आहार के इन तरीकों को अपनाकर कोहनी दर्द में पाया जा सकता है लाभ

कोहनी दर्द

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    कोहनी हाथों का ऐसा हिस्सा है जो कंधों के साथ जुड़कर हाइड्रोलिक का काम करता है। कोहनी में दर्द वैसे तो किसी बड़े रोग की वजह नही माना जाता लेकिन चोट या मोच की स्थिति में कई बार दर्द की स्थिति गंभीर हो जाती है। हाथों के जोड़ कोहनी का सीधा संपर्क हृदय की धमनियों के साथ होता है। कोहनी के ऊतकों का नर्म होना स्वाभाविक माना जाता है। शरीर मे मौजूद नाड़ी का सीधा संपर्क अंगूठे की मांसपेशियों से होता है जिसमें दर्द के चलते कई बार आंतरिक रोगों की संभावना बढ़ जाती है।

    आहार एक ऐसा उपाय है जो पंचतत्व से बनी शरीर के लिए सबसे आवश्यक होता है। खान पान की विसंगतियों के कारण आज के दौर में गठिया और अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियां असमय ही हड्डियों के कवच को भेदने में लगी हैं। दर्द होते ही इंसानी फौरी राहत देने वाली आधुनिक दवाओं का लगातार सेवन करना शुरू कर देता है वह भी बिना चिकित्सक की सलाह के। ऐसी स्थिति में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटकर हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। कोहनी की समस्या में दवाओं का सेवन तो महत्वपूर्ण होता ही है लेकिन आहार के सटीक और समुचित प्रयोग से ऐसी समस्याओं पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

    कोहनी दर्द संबंधित जटिलताएं

    हाथों से मकैनिकल काम करने वाले लोग जो स्क्रू सहित पिलास के प्रयोग और इलेक्ट्रॉनिक कामों को करते हैं, उनकी कोहनी में दर्द होना स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा माना जाता है। इस स्थिति में घंटो तक काम करने वाले लोगों की कोहनी में मौजूद फ्लूड जमने लग जाता है। हालांकि ऐसी स्थिति उम्र के बढ़ने के साथ भी होती है। हड्डियों की मांसपेशियों में जकड़न सहित सही मात्रा में रक्तसंचार ना होने के चलते भी कई बार दर्द हो जाता है। इसके अलावा मधुमेह और जातक बीमारियों के चलते स्थिति सियाटिका जैसे रोगों में तब्दील होकर रोग भयावह हो जाता है। खान पान में लगातार गिरावट के चलते शरीर मे कैल्शियम की कमी से दर्द सहित कुपोषण भी एक बड़ा कारण माना जाता है। इन विसंगतियों के चलते कई बार रोग संबंधित जटिलताएं काफी परेशान करने वाली होती हैं।

    कोहनी दर्द में आहार

    कोहनी दर्द के आहार के लिए सबसे जरूरी होता है संतुलित भोजन। संतुलित आहार में प्रोटीन, विटामिन सहित खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा का सेवन हड्डियों की सुरक्षा करने के साथ ही कोहनी दर्द में बहुत ही लाभ पहुंचाता है। नीचे दिए गए खान पान के तरीकों से कोहनी की हड्डियों को काफी हद तक नुकसान होने से बचाया जा सकता है।

    कोहनी दर्द में दूध और शहद का सेवन

    दूध और शहद का सेवन

    शहद एक ऐसा पदार्थ है जिसमें विटामिन सी सहित कैल्शियम और हड्डियों को मजबूती देने वाले खनिज तत्व प्रचुरता से पाए जाते हैं। दूध ऐसा तत्व है जिसे सम्पूर्ण आहार के तौर पर प्रयोग किया जाता है। दूध में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। रोज सुबह और शाम को एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच देशी शहद मिलाकर सेवन करने से कोहनी दर्द दूर होने लगता है। इसके सेवन से हड्डियों की मांसपेशियों में रक्त संचार बढ़ता है और हड्डियों को कैल्शियम की भरपूर खुराक मिलती है।

    कोहनी दर्द में हरी साग सब्जियों का सेवन

    हरी साग सब्जियों का सेवन

    हरी पत्तेदार साग सब्जियों जैसे पालक, मेंथी और बथुआ सहित बंद गोभी सहित मौसम के हिसाब से बाजार में मौजूद हरी सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन किया जाना कोहनी के जोड़ों के लिए बेहद लाभकारी होता है। इसके अलावा मौसमी फलों का सेवन भी लाभकारी होता है। नीबू सहित आंवले में मौजूद विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर हड्डियो को नई ऊर्जा प्रदान करता है। नीबू ऐसा तत्व होता है जिसमें मौजूद तत्व, यूरिक एसिड को बाहर निकालकर अवशिष्ट पदार्थों को भी पेशाब और पसीने के रास्ते बाहर निकालकर कोहनी के दर्द में राहत प्रदान करता है।

    कोहनी दर्द आहार में करें लहसुन का भरपूर इस्तेमाल

    लहसुन

    लहसुन एक ऐसा प्राकृतिक एन्टी फंगल और पेनकिलर है जो हड्डियों सहित शरीर से वात जैसे रोगों को जड़ से समाप्त कर देता है। एक से दो कली लहसुन को खाली पेट इस्तेमाल करने से शरीर मे मौजूद अवशिष्ट पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। यह तत्व यूरिक एसिड का दुश्मन माना जाता है। इसके अलावा खाने के मसाले में लहसुन का प्रयोग करने के साथ ही लहसुन की पत्तियों का सेवन भी कोहनी दर्द लिए एक बेहद उत्तम आहार साबित हो सकता है।

    कोहनी दर्द में कैल्शियम और ओमेगा 3 युक्त भोजन के फायदे

    कैल्शियम और ओमेगा 3

    ओमेगा 3 और सकारात्मक फैटी भोजन काफी हद तक हड्डियों के रोगों पर लगाम लगाने के लिए बेहद असरदार होता है। कोहनी दर्द में आहार के लिए ओमेगा 3 युक्त सेहरी या छोटी मछली का इस्तेमाल काफी उपयोगी साबित हो सकता है। इसके अलावा लाल मीट में मौजूद कैल्शियम और खनिज की मात्रा शरीर मे मौजूद हड्डियों के फ्लूड की सुरक्षा करने के साथ दर्द में भी बेहद फायदा पहुंचाती है। इसके अलावा सोयाबीन और अंडों का आहार में समुचित उपभोग काफी हद तक सहायक साबित होता है। हालांकि ऐसे आहार इंसान के वजन सहित कई अन्य परिस्थितियों के अनुसार सेवन के लिए बताए जाते किसे कितनी कैलोरी ऊर्जा की जरूरत होती है यह बात मरीज की स्थिति के अनुरूप निर्धारित किया जाता है।

    कोहनी दर्द में आहार के लिए जरूरी सुझाव

    जब भी आपको हाथों की कोहनी में दर्द हो तब यह जानने की कोशिश करें कि दर्द क्यों और किस वजह से हो रहा है। वैसे खान पान की बेहतर जीवनशैली से ऐसी समस्या से बचाव किया जा सकता है लेकिन चिकित्सक की सलाह पर संतुलित कैलोरी और ऊर्जा का सेवन शरीर की लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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