पैरों में सूजन आने पर अपनाएं ये आसान उपाय

पैरों में सूजन आने पर अपनाएं ये आसान उपाय

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    कई बार हमारे या हमारे घर में से किसी सदस्या के पैरों में सूजन आ जाती है जिसे हम अनदेखा कर देते हैं। लेकिन इस छोटी समस्या को अनदेखा करना कई बार बड़ी समस्या बन जाती है। लोग पैरों की समस्या को इसलिए अनदेखा कर देते हैं क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि ये असल में हुआ क्यों है? तो आज आपको पता चलेगा पैरों में सूजन आने की वज़ह, कारण और इससे छुटकारा पाने के तरीके..

    अगर आपके पैरों में अचानक से सूजन, लालपन, गर्माहट आ जाए या आपको चलने फिरने में पैरों में खिचाव सा महसूस होने लगता है तो यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। पैरो में खिचाव तब होता है जब पैरों की नसों में खून के करते जमा हो जाते हैं और उस वज़ह से सूजन आ जाती है और ऐसा होना हानिकारक हो सकता है और लोग इसे नस का खिचाव,किसी प्रकार की चोट, कोई इंफेक्शन या फाइलेरिया समझ बैठते हैं और फिर अपने हिसाब से इसा इलाज करवाने लगते हैं। डॉक्टर को दिखाने पर वो भी इसे फाइलेरिया का नाम देकर हफ्तों की दवाईयां दे देते हैं। इतनी ही नहीं, कुछ हड्डी विशेषज्ञ नस उखड़ने के नाम पर पैर पर कुछ भारी वजन सा लटका देते हैं। और इन्हीं गलत उपायों की वज़ह से डीप वेन थ्रोम्बोसिस नाम की बीमारी बढ़ जाती है जिसकी वज़ह से मरीज की को खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है।

    पैरों में सूजन के कारण

    पैरों में सूजन के कारण

    कुर्सी पर देर तक बैठना: आपका काम अगर कुर्सी पप लगातार 7 से 8 घंटे बैठकर करना है तो पैरों का सूजना आम बात है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब कोई व्यक्ति लगातार 7 से 8 घंटो के लिए एक जगह बैठे रहता है तो बॉडी में मौजूद द्रव्य ग्रेवटी के कारण पैरों के निचले हिस्से में जमा हो जाता है और इसी वज़ह से फिर पैरों में सूजन आ जाती है।

    ब्लड में प्रोटीन की कमी
    खून में जब प्रोटीन की मात्रा की कमी हो जाती है तो पैरों में सूजन दिखने लगती है। ऐसा इसलिए होतो है क्योंकि हमारे ब्लड में एल्बुमिन नाम का केमिकल मौजूद होता है जिसका काम होता है रक्त वाहिकाओं को द्रव्य को अपने अंदर रखने में मदद करना और जब यह द्रव्य निकलता है तो पैरों में सूजन आ जाती है।

    प्रेग्नेंसी
    इस बात से तो आप सब वाकिफ होंगे कि गर्भवती महिला के पैरों में सूजन आना आम बात होती है। प्रेग्नेंट महिला के पैरो में सूजन गर्भ के आकार बढ़ने की वज़ह से आती है। जब गर्भवती महिला का गर्भ बढ़ता है तो ब्लड वैसेल्स यानी रक्त वाहिकाओं का संकुचन होता है जिसकी वज़ह से उनमें मौजूदा द्रव्य के बाहर निकलता है और पैरों में सूजन आने लगती है।

    लिवर की बीमारी
    जिन लोगो को लिवर की बीमारी होती है उनके ब्लड में एल्बुमिन नाम के प्रोटीन केमिकल की कमी हो जाती है। ये इसलिए होता है क्योंकि लिवर में समस्या होने की वज़ह से वह पर्याप्त मात्रा में एल्बुमिन नहीं बना पाता जिसकी वज़ह से किडनी यूरीन के साथ बचे हुए एल्बुमिन को बॉडी से बाहर कर देती है और फिर पैरों में सूजन आ जाती है।

    बढ़ा हुआ वज़न
    जब किसी का वज़न बढ़ता है तो दिल को ब्लड सर्कुलेट करने में ज़्यादा मेहनत लगती है जिसकी वज़ह से पैरों में सूजन आ जाती है।

    बदलते मौसम की वजह से पैरों में सूजन

    जब सर्दियों का मौसम आता है तब हमारी बॉडी की कुछ नसें सिकुड़ जाती है जिसका असर ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है और इसी वज़ह से हाथ और पैरों की उंगलियां सूज जाती हैं। सूजन के अलावा जलन और खुजली जैसी चीजें भी होने लगती हैं और दर्द भी महसूस होता है।

