गर्दन दर्द में आहार का होता है विशेष महत्व, कुछ इन तरीकों से दर्द पर पाया जा सकता है काबू

गर्दन दर्द का आहार

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    सिर इंसान के शरीर का सबसे वजनी हिस्सा होता है जिसका पूरा भार गर्दन पर टिका होता है। गर्दन या सर्वाइकल का दर्द बहुत ही तकलीफ देने वाला होता है। इसमें तकलीफ हो जाने पर सिर घुमाने में काफी परेशानी हो जाती है। चिकित्सक की सलाह पर लोग इसमें गर्म पट्टा तक बांधने पर मजबूर हो जाते हैं। उपचार की दुनिया मे कई पद्धतियां मौजूद हैं जिनसे इस तरह के दर्द का इलाज किया जाता है। उपचार के अलावा गर्दन दर्द का आहार वास्तव में बेहद लाभदायक होता है। एक हेल्थ सर्वे के मुताबिक आहार या खान पान की विसंगतियों की वजह से ही 90 फीसदी हड्डियों संबंधित रोग हो जाते हैं। वास्तव में इंसानी ढांचा ही हड्डियों से निर्मित होता है। इस लेखक माध्यम से आहार से किस तरह गर्दन दर्द में लाभ प्राप्त हो सकता है इस बारे में चर्चा तो करेंगे ही अपितु गर्दन की समस्याओं से संबंधित प्रमुख जटिलताओं के बारे में भी जानेंगे।

    गर्दन दर्द संबंधित प्रमुख जटिलताएं

    वास्तव में गर्दन के दर्द की समस्या के पीछे कई ऐसे कारण होते हैं जो बेहद ही सामान्य हो सकते हैं। सामान्य स्थिति वाले दर्द अक्सर हल्की मालिश के बाद समाप्त हो जाते हैं। दिनचर्या में निरंतर बदलाव और खान पान में दूषित पदार्थों के सेवन से भी इस तरह तकलीफों का सामना हो ताकत है। एक सर्वे के मुताबिक दुनिया मे स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले हर चौथे से पांचवें इंसान को सर्वाइकल की समस्या हो रही है। ऑफिस में देर तक काम करने वाले लोगों में भी इस तरह की समस्याएं देखी जाती हैं। स्त्रियों में यह समस्या पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होती है। हल्का सा भी दर्द होने के साथ ही फौरी राहत की दवाओं का इस्तेमाल बेहद नुकसान पहुंचाता है।

    गर्दन के दर्द की कई तरह की विकृतियां होती हैं। ज्यादा सेर तक एक जगह खड़े होकर सिर झुकाकर या उठाकर काम करने वाले लोग इस समस्या का शिकार हो जाते हैं। कई बार शल्य चिकित्सा की नौबत बेहद जटिल स्थिति उत्पन्न कर देती है। धूम्रपान या फिर शराब के आदी लोग इसके सामान्यतः शिकार हो जाते हैं जो लत छोड़ देने पर आराम प्राप्त कर सकते हैं। धूम्रपान के लती लोगों में टॉन्सिल के कारण भी ऐसा दर्द पैदा कर देता है। मदिरा सेवन करने वाले लोगों में फेफड़ा संबंधित रोग या गले मे परेशानी के चलते यह समस्या उत्पन्न हो जाती है। रक्त संचार में असंतुलन के साथ मोटापा और मधुमेह रोगी ऐसी विकृतियों से बेहद परेशान होते हैं। गर्दन में दर्द के कई तरह के लक्षण प्रकट हो सकते हैं ।

    गर्दन के पीछे अकड़न, गले मे दर्द, गले के अंदर दर्द के साथ ही कंधों में सूजन और दर्द भी इसकी प्रमुख जटिलताओं में शामिल हैं।

    गर्दन दर्द का आहार में अपनाएं दूध और सूखे मेवे

    दूध और सूखे मेवे

    गर्दन का दर्द आहार के लिए सूखे मेवे में बादाम की गिरी के साथ काजू और किशमिश तो फायदेमंद होता ही है बल्कि अखरोट और चिरौंजी का सेवन भी हड्डियों को बेहद लाभ देता है। इन सूखे मेवों में भरपूर मात्रा में मल्टी विटामिन सहित कैल्शियम और खनिज तत्व मौजूद होते हैं। इन पदार्थों में प्राकृतिक एन्टी ऑक्सीडेंट मौजूद होता है जो शरीर से यूरिक एसिड सहित अवशिष्ट पदार्थों को बाहर निकलने का काम करता है। 2 स 3 बादाम छिलका उतारा हुआ के साथ इतनी मात्रा में काजू और 3 से 4 दाना किशमिश के साथ 34 से 5 दाना चिरौंजी लेकर खल में पीस लें। इसके साथ काली मिर्च और सोंठ भी मिला सकते हैं। सोंठ प्राकृतिक पेन किलर का काम करता है। इस पेस्ट को आधे लीटर दूध में उबाल कर गुनगुना कर लें। रोज रात सोने से पहले इस दूध को पीने से हड्डियों में मौजूद ऊतकों की सुरक्षा होती है और गर्दन दर्द दूर होने लगता है। मरीज हो या स्वस्थ व्यक्ति सब को अपने आहार में इस तत्व का सेवन करना चाहिए। हर रोज अपने आहार में इसे शामिल करने से हड्डियों से संबंधित रोग नही होते।

    गर्दन के दर्द में मौसमी फलों के लाभ

    गर्दन के दर्द में मौसमी फलों के लाभ

    गर्दन दर्द का आहार में मौसमी फलों का सेवन बहुत ही लाभ दायक होता है। सेब से लेकर अंगूर और केले में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम उपलब्ध होता है। इनका सीधे तौर पर सेवन हड्डियों के लिए बेहद लाभ पहुंचता है। इन फलों के अलावा मौसम में होने वाले फल जैसे आम, जामुन, अमरूद सहित बेर के भी बहुत से गुण होते हैं। गर्दन के दर्द में इनके जूस का सेवन भी बहुत लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा गाजर और नींबू का रस शरीर से अवशिष्ट पदार्थो को बाहर करने का कार्य करता है। रोजाना एक गिलास पानी मे आधा नींबू काटकर उसके रस को मिलाकर पीने से बेहद लाभ प्राप्त होता है। इसके अलावा चुकंदर के रास में संतरे का जूस मिलाकर पीने से शरीर की हड्डियों को नई ऊर्जा प्राप्त होती है। इनके सेवन से हड्डियों को कैल्शियम के साथ ही प्रचुर मात्रा में एन्टी ऑक्सीडेंट प्राप्त होता है। इस तरह के फलों का अपने आहार में रोजाना इस्तेमाल करना चाहिए।

    गर्दन दर्द का आहार संबंधित जरूरी सलाह

    गर्दन दर्द का आहार के लिए ऊपर दिए गए तरीके वास्तव में बेहद लाभ पहुंचाते हैं। हड्डियों को मजबूत बनाने में इनके लाभ तो होते हैं लेकिन इनकी मात्रा की जानकारी बेहद जरूरी होता है। ज्यादा मात्रा में इनके सेवन से पेट खराब होने के साथ ही वजन भी बढ़ सकता है जो हड्डियों के लिए किसी भी रूप में उचित नही होता। जब भी इस तरह के नुस्खे या आहार प्रयोग में लाएं अपने डाइट चार्ट को जरूर बनाएं।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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