पैर दर्द में होम्योपैथी दवा से उपचार कुछ इस तरह देता है लाभ

पैर दर्द में होम्योपैथी

हमारे डॉक्टर से सलाह लें

    पैर दर्द की होम्योपैथी दवा के बारे में इसलिए भी जानना आवश्यक होता है क्योंकि इस तरह की उपचार विधा की दवाएं कई तरह के साइड इफेक्ट और एलर्जी को समाप्त कर देती हैं। पैरों के बिना सम्मानजनक जीवन की कल्पना बेमानी होती है। गठिया बाई से लेकर अर्थराइटिस जैसी समस्या, पैरों के जोड़ों में आमतौर से होने रोग होते हैं। कूल्हे से लेकर तलवों तक कई ऐसे जोड़ होते हैं जिनका सीधा संबंध रीढ़ की हड्डियों से होता है। कूल्हे से लेकर घुटने टेक जाने वे हड्डी में 3 प्रकार के प्लेट होते हैं। इन प्लेटों से जुड़ी मांसपेशियों में संक्रमण या फिर खिंचाव आने को स्थिति में दर्द बढ़ ही जाता है।

    हालांकि कुछ मामलों में पैर के दर्द बेहद सामान्य होते हैं। सामान्य परिस्थितियों वाले दर्द हल्का मसाज करने के बाद आसानी से स्वतः समाप्त हो जाते हैं। पैर के जोड़ घुटने सहित अन्य जगहों ओर तेज चोट या फिर अनुवांशिक स्थितियों के चलते कई बार जटिल दर्द का शिकार हो जाते हैं। वैसे दुनिया मे कई उपचार पद्धतियां मौजूद हैं लेकिन इन्हीं में एक दवा जर्मन पद्धति की होम्योपैथी भी है। इस लेख से हम यह बताने की कोशिश कर रहें हैं कि पैरों की समस्या में ऐसी दवाओं की क्या उपयोगिता होती है, साथ ही इस बात को जानने की भी कोशिश रहेगी कि इस तरह के रोगों की जटिलताएं किस तरह लोगों को गंभीर परेशानी में डाल देती हैं।

    पैर दर्द से संबंधित जटिलताएं

    एक्सीडेंट के दौरान हुई हड्डी की फ्रैक्चर एक ऐसी समस्या होती है जिससे हड्डियों के मजबूत लेयर या प्लेट टूट जाते हैं। हड्डियों के टूटने के साथ ही उससे जुड़ी मांसपेशियों के खिंचाव से स्थिति बेहद जटिल हो जाती है। पैरों की हड्डी के चटकने के साथ ही जोड़ों के फ्लूड भी सूख जाते हैं या फिर संक्रमित हो उठते हैं। इस तरह से शल्य क्रिया कर मरीज की हड्डियों को रिपेयर किया जाता है। इस तरह कई बार स्थिति ऐसी होती है कि यह समस्या गठिया या अर्थराइटिस में तब्दील होने लगती है। संक्रमण के चलते मरीज को आजीवन दवाओं के सहारे जीना पड़ता है। हालांकि चोट के अलावा भी कई ऐसी जटिलताएं हैं जिनसे मरीज को बेहद परेशानी होती है। कुछ आंतरिक रोगों मसलन किडनी में संक्रमण के चलते भी पैरों के दर्द का खतरा बढ़ जाता है। पेशाब में जलन के साथ मूत्र मार्ग में संक्रमण के चलते रीढ़ की हड्डियां प्रभावित होती हैं। इन सबकी वजहों से पैरों संबंधित समस्याएं बेहद जटिल स्थिति में पहुंच जाती हैं। पैर दर्द की होम्योपैथी दवा वाकई बेहद असर पहुँचाती है लेकिन इलाज काफी लंबा चलता है।

    होम्योपैथी दवा से पैर दर्द में लाभ

    पैर दर्द की होम्योपैथी दवा के रूप में जर्मन तकनीक की दवाओं का असर व्यापक तौर पर सकारात्मक असर डालता है। दवाओं की बात करें तो पैर की समस्या जैसे गठिया या अर्थराइटिस रोगों में यह दवाएं काफी लाभ की होती हैं। हालांकि कुछ मामलों में जब घुटने में गठिया की वजह से दर्द हो रहा हो तब ब्रायोनिया नामक जर्मन तकनीक की जेनरिक दवा का प्रयोग होम्योपैथी में काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सक, मरीज की मौजूदा उम्र के हिसाब से दवाओं के सेवन की सलाह देता है। उम्र, लिंग और मौजूद स्थिति के हिसाब से ही जर्मन तकनीक की होम्योपैथी दवाएं उपयोग के लिए दी जाती हैं। द्रव सहित खाने के लिए टेबलेट और चीनी की गोली जैसी दवाओं का असर वाकई काफी अच्छा होता है। पैर के रोगों से पीड़ित लोगों पर हुए एक सर्वे के मुताबिक यह दवाइयां असर तो करती हैं लेकिन इनमें काफी लंबा वक्त भी लग जाता है। होम्योपैथी चिकित्सा में शरीर में मौजूद किसी भी तरह की एलर्जी को जड़ से समाप्त करने केई कूबत होती है।

    होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की दवाएं मर्ज के लिहाज से काफी लंबे वक्त तक चलती हैं। हालांकि यह बात मरीज की मौके की स्थिति पर निर्भर करता है गठिया या फिर अनुवांशिक कारणों से हीन वाले पैर दर्द में होम्योपैथी दवा काफी लंबे समय तक उपयोग की जाती है। मरीज और चिकित्सक दोनों को इस माध्यम की दवाओं के साथ उपचार में धैर्य की जरूरत होती है। इस उपचार माध्यम की सबसे बड़ी खासियत है परहेज। यदि इसे अमल में ना लाया जाए तो रोग समाप्त होने के मौके कम हो जाते हैं। कलाई का उपचार करने से पहले होम्योपैथी चिकित्सक कुछ ऐसी दवा के सेवन की सलाह देते हैं जिससे मर्ज उभरती है। मर्ज के उभरने के साथ ही उसका सटीक उपचार किया जाता है। होम्योपैथी दवा प्लाज्मा में जाकर क्षतिग्रस्त ऊतकों को रिपेयर तो करता ही है बल्कि संक्रमण को भी स्थाई समाधान देने का काम करता है। गठिया सहित पुरानी चोट के उभरने का मामला हो या फिर वात या कफ वृद्धि की वजह से दर्द हो तब भी ऐसी दवाएं काफी काम की होती हैं।

    पैर दर्द की होम्योपैथी दवा संबंधित जरूरी सुझाव

    पैर दर्द की होम्योपैथी दवा वाकई काफी लाभकारी होती हैं लेकिन इनकी जटिलताओं के बारे में भी जानना जरूरी है। इस तरह की दवाइयां काफी देर बाद असर करती हैं। पैर में तेज दर्द के दौरान ऐसी दवाइयां किसी भी काम की नही होती। यदि ऐसा कहा जाए कि दर्द को समाप्त करने में या फौरी राहत देने में इस दवा का कोई असर नही होता। इसके अलावा यदि आप इस दवा के साथ एलोपैथ या किसी अन्य दवा का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो तुरंत अपने चिकित्सक की सलाह लें। ऐसी दवाइयां अन्य दवाओं के साथ अभिक्रिया कर शरीर को हानि पहुंचा सकती हैं।

    डॉ नीतू

    • 6 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

    हमारे डॉक्टर से सलाह लें