साइटिका होने के लक्षण
नीचे दिए गए लक्षणों से आप ये पता लगा सकते हैं कि आपको साइटिका की समस्या है या नहीं। इसके अलावा अगर आप इस बात की भी जानकारी प्रप्त कर सकते हैं कि कहीं आपको साइटिका होने तो नहीं वाला है?
- कमर में धीरे-धीरे दर्द का बढ़ना।
- पैर के पीछे के भाग में दर्द महसूस होना और बैठने पर दर्द का बढ़ जाना
- कूल्हों में दर्द का होना।
- पैरों में अचानक से जलन या झुनझुनेपन का महसूस होना
- पैरों से जुड़ी गतिविधि करने में दिक्कत महसूस होना होना और साथ ही कमजोरी और सुन्नपन होना।
- पैर के पिछले हिस्से में एक साइड दर्द होना
- उठते वक्त परेशानी का सामना करना और तेजड दर्द महसूस होना।
साइटिका होने के कारण
मुख्य तौर पर साइटिका की समस्या तब होती है जब तंत्रिकाओं में सूखापन आ जाता है और साथ ही और रीढ़ की हड्डी भी खिसकने लगती है या फिर उसमें कोई चोट लग जाती है। दूसरे कारण की बात करें तो जब कशेरूक में हड्डी बढ़ जाती है उस केस में भी साइटिका होने की संभावना रहती है। इसके अलावा ऐसा भी होता है कि तंत्रिका ट्यूमर की वजह से सिकुड़ जाती है जिसकी वजह से साइटिका जैसी बीमारी हो जाती है। अन्य कारणों की बात करें तो नीचे दिए गए कारणों की वजह से भी साइटिका हो सकता है
- पीठ के नीचे के भाग वाली रीढ़ की हड्डी संकरी हो जाना।
- जब डिस्क स्लिप नीचे के हिस्से से कशेरूकाओं से आगे पहुंच जाती हैं।
- रीढ़ के अंदर ट्यूमर उत्पन्न होना
- किसी प्रकार का संक्रमण होना जो सीधा रीढ़ पर असर करे।
- अगर रीढ़ की हड्डी में किसी प्रकार की चोट लगी है तो उस वजह से भी साइटिका के होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस तरह करें साइटिका होने से पहले बचाव
यूं तो कौन सी बीमारी कब होने वाली है इसका पता लगाना नामुमकिन है लेकिन आप किसी बीमारी के होने से पहले उससे बचने के तरीके तो अपना ही सकते हैं। साइटिका जैसी समस्या में भी अगर आपने कुछ चीज़ें पहले अपना ली तो आप इस रोग से बच सकते हैं।
रोज़ करें एक्सरसाइज़– व्यायाम अगर रोज़ बिना किसी बीमारी के डर से रोज़ यूं ही किया जाए तो उसमें भी कोई हर्ज नहीं है लेकिन आप किसी वजह से इसको करना चाह रहे हैं तो ये भी अच्छी बात है। अगर आप चाहते हैं कि आपको साइटिका जैसी समस्या का सामना न करना पड़े तो आपको व्यायाम के ज़रिए अपनी कमर और पीठ को करना पड़ेगा। जी हां , आपको नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करनी पड़ेगी। खासतौर से आपको पेट की मांसपेशियों और कमर की मांसपेशियों से जड़े हुए व्यायाम पर ध्यान देना पड़ेगा।
सही हो मुद्रा में बैठना– इन दिनों ऑफिस की वजह से दिनभर बैठने का काम ज्यादा है। ऐसे में कोशिश करें कि जिस कुर्सी पर आप बैठे उसके बैकसाइड पर बेहतर सपोर्ट हो। साथ ही पीठ को सीधा कर के सही मुद्रा में बैठने की भी कोशिश करें। इसके अलावा सीट के पीछे कोई सॉफट तकिया या टॉवेल को मोड़कर लगाएं।