    पैरों में सूजन आने के लक्षण

    पैरों में सूजन आने के लक्षण

    • त्वचा का चमकदार होना: जब पैरों में सूजन आती है तो पैरों की त्वचा चमकदार हो जाती है।
    • पैरों के सूज जाने पर उसकी त्वचा पर देर तक दबाव बनाने पर गढ्ढा सा बन जाता है।
    • पैरों की त्वचा का उभरा हुआ और फूला हुआ लगना।
    • पैरों के साथ-साथ हाथ और गर्दन की नसों का भी उभरना
    • शरीर के कुछ अंगों और जोड़ों में दर्द का महसूस होना
    • सिर और पैरो में दर्दहोना

    पुरूषों के पैरों में सूजन

    पैरों में सूजन आने का एक कारण लगातार पैर लटकाकर बैठना भी होता है और ज्यादातर पुरूष वर्किंग होते हैं तो इस वजह से उनके पैरों में सूजन आना आम हो जाता है। इसके अलावा पुरूष पूरे दिन जूते मोजे पहन कर रखते हैं जिसकी वज़ह से रक्तचाप ढंग से नहीं हो पाता है और पैरों में हल्की सूजन आने लगती है।

    महिलाओं के पैरों में सूजन

    महिलाएं पैरों में सूजन डीप वेन थ्रोम्बोसिस की वज़ह से हो सकती है। आज के समय की बात करें तो महिलाओं का व्यायाम नहीं करना और महिलाओं में गर्भनिरोधक दवाओं का अधिक सेवन करना डीप वेन थ्रोम्बोसिस की संभावना को बढ़ा देता है। पैरों में सूजन की वज़ह हाई हील्स की सैंडल्स का पहनना भी है।

    पैरों में सूजन आने के पहले रोकथाम

    पैरों में सूजन आने के पहले रोकथाम

    • ज्यादा देर तक एक जगह ना बैठें
    • नियमित रूप से व्यायाम करें
    • रोज़ाना कम से कम 3 से 4 किलोमीटर चलें
    • महिलाएं ज़्यादा देर तक हाई हील्स ना पहनें
    • वज़न पर नियंत्रण रखें

    पैरों में सूजन आने के बाद रोकथाम

    • पैरों को जितना हो सकें आराम दें
    • सोते वक्त या लेटते समय पैरों को तकिये की मदद से थोड़ा ऊंचाई पर रखें
    • पैरों को लटका कर ना बैठें
    • जितना हो सकें पैरों की हल्की-हल्की एक्सरसाइज़ करते रहें
    • रक्तचाप बेहतर हो इसलिए पौष्टिक खाना खाते रहें।
    • पैरों में जूते या सैंडल्स का अधिक इस्तेमाल ना करें

    पैरों में सूजन है तो इन उपायों से करें दूर

    पैरों में सूजन है तो इन उपायों से करें दूर

    करते रहें गतिविधियां : अगर आपके पैरों में सूजन है तो उसे समय-समय पर हिलाते रहें। ऐसा इसलिए करें क्योंकि इससे पैरों में जो खून जम चुका है वह दिल की तरफ जाएगा और रक्तचाप बेहतर होगा जिससे पैरों की सूजन में राहत मिलेगी।

    पैरों को दे सहारा: जब भी बिस्तर पर लेटें या सोएं तो कोशिश करें कि पैर समतल ना रखें हों। सोते समय पैरों को तकिए के सहारे ऊचाई का सहारा दें। ऐसा करने से आपके पैरों का रक्तचाप अच्छा होता है और साथ ही दर्द से राहत भी मिलती है।

    मसाज और मालिश से मिलेगा आराम: जिस हिस्से में सूजन हो उसमें हल्के हाथों से मसाज या मालिश करें। ऐसा करने से इक्ठ्ठा हुआ द्रव को उस जगह से हटाने में मदद मिलती है।

    दबाव बनाना : पैर के जिस हिस्से में आपको सूजन लग रही हो उस पर दबाव बनाना ज़रूरी है। दबाव बनाने के लिए आप मोजे पहन सकते हैं। ऐसा करने से आपके पैरों की सूजन कम हो जाएगी। इतना ही नहीं ये सूजन को बढ़ने से भी रोकेंगे।

    कम करें नमक का सेवन : अगर आप पैरों में सूजन के दौरान नमक का सेवन ज्यादा करेंगे तो द्रव के एक जगह जमा होने की संभावना बढ़ जाएगी।

    रोज़ करें व्यायाम: व्यायाम करने से आपके शरीर की मांसपेशियों रक्तचाप क्रिया में सुधार आता है।साथ ही व्यायाम पैर की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता

    वजन कम करना : शरीर का वजन कम करना, पैरों शरीर का दबाव कम करता है, जिससे सूजन जैसी समस्याएं भी कम हो जाती हैं।

    पैरों में सूजन आने के बाद क्या करें क्या ना करें

    पैरों में सूजन आने के बाद क्या करें क्या ना करें

    • एक जगह खड़े या बैठे ना रहें
    • पैरों पर मोजे की मदद से दबाव बनाए रखें।
    • वज़न अगर बढ़ गया हो तो उसे कंट्रोल करने करें।
    • महिलांए कोशिश करें कि हील्स कम से कम पहनें।
    • पैरों को सोते समय ऊंचाई का सहारा दें।

    डॉ नीतू

    • 6 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

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