कोहनी दर्द का समाधान पाने के लिए अपनाएं योगासन के ऐसे तरीके।

कोहनी दर्द का समाधान पाने के लिए अपनाएं योगासन के ऐसे तरीके

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    आधुनिक युग मे इंसान उपचार की अनेक विधियों से मर्ज का इलाज करता आया है। भागदौड़ ने इंसान की जीवनशैली बिगाड़कर रख दी है। जीवनशैली में लगातार परिवर्तन और खान पान की अनियमितता के चलते इंसान के हाथों के जोड़ कोहनी में दर्द जैसी स्थिति पैदा हो ही जाती है। उम्र के बढ़ने के साथ ही हड्डियों का लचीलापन भी समाप्त होने लगता है। जोड़ों के कठोर होने के साथ ही हाथ के जोड़ों में जरूरी रक्त संचार और ऊर्जा का संचरण बन्द होने लगता है जिसके फलस्वरूप ऐसी समस्या हो ही जाती है। कोहनी दर्द में योग के लिए कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके वास्तविक तौर पर सटीक अनुपालन करने से हड्डियों से संबंधित रोग समाप्त होने लगते हैं। आज इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसे ही योगासनों के तरीकों पर गौर करने का है।

    पूर्वोत्तानासन योग के कोहनी दर्द में फायदे।

    पूर्वोत्तानासन योग के कोहनी दर्द में फायदे

    इस आसन को रोजाना समय से खाली पेट सुबह उठकर नियमित तौर पर क्रियान्वित करने से हड्डियों के जोड़ों में लचीलापन आता है। इस आसन से जहां हड्डियों को भरपूर ऊर्जा प्राप्त होती है तो दूसरी तरफ कैल्शियम की आपूर्ति के साथ ही जोड़ों में मौजूद फ्लूड की सुरक्षा होती है।

    आसन की विधि।

    पूर्वोत्तानासन आसन की विधि

    यह योग करने के लिए फर्श या चटाई पर बैठ जाएं। इस दौरान सावधान स्थिति में पैरों को आगे की तरफ ले जाएं। इस दशा में पीठ की हड्डी सीधी रखें। दोनों हाथों को जांघों के ऊपर ले जाएं। हिप की तरफ ले जाते हुए हाथों को थोड़ा सा ऊपर उठाते हुए साँस नाक से ऊपर की तरफ लें। मुंह बिलकुल बंद रहना चाहिए। हाथों के कूल्हे के नीचे आते ही हलकी साँस बहार छोड़ें। यह आसान 4 से 5 बार दोहरा सकते हैं।  इस योग से शरीर को सही मात्रा में कैल्शियम प्राप्त होता है और हड्डियों में नई ऊर्जा आती है।

    कोहनी दर्द में सुखासन के फायदे।

    कोहनी दर्द में सुखासन के फायदे

    सुखासन एक ऐसा योग है जिसे सबसे सरल योग की श्रेणी माना जाता है। इस योग से कमर सहित हाथों की जड़ें मजबूत होती हैं। सुबह और शाम दोनों वक्त इस योग को आसानी से किया जा सकता है। इस योग से हड्डियों को प्रचुर मात्रा में कैल्शियम प्राप्त होती है।

    आसन की विधि।

    सुखासन आसन की विधि

    कूल्हे के बल जमीन पर बैठ जाएं। अब रीढ़ की हड्डी को 90 डिग्री पर सावधान मुद्रा में रखें। ध्यान रहे इस मुद्रा में कंधे बिल्कुल तने रहने चाहिये। अब पैरों को मोड़ कर बैठ जाएं। नाक से ऊपर की तरफ सांस अंदर खींचें। अब नाक से सांस छोड़ते हुए कंधों को आगे की तरफ झुककर आगे की तरफ ले जाएं। अब कमर की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर गर्दन को दाएं और बाएं मोड़ें। अब गहरी सांस लें और थोड़ी देर के लिए गर्दन को ऊपर की तरफ ले जाएं। सांस छोड़ते हुए शरीर को नीचे की तरफ कमर को झुककर सांस छोड़ें। ऐसा करीब 4 से 5 बार रोज दोहराएं। इस आसन के दौरान आपके कूल्हे और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। खिंचाव के दौरान हड्डियों में लचीलापन आता है और जोड़ों को भरपूर ऊर्जा प्राप्त होती है।

    कोहनी दर्द में पश्चिमोत्तासन के लाभ।

    कोहनी दर्द में पश्चिमोत्तासन के लाभ

    कोहनी दर्द में योग के लिए इस आसन का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। इस योग से जहां मन को शांति मिलती है तो दूसरी तरफ अवसाद और मोटापे से ग्रस्त हड्डियों को क्षति होने से सुरक्षा प्राप्त होती है।

    आसन की विधि।

    पश्चिमोत्तासन आसन की विधि

    इस योग के लिए बैठकर पैरों को सीधा फैला लें।। खुद को सावधान रखें। याद रहे मुड़ने ना पाएं। इस मुद्रा में हाथों को पांव के बराबर ऊपर ले जाएं। हाथ से पांव के अंगूठों को पकड़ने का प्रयास करें। ऐसा करते हुए साँस ऊपर खींचें। न्यूनकोण बनाते हुए सिर को नाभि तक ले जाएं। ऐसा 5 मिनट तक करने की कोशिश करें। यह योग हड्डियों के जोड़ों में फ्लूड को तो सुरक्षित करता ही है साथ ही रक्तसंचार को भी संयमित बना देता है । कोहनी दर्द के योग में इस आसन को नियमित तौर पर करने से दर्द से छुटकारा प्राप्त होता है और हड्डियों में लचीलापन भी आता है।

    योगासन संबंधित जरूरी सुझाव और सलाह

     

    कोहनी दर्द के लिए बताये गए योगा के तरीके वाकई बेहद असरदार होते हैं। योग के साथ ही हाथों को नियमित तौर पर थोड़े समय के बाद रह रहकर गोल गोल घूमना लाभकारी होता है। हालांकि दर्द और मरीज की मौके की स्थिति क्या है यह बात ज्यादा मायने रखती है। कई बार चोट लगने के दौरान दर्द के बढ़ जाने से चिकित्सक मरीज को आराम करने की सलाह देते हैं। इस तरह से जब भी योग को इस्तेमाल में लाएं चिकित्सक या एक्सपर्ट की सलाह लेना ना भूलें। चिकित्सक या फिर योग एक्सपर्ट की सलाह से किये गए योग सटीक भी होते हैं और इनसे मांसपेशियों के खिंचाव का खतरा भी कम हो जाता है। बेहतर लाभ के लिए योग को खाली पेट प्रयोग में लाएं।

    डॉ आलिया

    • 7 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ आलिया यूनानी चिकित्सा में स्नातक हैं. इन्हें कंधे के दर्द को ठीक करने में महारत हासिल है. इस विधा में इन्हें करीब 6 साल का अनुभव है. अपने इलाज से डॉ आलिया ने कंधे दर्द जैसे रोगों के लिए देश के हज़ारों मरीजों का सफलता से उपचार किया है.

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