खानपान और रहन सहन जीवन की गुणवत्ता में चार-चाँद लगा देते हैं. दर्द की बात करें तो पता चलता है कि यह शरीर में कहीं भी किसी भी समय हो सकता है. मसलन कमर दर्द बहुत ही कष्ट देता है आमतौर पर सर्दियों का मौसम आते ही मोच, चोट या अन्य कारणों के चलते कमर का दर्द सताने लगता है. खानपान और दिनचर्या में सुधार लाकर दर्द से बचा जा सकता है.
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां साग आदि का भोजन के रूप में सेवन और जूस बनाकर पीने से स्वास्थ्य उत्तम रहता है और पीठ के जोड़ों और कमर दर्द में बेहद आराम मिलता है. मसलन जैतून का तेल, बथुआ, पत्तेतार गोभी, चुकंदर आदि का सेवन स्पाइनल कॉर्ड में सूजन कम करने में बेहद उपयोगी होती हैं. इनका नियमित सेवन कमर दर्द और जकड़न को नियंत्रित करने में सहायता करता है. यदि आपके कमर में दर्द हो तो एंटी-इंफ्लेमेटरी से भरपूर भोजन शामिल करें जिसमें कैल्शियम, विटामिन्स और प्राकृतिक एंटीओक्सिडेंट शामिल हो.
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हल्दी का सेवन
हल्दी भोजन की शान कहा जाता है. बिना इसके रसोई में कोई भी लजीज भोजन बन ही नही पाता. यह तत्व एक तरह का प्राकृतिक एंटीबायोटिक होता है. इसके सेवा से आंतरिक चोट भी ठीक हो जाते हैं. दूध में हल्दी डालकर पीने से जोड़ों की सूजन व कमर दर्द में राहत मिलती है. हल्दी में मौजूद करक्यूमिन जोड़ों की बीमारियों से राहत दिलाता है.
सेब का सिरका
सेब के सिरके का उपयोग लम्बे अरसे से दर्द नाशक के तौर पर किया जाता रहा है. यह सिरका मांसपेशियों में होने वाले दर्द में राहत पहुंचाने के साथ कमर दर्द के लिए अचूक माना जाता है. जब भी आपको कमर दर्द सताए तब एक गिलास पानी में एक से दो चम्मच सिरका डालकर पी लें. यह उपाय आपको दर्द से छुटकारा दिला देगा.
कमर दर्द में राहत पाने के लिए चुकंदर का जूस और पपीते का सेवन भी फायदेमंद माना जाता है. इसके अलावा मौसमी फलों का सेवन दर्द में लाभ पहुंचाने काम करता है. यदि आपको दर्द में राहत पाना है तो अपनी जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी होता है. खासकर कमर दर्द के रोगियों को तली भुनी चीजों और जंक फ़ूड से बचकर रहने की जरूरत होती है.