खानपान के ये इन 3 तरीकों से दूर किया जा सकता है कोहनी का दर्द

कोहनी का दर्द

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    हाथों के जोड़ में कोहनी का जोड़ हाइड्रोलिक की तरह काम करता है। कोहनी दर्द के लिए आहार का महत्व इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी विकृति से ही हड्डियों से संबंधित 90 फीसदी रोगों का विस्तार होता है। खान पान की विसंगतियों के चलते मानव शरीर मे लगातार यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर और जोड़ों में उनके जमाव के साथ ही निकिल जैसे तत्व हड्डियों को घुन की तरह चाटने लगते हैं। कमोवेश इसकी वजह से गठिया और अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का भी जन्म होता है। बात करें कोहनी की तो कई बार चोट के दौरान हड्डियों से जुड़ी मांसपेशियों का फटना, जिसके फलस्वरूप नर्म ऊतकों के नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। इस प्रकार चोट या मोच के दौरान भी मांसपेशियों में खिंचाव के चलते दर्द का लगातार रहना या फिर मौसम के साथ बदलाव के चलते कई बार चोट के उभराव के साथ तीव्र दर्द की अनुभूति इंसान को परेशानी में डाल देती है।

    अक्सर दर्द के चलते लोग दवाओं का अंधाधुंध इस्तेमाल करते रहते हैं। हालांकि शरीर पर दवाओं का असर तो होता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसी तकलीफों को शरीर मे घुसने ही ना दिया जाए ? जी हां! हमारे दैनिक जीवन मे खान पान की गुणवत्ता में सुधार लाकर काफी हद तक इस परेशानी से बचाव किया जा सकता है।

    कोहनी दर्द में लाभदायक है दूध और सूखे मेवे का सेवन

    कोहनी दर्द के लिए दूध और सूखे मेवे का सेवन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। सूखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता आदि में भरपूर मात्रा में खनिज तत्व सहित विटामिन और प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। दूध एक ऐसा प्राकृतिक पेय पदार्थ है जिसके बिना मानव जीवन की कल्पना बेमानी है। इस तत्व में दुनिया का सबसे ज्यादा खाद्य पदार्थों वाला कैल्शियम पाया जाता है। हमारी हड्डियों का जोड़ कैल्शियम से ही बना होता है। दूध और सूखे मेवे को वैसे कई रूपों में इस्तेमाल में लाया जा सकता है। 2 से 3 छिलके उतरे बादाम, 3 से 4 काजू, 1 से 2 अखरोट और चिरौंजी के साथ पिस्ते के कुछ दानों के साथ मुनक्के की एक दो नग अच्छे से कूच कर दांत के माध्यम से खाने के साथ ही एक गिलास गुनगुना दूध पीने से हड्डियों की समस्या दूर होती है। कोहनी दर्द में इस तरह के आहार को भोजन में नियमित रूप से शामिल करें। इसके अलावा सूखे मेवे को पीसकर दूध के साथ उबालकर पीने से भी शरीर को काफी लाभ प्राप्त होता है।

    कोहनी दर्द में मछली, अंडे और मांसाहारी भोजन के लाभ

    कोहनी दर्द का आहार हो या फिर हड्डियों के किसी भी जोड़ का दर्द, बकरे की एड़ियों का सूप इसके लिए बेहद अहम माना जाता है। एक सर्वे के मुताबिक इसके सूप से कैल्शियम तो प्राप्त होता ही है बल्कि शरीर में जमा अवशिष्ट पदार्थ और यूरिक एसिड भी बाहर निकल जाते हैं। रोज सुबह शाम एक कप इसकी मात्रा लेने से कोहनी की समस्या में बेहद आराम मिलता है। मछली में मौजूद ओमेगा 3 जहां शरीर मे खून की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है तो दूसरी तरफ शरीर को कैल्शियम की बेहद अहम खुराक भी उपलब्ध कराने का काम करता है। हड्डियों की मजबूती के लिए कई बार मछली के तेल का सेवन भी लाभकारी माना जाता है। अंडे जो दैनिक आहार में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं यदि इनका सेवन भोजन में किया जाए तो हड्डियों के फ्लूड जी सुरक्षा होती है। इसके अलावा लाल मांस का सेवन भी हड्डियों के जोड़ों को मजबूती प्रदान करने में बेहद सहायक साबित होता है। मांसाहारी भोजन में मौजूद प्रचुर मात्रा में कैल्शियम सहित विटामिन और प्रोटीन की मात्रा जहां शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है तो दूसरी तरफ हड्डियों में रक्तस्राव तेज कर मांसपेशियों में मौजूद नर्म ऊतकों की सुरक्षा का काम भी करती है।

    कोहनी दर्द में हरी पत्तेदार साग सब्जियों के लाभ

    कोहनी का दर्द चोट, मोच सहित जोड़ों में मौजूद फ्लूड के सूखने से भी हो सकता है। हमारे चारों तरफ मौजूद हरी सब्जियां कैल्शियम की भरपूर मात्रा प्रदान करती हैं। मौसमी साग जैसे पालक, मेंथी, सरसो के साथ बथुआ जैसे तत्व प्रचुरता से पाए भी जाते हैं और इनमें कैल्शियम के साथ आयरन की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। बथुआ जहां आयरन का भरपूर स्रोत होता है तो मेंथी सहित पालक भी खनिज सम्पदाओं का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। इनका सेवन सैग के रूप में करने के साथ सलाद और जूस बनाकर पीने सेकंधे मजबूत होते हैं और कोहनी का दर्द भी दूर होने लगता है। इसके अलावा गाजर का सेवन सहित मूली भी बेहद फायदेमंद होती है। करेले का जूस जहां खून की गंदगी साफ करता है तो वहीं यूरिक एसिड को भी समाप्त करने का काम करता है। इन हरी सैग सब्जियों को अपने भोजन मव नियमित रूप से शामिल करने से हड्डियों से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं।

    कोहनी दर्द में आहार संबंधित जरूरी सुझाव

    कोहनी दर्द में आहार जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण है रोजाना का डाइट चार्ट। एक इंसान को उतनी मात्रा में ही खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे उसके शरीर का वजन संतुलित रहे। अक्सर लोग भारी मात्रा में एक ही चीज का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और मोटापे का शिकार हो जाते हैं। इंसान को चिकित्सक की सलाह पर ही आहार की मात्रा का चयन करना चाहिए क्योंकि उसको मरीज के बारे में बेहतर पता होता है। इसलिए आहार का चुनाव करने से पहले उसकी मात्रा के बारे में जरूर जान लें।

    डॉ नीतू

    • 6 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

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