराइटिस जैसे रोगों में में कच्ची आलू के रास जा प्रयोग बेहद फायदेमंद होता है। यदि गठिया रोग से परेशान हैं तो 2 से 3 कच्ची आलू को अच्छे से पीसकर उसका जूस निकल लें। इस जूस में किसी भी प्रकार का नमक या चीनी मिलने की जरूरत नही है। खाली पेट यानी सुबह के समय बासी मुंह इसका इस्तेमाल शरीर में मौजूद गठिया रोगों के कारणों को जड़ से दूर करने का काम करता है। इस जूस के सेवन से हड्डियों को नई ऊर्जा प्राप्त होती है और खून का संचार नसों में सामान्य स्थिति में पहुँच जाता है। अनुवांशिक स्थति के कारण हो रहे गठिया रोग में आलू का जूस बहुत उपयोगी होता है। गठिया रोग में घरेलू उपचार के तहत लगातार एक से 2 महीने इसका उपयोग काफी लाभकारी साबित हो सकता है।

    गुनगुने पानी से स्नान और मसाज।

    गुनगुने पानी से स्नान और मसाज

    गठिया रोग का घरेलू उपचार के लिए गुनगुने पानी से स्नान या स्ट्रीम बाथ काफी लाभ देता है। हड्डियों के जोड़ों में जमा अवशिष्ट पदार्थ गुनगुने पानी से नहाने के बाद ढीला होकर शरीर से बाहर निकलने लगता है। ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा गर्म पानी से नहाने पर चमड़ियों को नुकसान पहुंच सकता है। स्ट्रीम बाथ के बाद मरीज को तेल मालिश काफी आराम का अनुभा कराती है। स्नान के तुरंत बाद सूती तौलिये से शरीर को अच्छे से पोछ लें। जैतून के तेल से हल्के हाथों से दर्द हो रही जगह या जोड़ों पर मालिश बेहद आराम का अनुभव कराती है। ऐसी प्रक्रिया रोजाना करने से अर्थराइटिस के मरीज को बवेद लाभ प्राप्त होता है।

    गुनगुने पानी और नीबू का सेवन।

    गुनगुने पानी और नीबू का सेवन

    गठिया रोग का घरेलू उपचार के लिए गुनगुना पानी काफी लाभ देता है। गुनगुने पानी में एक नींबू निचोड़कर खाली पेट सुबह इस्तेमाल करना बेहद लाभ देता है। नीबू में मौजूद लीमुनिन तत्व यूरिया को खून से बाहर निकलने का काम करता है। इसका सेवन रोजाना काफी लाभ देता है।

    गठिया रोग से संबंधित जरूरी सलाह।

    गठिया रोग का घरेलू उपचार जहां हड्डियों को मजबूत बनाता है तो वहीं कई तरह की सावधानियों की भी आवश्यकता होती है। ज्यादा ठंडा पानी कभी भी इस तरह के रोगी इस्तेमाल ना करें। इसके अलावा धूम्रपान सहित अल्कोहक को एकदम बंद करने की जरूरत होती है। दर्द ज्यादा बढ़ने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें और समय पर दवाओं का सेवन करें।

    डॉ विवेक

    • 9 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ विवेक को होम्योपैथी में स्नातक हैं. इनकी चिकित्सा से देश के हज़ारों मरीज गठिया रोग से निजात पा चुके हैं. डॉ विवेक को इस क्षेत्र में 8 साल का अनुभव है. डॉ विवेक का कहना है कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति समरूपता के सिद्धांत (like cures like) पर काम करती

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