इन खास आयुर्वेदिक औषधियों से पाएं सर्वाइकल की समस्या से राहत

इन खास औषधियों से पाएं सर्वाइकल की समस्या से राहत

हमारे डॉक्टर से सलाह लें

    आजकल इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने शरीर का ध्यान रखना भूल जाते हैं। जिसके कारण शरीर में कई तरह की बीमारियां लग जाती हैं। सर्वाइकल भी इन्हीं लापरवाहियों के कारण होता है। ये एक ऐसी समस्या है जो गर्दन के जोड़ों को प्रभावित करती है। और गर्दन के पीछे दर्द होने लगता है। वैसे तो ये बीमारी 40 की उम्र के लोगों को अधिक होती है। लेकिन आजकल युवा पीढ़ी भी इससे अछूते नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आजकल के बच्चे अपनी सेहत का कुछ खास ध्यान नहीं रखते और स्‍पाइन की हड्डियां और कार्टिलेज कमज़ोर होने लगती हैं। जिसके कारण गर्दन में सर्वाइकल की शिकायत हो जाती है।

    आमतौर पर सर्वाइकल होने के और भी कई कारण हैं जैसे भारी बोझ उठाना, हड्डियों का कमज़ोर होना, सिर झुकाकर लगातार काम करना, पुरानी चोट, गलत स्थिती में उठना-बैठना, और सख्त तकिए का इस्तेमाल आदि के कारण सर्वाइकल की समस्या हो जाती है। और समय रहते इसका उपचार नहीं हुआ तो ये ट्यूमर रोग में तब्दिल हो सकते हैं।

    सर्वाइकल का आयुर्वेदिक इलाज

    सर्वाइकल का आयुर्वेदिक इलाज

    आयुर्वेदिक उपचार एक ऐसा इलाज है जो आपको आजीवन सवस्थ बनाए रखता है। क्योंकि आयुर्वेदिक दवाइयां अनेक प्रभावशाली जड़ी-बूटियों से मिलकर बनी होती हैं। इन दवाइयों का असर थोड़ा धीमा होता है लेकिन इनके नियमित इस्तेमाल से शरीर में लगने वाले सभी रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं। यहां हम सर्वाइकल की बात कर रहे हैं तो आपको बता दें कि आयुर्वेद में सर्वाइकल का इलाज भी संभव है। तो आज हम आपको सर्वाइकल में आराम पाने के कुछ आर्वेदिक औषधियां बताने जा रहे हैं जिसके इस्तेमाल से आप सर्वाइकल के दर्द में राहत पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं।

    • समीर पन्नग- यह एक आयुर्वेदिक औषधी है इसका इस्तेमाल गर्दन दर्द, जोड़ों के दर्द व सर्वाइकल आदि के इलाज में किया जाता है। इस औषधी को कई प्रकार के भस्मों और जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाया जाता है। इतना ही नहीं आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में भी समीर पन्नग का खास योगदान है।
    • दशमूल क्वाथ- यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधी है जिसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारी के लिए किया जाता है। इस औषधी को दशमूल इसलिए कहते हैं क्योंकि ये 10 प्रकार की जड़ी बूटियों से मिलकर बनता है। यह सर्वाइकल के दर्द में भी काफ़ी लाभदायक है।
    • प्रसारिणि तेल- प्रसारिणि तेल हर प्रकार के दर्द संबंधी समस्या के लिए बहुत उपयोगी है। ये कई तरह की जड़ी-बूटियां जैसे एमीनों एसिड, विटामिन सी, क्यूनोस और तिल के तेल आदि से मिलकर बनते हैं। इस तेल की मालिश से सर्वाइकल की परेशानी दूर होती है।
    • सावधानियां- यदि आपके गर्दन में ज़्यादा दर्द है तो इस स्थिती में डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। साथ ही अगर आप आयुर्वेदिक इलाज अपनाना चाहते हैं तो ऐसे में किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सम्पर्क करें। डॉक्टर से सलाह लिए बीना किसी भी तरह की दवाइयों का सेवन ना करें।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

    हमारे डॉक्टर से सलाह लें