संतुलित आहार से मिलेगी स्पॉन्डिलाइटिस के दर्द से राहत

संतुलित आहार से मिलेगी स्पॉन्डिलाइटिस के दर्द से राहत

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    स्पॉन्डिलाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो रीढ़ की हड्डी में विकार उत्पन्न करती है। कशेरुकाओं के जोड़ सख़्त हो जाने से रीढ़ की हड्डी लचीली नहीं रह जाती। इससे रोज़मर्रा के काम-काज में बाधा उत्पन्न होती है। छोटो-छोटे काम काज करना भी मुश्किल हो जाता है।
    यदि आप किसी चिकित्सक से अपना उपचार भी करा रहे हैं तो भी ज़रूरी है कि आप उचित खान पान अपनाएं। इलाज के साथ-साथ सही खान पान भी ज़रूरी है। यदि दर्द बहुत तीव्र नहीं है तो महज़ उचित खान पान के ज़रिए उससे निजात पाया जा सकता है।

    हेल्दी डाइट से दूर होगी सूजन

    स्पॉन्डिलाइटिस के लिए सबसे हेल्दी डाइट वही है जो आपको उचित वज़न बनाए रखने में मदद करे। इस बीमारी में अचानक वज़न घट सकता है और अचानक बढ़ भी सकता है। वज़न बढ़ने से जांघो और पैरों पर अधिक दबाव पड़ता है।

    अपने आहार में सूजन दूर करने वाली चीज़ें शामिल करें। इससे आपकी हड्डियां स्वस्थ रहेंगी और दर्द से भी राहत मिलेगी। यह भी समझें कि कौन से चीज़ें खाने से आपको फायदा हो रहा है। स्पॉन्डिलाइटिस एसोसिएशन ऑफ़ अमेरिका के अनुसार आपको इसके लिए एक डायरी रखनी चाहिए जिसमें आप उन खाने-पीने की चीज़ों का ब्यौरा रख सकें जिनसे आपको फायदा पहुंच रहा है और जिनसे नहीं।

    अपने आहार में फल और सब्ज़ियां करें शामिल

    भरपूर मात्रा में फल और सब्ज़ियां खाएं। अपने आहार में उन फलों और सब्ज़ियों को शामिल करें जिनमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण हों। एंटी-ऑक्सीडेंट्स सूजन दूर करने में मदद करते हैं जिससे आपको दर्द से राहत मिलती हैं। फलों में आप ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, आलूबुखारे, संतरे, चेरी, अंगूर, आम का सेवन कर सकते हैं जबकि सब्ज़ियों में आप करमसाग, पालक, ब्रॉकोली और चुकंदर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

    अनाज का करें सेवन

    स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या होने पर आपके हृदय को भी नुकसान पहुंच सकता है। हड्डियों के जोड़ों में सूजन आ सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप अपने आहार में अनाज शामिल करें। ये आपके जोड़ों और हृदय को स्वस्थ रखेंगे। इसके लिए आप ब्राउन राइस, ब्राउन ब्रेड, किओना, कूटू, ओट्स, राई, जौ, बाजरा, मकई आदि को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

    खाएं ओमेगा-3 फैटी एसिड फूड

    फैटी एसिड स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षणों को दूर करने में कारगर है। एक रिसर्च के मुताबिक ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करने वालों में सूजन की समस्या कम होती है। उन्हें जोड़ों की समस्या का सामना कम करना पड़ता है। इसलिए ज़रूरी है कि आप फैटी एसिड रिच फूड का सेवन करें। इसके लिए आप अपने आहार में सी-फूड (जैसे मैकेरल व सालमन मछली, कोड लीवर ऑयल, ऑएस्टर), अलसी के बीज, अखरोट व सोयाबीन शामिल कर सकते हैं।

    लें कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन डी की भरपूर मात्रा

    क्योंकि स्पॉन्डिलाइटिस हड्डियों से संबंधित रोग है इसलिए हड्डियों को मज़बूत करने वाली चीज़ें खाएं। कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन डी हमारी हड्डियों को मज़बूत और स्वस्थ रखता है। इसके लिए अपने आहार में आप दूध, चीज़, दही, बीन्स, बादाम, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, चिकन, कद्दू के बीज, नट्स, अंडे, सी-फूड जैसे कि सालमन, कैटफिश, क्रेफिश, मैकेरल, क्रैब आदि शामिल कर सकते हैं।

    शरीर में बनाए रखें नमी

    शरीर में नमी बनाए रखने के लिए तरल पदार्थों का सेवन करते रहें। इसके लिए स्पॉन्डिलाइटिस के मरीज़ को रोज़ाना 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे निर्जलीकरण की समस्या नहीं होगी। साथ ही पानी शरीर से विषैल पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।

    स्पॉन्डिलाइटिस का खान पान संबंधी सावधानी

    बीमारी में क्या खाएं के साथ यह भी पता होना चाहिए कि क्या न खाएं। कुछ खाद्य पदार्थ स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसलिए उनका परहेज़ करना चाहिए।

    स्पॉन्डिलाइटिस के मरीज़ों को निम्न खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए:

    • फैट और कॉलेस्ट्रोल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ: वे खाद्य पदार्थ जो शरीर में फैट और कॉलेस्ट्रोल बढ़ाते हैं, उनसे परहेज़ करें। फास्ट फूड व तैलीय खाद्य पदार्थ, केक, आइसक्रीम, पेस्ट्री आदि न खाएं।
    • स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ: कुछ रिसर्च में यह पाया गया है कि स्टार्च कम करके सूजन को दूर किया जा सकता है। ब्रेड, पास्ता, आलू, चावल, पैक्ड फूड में स्टार्च अधिक मात्रा में पाया जाता है।
    • मीठे को कहें बाय: ज़्यादा शुगर शरीर की सेहत के लिए ठीक नहीं है। इसलिए मीठी चीज़ों को कुछ विशेष अवसरों के लिए ही रिज़र्व रखें। रोज़ाना इनके सेवन से बचें।
    • शराब के अधिक सेवन से बचें: शराब के अधिक सेवन से हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं। इसलिए पुरुष प्रतिदिन 2 गिलास और महिलाएं प्रतिदिन 1 गिलास से अधिक शराब का सेवन न करें।

    डॉ अनस

    • 6 Years of Experience
    • (BUMS)

    मैं डॉ अनस यूनानी चिकित्सा पद्धति में बैचलर हूँ। जोड़ों के दर्द ( Joints pain) और बैक पेन ( back pain) पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द जैसी समस्या के उपचार में मुझे 5 साल का अनुभव है। मैनें अपने उपचार से हजारों रोगियों को एक नया जीवन प्रदान

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