सोने की मुद्रा पर भी दें ध्यान– आप में से कई लोग सोते समय अपनी मुद्रा पर ध्यान नहीं देते होंगे और उल्टे सीधे तरीके से सो जाते होंगे जो की बिल्कुल गलत है। ध्यान रखें कि सोते समय आपकी पीठ और कमर को ढंग का सहारा मिल रहा हो। इसके साथ ही बिस्तर के लिए अच्छे गद्दे का चयन करें।
साइटिका होने के बाद कैसे बरतें सावधानी
आप अगर साइटिका जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहें हैं तो नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें।
- अधिक भारी चीज़ें न उठाएं।
- अचानक से नीचें ना झुकें।
- उठते, बैठते और लेटते वक्त शरीर की मुद्रा सही रखें
- पीठ पर भारी बैग उठाने से बचें।
- महिलाएं ऊंची हील्स वाली सैंडल्स को न पहनें।
- आसामान्य रास्तों पर चलने से बचें।
कैसे करें साइटिका का इलाज
साइटिका जैसी गंभीर बीमारी को दूर करने के लिए कई उपाय होते हैं। कुछ लोग घरेलू उपायों से ही साइटिका को दूर करना बेहतर समझते हैं तो कुछ लोग आर्युवेदिक, एलोपैथिक, होम्योपैथिक या यूनानी चिकित्सा से इस समस्या को दूर करते हैं। नीचे साइटिका को दूर करने के लिए कुछ उपचार दिए गए हैं। इन्हें अपनाकर आप साइटिका को दूर कर सकते हैं।
साइटिका दूर करने के घरेलू उपचार
जो लोग दवाईयों से ज़्यादा घरेलू उपचारों में विश्वास रखते हैं वह नीचे दिए गए घरेलू तरीकों से साइटिका को दूर कर सकते हैं
अजवाइन है असरदार
अजवाइन में प्राकृतिक रूप से एंटी-इफ्लेमेंटरी होते हैं। अजवाइन को अगर जूस के रूप में लिया जाए तो ये काफी फायदेमंद होता है। लेकिन अजवाइन के जूस का फायदा तभी है जब इसके ताज़े जूस को 20 मिनट में पी लिया जाए। अजवाइन का रस पीने से नींद भी अच्छी आती है। अजवाइन के रस की मदद से साइटिका में होने वाले दर्द और सूजन से राहत मिलती है। अजवाइन की औषधि बनाने के लिए कम मात्रा में पानी लें और फिर उसे उबाल लें। उबालने के बाद इसे छान लें और छने हुए पानी को पिएं।
एक्सरसाइज
दुनियाभर में साइटिका के दर्द को भगाने के लिए एक्सरसाइज़ सबसे सही तरीका है। खासतौर से साइटिका के दर्द में ऐसे व्यायाम काफी असरदार हैं जिनमें शरीर का खिचाव आगे की ओर होगा। ऐसा करने से जो तंत्रिका प्रभावित हैं उनकी जड़ों पर दबाव पड़ता है आप बेहतर महसूस करते हैं। रोज़ व्यायाम करने से कमर की मांसपेशियों भी मजबूत हो जाती हैं।
ठंड़ी और गर्म सिकाई से मिलेगा आराम
ठंड़ी और गर्म सिकाई करने से साइटिका के दर्द से टेंम्परेरी राहत पाई जा सकती है। आइस पैक या बर्फ लगाने से सूजन कम होती है। आइस पैक को एक नर्म कपड़े में लपेटकर 20 मिनट तक सिकाई करें। दिन में 5 से 6 बार सिकाई करें। 2-3 दिनों तक ठंड़ी सिकाई करने के बाद सूजन को कम करने के लिए गर्म सिकाई का सहारा लें। गर्म सिकाई के लिए हीटिंग पैड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
मेथी के बीज हैं लाभदायक
मेथी दाना में कई गुण मौजूद होते हैं। इनमें काफी अच्छी मात्र में प्रोटीन मौजूद होता है। मेथी के सेवन से हमें बेहतर स्वास्थ्य जीने का मौका मिलता है। इसके अलावा मेथी के बीज जोड़ों और साइटिका के दर्द से में भी राहत पहुंचाता है। यदि आपको साइटिका की समस्या है तो सुबह ब्रश करने से पहले एक चम्म्च मेथीदाना पानी की मदद से लें। आप 1 ग्राम मेथी दाने के पाउडर को सौंठ पाउडर में मिलाकर गर्म पानी के साथ दो-तीन बार दिन में ले सकते हैं।
