होम्योपैथी चिकित्सा दिला सकती है पीठ के दर्द में स्थाई समाधान!

पीठ के दर्द होम्योपैथी

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    एक सर्वे बताता है कि पीठ का दर्द होम्योपैथी दवा वास्तव में काफी कारगर साबित हो रही है। यह जरूरी नही कि ऐसी समस्या के पीछे हर बार किसी बड़े रोग की ही वजह हो। पीठ पर ज्यादा वजनी या गलत आकार का बैग लादकर घंटों पैदल चलने की आदत से भी ऐसी समस्या होने के चांस बढ़ जाते हैं। ज्यादा देर तक एक जगह उकडू बैठने या फिर देर तक करवट लेकर लेटने से भी पीठ में समस्या होना शुरू हो जाता है। पीठ की कण्डरा में सूजन या फिर प्लेटों के नर्म ऊतकों में संक्रमण होने से भी दर्द बढ़ जाता है। हालांकि कई ऐसी चिकित्सकीय परिस्थितियों से लोगों का सामना होता है जिनसे कई बार लोग अनजान रहते हैं। एक स्वास्थ्य सर्वे की मानें तो खान पान के दोष के चलते करीब 90 फीसदी इस तरह के मरीज रोगों का शिकार होते हैं। इसके अलावा नींद कम लेने वाले लोग भी अवसाद का शिकार होकर दर्द का शिकार हो जाते हैं। दुनिया में उपचार की कई पद्धतियां मौजूद हैं लेकिन होम्योपैथी की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। इस लेख को लिखने का मुख्य मकसद इस बात पर प्रकाश डालने का है कि किस तरह से यह जर्मन तकनीक पीठ के दर्द में राहत पहुंचाती है, और इस तरह की मर्ज की मुख्य जटिलता क्या है इस बात पर भी फोकस करेंगें।

    पीठ का दर्द संबंधित प्रमुख जटिलताएं

    पीठ शरीर का ऐसा हिस्सा है जिसकी संरचना हड्डियों के जाल की तरह होती है। इसका सीधा संबंध हृदय सीना, और फेफड़ों के अलावा रीढ़ की हड्डी से होता है। रीढ़ की हड्डी में किसी भी वजह से लगी चोट पीठ दर्द का कारण बन जाती है। कण्डरा में चोट या लिगामेंट में सूजन के चलते हड्डियों में मौजूद मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। इस प्रकार की समस्या के चलते इंसान को अपनी दैनिक दिनचर्या करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार चोट लगने के कुछ दिन बाद दर्द का उभार होता है। इस तरह के दर्द कई रूपों में अलग- अलग रोगों की वजह बन सकते हैं। पीठ की समस्या वैसे तो कई रोगों का जनक होती है लेकिन ट्यूबरक्लोसिस या गांठ का बनना बेहद खतरनाक स्थिति होती है। इस तरह के मर्ज में इलाज काफी लंबा चलता है। रोग की मौजूदा स्थिति पर यह बात ज्यादा निर्भर करती है कि ऊSकी मौके पर स्थिति क्या है। ट्यूबरक्लोसिस जैसी स्थिति में इंसान के सीने में दर्द के अलावा कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। अक्सर ऐसे इलाजों में आधुनिक युग की दवाओं के सहारे 80 फीसदी लोग स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं।

    पीठ का दर्द होम्योपैथी दवा के फायदे

    पीठ का दर्द होम्योपैथी दवा का असर तुरंत तो नही होता बल्कि आगे चलकर नियमित उपयोग व्यापक असर दिखाता है। होम्योपैथी चिकित्सक सबसे पहले रोगी की वर्तमान स्थिति के अनुसार हल्की दवाओं के सेवन की सलाह देता है। हल्की दवाएं कुछ दिन खाने या पीने के बाद यदि मर्ज में आराम नही मिलता तब रोगी को कुछ ऐसी दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है जिससे रोग में एक बार उभार महसूस हो। हालांकि अलग मामलों चिकित्सक अलग तरह से इलाज प्रक्रिया अपनाता है। यह जरूरी नही कि हर होम्योपैथी चिकित्सक एक ही तरह की चिकित्सकीय विधा अपनाये।

    रोग या दर्द के उभार के साथ डॉक्टर ऐसी दवा के सेवन की सलाह देता है जो काफी लंबे समय तक खाने या पीनी पड़ती है। ब्रायोनिया जैसी दवाएं जो दर्द कम करने में ऐ जाती है, इनका निरंतर प्रयोग शरीर से गठिया या अर्थराइटिस जैसे रोगों को जड़ से समाप्त करने का काम करता है। होम्योपैथी उपचार माध्यम की दवाएं काफी लंबे उपचार के बाद शरीर में असर दिखाने का काम करती हैं। इस उपचार पद्धति में कई तरह के परहेज बताये जाते हैं जो अलग- अलग चिकित्सक की अलग- अलग राय की तरह होते हैं। कुछ चिकित्सक लहसुन और प्याज को दवा के समय बिल्कुल भी छोड़ने की सलाह देते हैं। यदि दवा के समय किसी भी स्थिति में परहेज ना किया गया तो ऐसी दवाएं किसी भी कम की नही होती हैं। इसके अलावा खट्टे पदार्थों के सेवन से भी परहेज की सलाह दी जाती है। ज्यादा तैलीय भोजन या जंक फूड का सेवन मर्ज को कम करने की जगह बढ़ाने का काम करता है। ऐसी दवाओं की अपनी कई तरह की विसंगतियां भी होती हैं। हर होम्योपैथी चिकित्सक मरीज को भोजन के आधे घंटे बाद ही दवा के इस्तेमाल की सलाह देता है। विसंगति इस तरह की उपचार माध्यम में कुछ इस तरह की होती है कि ऐसी दवाएं दर्द के समय किसी काम की नही होती हैं और दवाएं काफी लंबे समय तक चलती हैं। होम्योपैथी उपचार माध्यम में चिकित्सक और मरीज दोनों को काफी धैर्य की जरूरत होती है।

    पीठ का दर्द होम्योपैथी दवा संबंधित जरूरी सुझाव/सलाह

    होम्योपैथी चिकित्सा के पीठ दर्द में बेहद लाभ होते हैं लेकिन इसकी विसंगतियां भी कम नही होती हैं। तुरन्त दर्द या तेज दर्द के दौरान ऐसी दवाएं किसी काम की नही होती। यदि इस तरह की दवा के साथ किसी अन्य दवा का इस्तेमाल बिना चिकित्सक की सलाह के किया जाए तो बेहद खतरनाक हो सकता है। यह दवाएं शरीर में बड़ी तेजी से अभिक्रिया करती हैं। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में दवा लेने से शरीर को बेहद नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। होम्योपैथी चिकित्सा की दवाएं बिना परहेज के किसी भी काम की नही होती हैं। जब भी होम्योपैथी दवा का इस्तेमाल करें अपने चिकित्सक की सलाह जरूर ले लें।

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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