इन जड़ी बूटियों से कंधे का दर्द हो जाएगा खत्म
यूं तो कंधे के दर्द को दूर करने के कई तरीके हैं लेकिन आर्युवेदिक तरीके से दूर किया गया कंधे का दर्द परमानेंट इलाज है और फायदे की बात ये है कि इसका किसी प्रकार को कोई नुकसान नहीं है। तो आइए जानें कि कंधे का दर्द दूर करने में कौन सी जड़ी बूटियां हैं मददगार-
अश्वगंधा
अश्वगंधा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। अश्वगंधा की जड़ से निकला हुआ रस हर प्रकार के दर्द को मात देने में माहिर है। मांसपेशियां कमजोर को मजबूत बनाने के लिए भी अश्वगंधा काफी सहायक है। अश्वगंधा का सेवन नियमित रूप से करने से दर्द तो दूर होता ही है साथ ही मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।
अमलतास
अमलतास कंधो के दर्द में अगर अमलतास का इस्तेमाल किया जाए तो पीढ़ीत व्यक्ति को काफी फायदा मिलता है। अमलतास में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है। इसमें एंथ्राक्विनोन फ्लेवोनोइड्स और फ्लैवन-3-ओ डेरिवेटिव्स भी पाए जाते हैं। अगर अमलतास की 12 से 24 ग्राम पत्तियों को घी में तल दिया जाए और फिर दिन में 2 बार इसका सेवन किया जाए तो यह दर्द में जल्द राहत पहुंचाता है।
महाविषगर्भ तेल और महानारयण तेल
अगर इन दोनों आर्युवेदिक तेलों को हल्का गर्म करके मिला लें और फिर हल्के हाथों से दर्द प्रभावित जगह पर इसको लगाएं तो काफी राहत मिलेगी।
शल्लकी
शल्लकी में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण काफी फायदेमंद होते हैं। एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों की वजह से दर्द उत्तेजित करने वाले एंजाइम्स और यौगिक का उत्पादन कम हो जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एंजाइम खासतौर से जोड़ों और मांसपेशियों पर असर करते हैं। शल्लकी का सेवन कंधे का दर्द दूर भगाने में काफी फायदेमंद साबित होता है।
गेहूँ
गेहूँ के अनेक फायदे हैं। आपको दर्द से छुटकारा पाने के लिए गेहूँ के दानों को पानी में भिगो देना है। फिर इन्हें खसखस और धनिये के दाने के साथ मिला लेना है और दूध में डालकर चटनी जैसा बना लेना है। तैयार हुए इस मिश्रण को आपको हफ्ते में दो बार लेना है।
ऊपर दी गई जड़ी बूटियों को आप किसी जानकार की सलाह से अपना सकते हैं। वह आपको इनको लेने के सही तरीके और मात्रा से अवगत करा देंगे।