ऐसे आहारों का चयन मिटा सकता है कलाई दर्द जैसी समस्या

कलाई दर्द में आहार

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    किसी भी तरह एक दूसरे से एक कदम आगे रहने की चाहत ने बेतहाशा भागती इंसानी जिंदगी को रोबोट बना रखा है। खान पान की त्रुटियों के चलते हड्डियों के जोड़ों में समस्या एक बड़ा कारण बनती जा रही है। कलाई दर्द का आहार जानने और उसका सटीक सेवन करने के बाद वास्तव में ऐसी समस्याओं पर काफी हद तक लगाम लगती है। भागती जिंदगी के साथ अक्सर इंसान अपने खान पान से समझौता कर बैठता है। इस स्थिति में कलाई के दर्द जैसी समस्याओं के साथ शरीर मे कई अन्य विकृतियों का प्रादुर्भाव शुरू होता है। एक सर्वे की मानें तो दुनिया मे हड्डियों से संबंधित अधिकांश रोग आहार सम्बंधित दुर्गुणों की वजह से ही पनपते हैं। वास्तव में मिलावटी भोजन सामग्री उस मीठे जहर के समान होती है जो अच्छी तो बहुत लगती है लेकिन धीरे- धीरे ही सही लेकिन जीवन को असमय काल के गाल में पहुंचा कर ही दम लेती है। हाथों के सबसे छोर पर स्थित भाग जो उंगलियों से जुड़ा होता है, इसका सीधा संबंध हृदय की मांसपेशियों से होता है। हाथों के जोड़ कलाई में दर्द वैसे तो एक सामान्य स्थिति होती है जो हल्के खिंचाव या फिर चोट के बाद प्रकट हो जाती है। कई बार चोट या फिर आंतरिक हड्डी रोग गठिया या फिर कई अन्य विकारों के प्रकट होने का कारण बनते हैं।

    हाथों के इस जोड़ में दर्द हो जाने पर इंसान को अपनी जीवनशैली में सुधार के साथ खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में सुधार लाने की बेहद जरूरत होती है। रोजमर्रा के आहार की विकृति से ही इंसान के खून में बढ़ा यूरिया का स्तर हड्डियों को बेहद कमजोर बना देता है जिसकी वजह से घर्षण उत्पन्न होता है। घर्षण के फलस्वरूप हड्डियों के जोड़ में मौजूद फ्लूड सूखने के खतरा बढ़ जाता है। इस लेख के माध्यम से हथेलियों की समस्या में आहार संबंधित कुछ अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालने की कोशिश है। वास्तव मे कुछ चीजों को अमल में लाकर दर्द जैसी समस्या पर लगाम लगाया जा सकता है।

    हथेली दर्द में लहसुन के लाभ

    लहसुन

    लहसुन दुनिया का ऐसा प्राकृतिक दर्द निवारक है जिसका प्रयोग आयुर्वेद और यूनानी दवाओं के निर्माण में भी किया जाता है। लहसुन की एक कली को छीलकर खाली पेट सेवन करने से वात और पित्त जैसी समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा लहसुन की 2 से 3 कलियों को हल्का कूटकर पानी मे उबालकर सूप की तरह इस्तेमाल करने से हड्डियों में दर्द दूर तो होता ही है बल्कि शरीर में कैल्शियम की आपूर्ति भी होती है। खान पान में लहसुन का सेवन शरीर से यूरिक एसिड जैसे तत्वों को बाहर निकलकर हड्डियों को मजबूत बनाता है।

    हथेली दर्द में हरी पत्तेदार साग सब्जियों के लाभ

    हरी पत्तेदार सब्जियों के लाभ

    शरीर का ढाँचा ही हड्डियों से निर्मित है। अक्सर खान पान में विकृति के चलते हथेली दर्द के लक्षण पैदा होने लगते हैं। लगभग हर मौसम में पालक और बथुआ जैसे साग बाजार में भारी मात्रा में उपलब्ध होते हैं। भरपूर मात्रा में आयरन और कैल्शियम पाने के लिए पालक और बथुआ का सेवन करना आवश्यक है। इनके सेवन से शरीर में मौजूद हानिकारक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा पालक और बथुआ का जूस के रूप में भी सेवन किया जा सकता है।

    कलाई दर्द में मौसमी फलों के लाभ

    मौसमी फलों के लाभ

    हथेली दर्द में आहार के लिए मौसमी फलों का बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता है।हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए मौसमी फलों का सेवन बेदह ज़रूरी है। हथेली के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अनार,मौसमी, सेब संतरा और चुकंदर जैसे फलों का रोज़ाना सेवन करना चाहिए।

    कलाई दर्द में दूध के लाभ

    दूध का सेवन

    दूध में कैल्शिय.म पाया जाता है जिसमें हड्डियों को मजबूती प्रदान करने की शक्ति होती है। नियमित रूप से सुबह शाम दूध का सेवन करने से कलाई के दर्द से छुटकारा मिलता है। दूध के साथ शहद का इस्तेमाल हड्डियों के जोड़ों के लिए बेहद लाभदायक होता है।

    हथेली दर्द में आहार संबंधित जरूरी सुझाव

    भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान की खानपान की आदतों में काफी परिवर्तन आ गया है। खासतौर पर मनुष्य जंक फूड के सेवन के अधीन हो गया है। जिसके कारण मोटापा और उससे जुड़ी अन्य बीमारीयां ऊपज रही हैं। जो हथेली में दर्द का बड़ा कारण मानी जाती है। कभी भी मामूली दर्द के दौरान तुरंत राहत पहुंचाने वाली दवाओं का इस्तेमाल बिना चिकित्सक की सलाह लिए नही करना चाहिए। इंसान को अपनी उम्र के साथ वजन के लिहाज से उतनी कैलोरी ऊर्जा का ही ग्रहण करना चाहिए जिससे उसमें मोटापा जैसा लक्षण उत्पन्न ना हो सके। खान पान के साथ एक स्वस्थ मनुष्य को पानी पीने की जरूरत होती है। पानी पीने से शरीर मे मौजूद टॉक्सिन्स तो बाहर निकलते ही हैं बल्कि यूरिक एसिड भी बाहर निकल जाता है। हथेली दर्द में आहार के साथ नियमित रूप से नीद पूरी करें। कम से कम 8 घंटे सोना आवश्यक होता है। नीद के अभाव में अवसाद जैसी स्थिति हड्डियों को कमजोर बना देती है। आहार के साथ नियमित दिनचर्या और योग के कुछ उपायों को अपनाकर काफी हद तक ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है।

    डॉ आलिया

    • 7 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ आलिया यूनानी चिकित्सा में स्नातक हैं. इन्हें कंधे के दर्द को ठीक करने में महारत हासिल है. इस विधा में इन्हें करीब 6 साल का अनुभव है. अपने इलाज से डॉ आलिया ने कंधे दर्द जैसे रोगों के लिए देश के हज़ारों मरीजों का सफलता से उपचार किया है.

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