साइटिका दूर करने का आर्युवेदिक इलाज
अगर आप आर्युवेदिक इलाज में विश्वास रकते हैं और जड़ी-बूटियों की मदद से साइटिका को दूर करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए तरीकों को अपना सकते हैं।
हरसिंगार देगा आराम
हरसिंगार को पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड़ देखने में काफी सुंदर लगता है और इस पर सुन्दर व खुशबूदार फूल भी खिलते हैं। साइटिका के दर्द में से राहत पाने के लिए हरसिंगार के 250 ग्राम पत्ते लेने हैं और उन्हें साफ करना है। इसके बाद पत्तों को एक लीटर पानी में उबालेना है। जब पानी उबल का 1 लीटर से लगभग 700 मिली रह जाए इसे ठंडा कर के छान लें। इसके बाद इस में 1-2 रत्ती केसर अच्छे से मिला लें। तैयार किए गए घोल को दो बड़ी बोतलों स्टोर करके रख लें और सुबह-शाम 1 कप पिएं। अगर आपने ऐसा करके चार बोतलें खत्म कर लीं तो साइटिका जड़ से चला जाएगा।
सहजन
100 ग्राम सहजन की पत्तियां, 100 ग्राम अशोक की छाल और 25 ग्राम अजवाइन को मिला 2 लीटर पानी में डालकर उबा लें। उबलकर जब पानी पानी 1 लीटर रह जाये तो उसे छान ले और रख लें। तैयार किए गए काढ़े को 50-50 ग्राम सुबह और शाम पिएं। इस काढ़ो को 90 दिनों तक पिएं।
यूनानी चिकित्सा से दूर करें साइटिका
यूनानी चिकित्सा भी आर्युवेदिक इलाज के जैसे होती है। बस यूनानी में आर्युदिक वाली जड़ी बूटियां इस्तेमाल नहीं होती है। हालांकि आज के समय में यूनानी चिकित्सा बहुत ही कम लोग अपनातें हैं। प्राचीन काल से ही यूनानी ने कई रोगों को दूर किया है और आज के समय में भी यूनानी साइटिका जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने के मददगार है।
एलोपैथिक से दूर करें साइटिका
अगर आप एलोपैथिक तरीका अपनाना चाहते हैं तो डॉक्टर के परामर्श से आप सूजन कम करने की, नारकोटिक्स की, ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स दवाईयां ले सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर आपको इंजेक्शन या सर्जरी की भी सलाह दे सकता है।
होम्योपैथी से साइटिका का इलाज
जिन्हें एलोपैथी तरीका ज़्यादा मुश्किल लगता है वह होम्योपैथी की मीठी गोलियों का सहारा ले सकते हैं। होम्योपैथी से साइटिका को दूर करने के लिए आप कोलोसिन्थ, नेफाइलियम, रसटॉक्स, ब्रायोनिया, गुएकम जैसी दवाईयों को डॉक्टर के परामर्श से ले सकते हैं।
साइटिका होने पर क्या करें क्या न करें
- पानी को गुनगुना कर के पिएं।
- जितनी हो सके धूप लें।
- बढ़ते वजडन पर काबू करें।
- घर का बना खाना खाएं।
- गाय के घी का सेवन करें।
- गाय का दूध पिएं।
- ओलव ऑयल या तिल के तेल का प्रयोग करें।
- ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें
- तैलीय खाना ना खांए
- मसालेदार खाने से दूर रहें।
- ठंडा खाना या बासी खाने का सेवन ना करें
- रात में न जगें