ऑपरेशन के बिना योग से पाएं घुटने की लिगामेंट इंजरी से छुटकारा

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    लिगामेंट से संबंधित चोट बेहद दर्दनाक होती है। आपके घुटने अकड़ सकते हैं। आपको चलने-फिरने व भारी बोझ उठाने में तकलीफ़ हो सकती है। इस तकलीफ़ से निजात पाने के लिए लोग अक्सर ऑपरेशन का सहारा लेते हैं। लेकिन इस समस्या को बिना ऑपरेशन के भी ठीक किया जा सकता है। नियमित व्यायाम और योग से भी आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

    योग से पूरे शरीर को बनाएं लोचदार

    आपके घुटने में अगर चोट लगी है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि आप घुटने से जुड़े योगासन ही करें। अगर शरीर का ऊपरी हिस्सा मज़बूत नहीं है तो उसका सारा भार घुटनों पर पड़ता है। खासकर अगर रीढ़ की हड्डी कमज़ोर हो तो यह समस्या अधिक होती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप न केवल घुटनों को बल्कि अपने पूरे शरीर को मज़बूत और लोचदार बनाए रखने का प्रयास करें।

    घुटने का लिगामेंट संबंधी चोट में निम्न योग फ़ायदेमंद साबित हो सकते हैं:

    योग से पूरे शरीर को बनाएं लोचदार

    • सेतुबंधासन (Bridge Pose)
    • वीरभद्रासन (Warrior Pose)
    • वृक्षासन (Tree Pose)
    • बालासन (Child Pose)
    • अर्ध कपोतासन (Half pigeon post)
    • पद्मासन (Lotus pose)
    • पादंगुष्ठासन (Big Toe Pose)

    पीठ और गर्दन में ज़रूरी खिंचाव लाता है सेतुबंधासन

    सेतुबंधासन एक बेहद सरल आसन है जिसे कोई भी कर सकता है। यह पीठ, छाती और गर्दन में अच्छा खिंचाव उत्पन्न करता है और पीठ, पैर और घुटने की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता करता है। चिंता व तनाव दूर कर शरीर को आराम पहुंचाता है। इससे आपके पैरों की थकान दूर होती है।
    सावधानियां: यह आसन भोजन करने से पूर्व या भोजन करने के बाद के 4-6 घंटे बाद ही किया जाता है। यदि आपकी गर्दन, पीठ, कंधे या कमर में चोट हो तो यह आसन न करें। गर्भवती महिलाएं किसी योग विशेषज्ञ की देख-रेख में ही यह आसन करें।

    वीरभद्रासन से बढ़ाएं शरीर की सहनशीलता

    यह आसन शरीर को संतुलन प्रदान करता है और सहनशीलता बढ़ाता है। यह आसन पूरे पैर की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है। आपके घुटने के जोड़ को मज़बूत और लोचदार बनाता है। कंधे, पीठ व कमर की जकड़न व तनाव को दूर कर इन्हें मज़बूती प्रदान करता है।
    सावधानियां: अगर आपके घुटनों में दर्द या गठिया की समस्या है तो घुटने के पास सहारे का प्रयोग करें। रीढ़ की हड्डी में विकार या किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित लोग यह आसन न करें। इसके अलावा उच्च रक्तचाप या दस्त होने की स्थिति में भी यह आसन करने से परहेज़ करें।

    वृक्षासन से मज़बूत करें पैर की मांसपेशियां

    वृक्षासन करते समय आपका एक पैर सीधा और एक पैर घुटने की ओर से मुड़ा होता है। यह आसन करने से मुड़े हुए पैर का एमसीएल स्ट्रेच होता है और खड़े हुए पैर की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं। इस तरह यह पैरों को मज़बूती प्रदान कर संतुलन स्थापित करता है। यह आसन करने के बाद आप तरो-ताज़ा महसूस करते हैं। यह एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद करता है।
    सावधानियां: उच्च या निम्न रक्तचाप, माइग्रेन या अनिद्रा की समस्या हो तो यह आसन न करें।

    एसीएल की चोट में कारगर है बालासन

    एन्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (ACL) की चोट में यह आसन करने से आपको लाभ होगा। चोट के बाद घुटने के जोड़ में आई अकड़न दूर होगी। साथ ही यह मीडियल कोलेटरल लिगामेंट (MCL) को स्ट्रेच करता है। इसके अलावा यह आसन पीठ को आराम पहुंचाता है, तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और कब्ज़ से राहत दिलाता है।
    सावधानियां: यदि आपके घुटने व पीठ में गंभीर चोट लगी हो या ऑपरेशन हुआ हो तो यह आसन न करें। गर्भवती महिलाएं इस आसन का अभ्यास कभी न करें।

    अर्ध कपोतासन से शरीर को बनाएं लचीला

    यह आसन करने से घुटने के जोड़ पर दबाव पड़ता है। यह आसन शरीर के निचले हिस्से में गहरा खिंचाव उत्पन्न करता है। आपके तंत्रिका तंत्र और शरीर के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह को सक्रिय करता है। इसके अलावा यह शरीर को लचीला बनाता है।
    सावधानियां: हाल ही में अगर आप कूल्हे की चोट से उबरे हैं तो यह आसन न करें। घुटनों में अधिक तकलीफ़ हो तो घुटने के पास सहारे का प्रयोग करें।

    पद्मासन से दूर करें मांसपेशियों का तनाव

    यह आसन मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। साथ ही मन को शांत करता है। इसके अलावा यह पाचन और मासिक धर्म संबंधी दिक्कतों को दूर करने में भी मदद करता है।
    सावधानियां: यह आसन करते समय घुटनों पर अधिक ज़ोर न डालें। अधिक दर्द हो तो यह आसन न करें।

    पादंगुष्ठासन से हैमस्ट्रिंग को करें स्ट्रेच

    यह आसन हैमस्ट्रिंग (पैर के पीछे की नस) और पिंडलियों को स्ट्रेच करता है और जांघों को मज़बूती प्रदान करता है। मन को शांत कर तनाव और बेचैनी को दूर करता है।
    सावधानियां: पीठ और कमर के निचले हिस्से में दर्द हो तो यह आसन न करें। यह आसन करते वक्त अगर आपको चक्कर आए तो तुरंत रुक जाएं। यह आसन न करें।

    घुटने का लिगामेंट का योग के नियमित अभ्यास से आप लिगामेंट की चोट से बच सकते हैं। लिगामेंट की चोट से उबरने में भी ये योग आपकी मदद कर सकते हैं। लेकिन ये आसन किसी योग विशेषज्ञ की देख रेख में ही करें।

    डॉ वैशाली

    • 7 Years of Experience
    • (Physiotherapist)

    डॉ वैशाली, योगा, व्यायाम जैसे माध्यम से हड्डियों के रोग का इलाज करती हैं. इन्हें इस विधा में करीब 6 साल का अनुभव है. इनके साथ योग, व्यायाम जैसे तरीके सीखकर देश के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं. पिछले कई सालों में लगभग हर मरीज डॉक्टर वैशाली के बताए

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