घुटने के लिगामेंट्स को मज़बूत बनाएंगे ये घरेलू उपचार

घुटने के लिगामेंट्स को मज़बूत बनाएंगे ये घरेलू उपचार

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    लिगामेंट लोचदार ऊतकों के समूह से बने होते हैं जो जोड़ों के आस-पास की हड्डियों को बांधकर उसे स्थिरता प्रदान करते हैं। किसी कारणवश अगर इनमें चोट लग जाए तो घुटनों को मोड़ने में तकलीफ़ होती है। इससे रोज़मर्रा के आम काम करने में भी परेशानी होती है। आपको झुकने, उठने-बैठने और चलने में कष्ट होता है।

    आमतौर पर घर के बाहर खेले जाने वाले खेलों के दौरान लिगामेंट में चोट लगती है। क्रिकेट, बॉस्केटबॉल, फुटबॉल, दौड़ आदि खेलों के दौरान ऐसी चोटें लगना आम है। ऐसा तब होता है जब घुटनों पर घुमावदार ज़ोर पड़ता है।

    आमतौर पर आपको तीन तरह की लिगामेंट इंजरी हो सकती है

    आमतौर पर आपको तीन तरह की लिगामेंट इंजरी हो सकती है

    • एसीएल: एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट एक बेहद महत्वपूर्ण लिगामेंट है जो घुटने के जोड़ को स्थिरता प्रदान करता है। इस लिगामेंट में चोट लगने से सूजन, अकड़न और तीव्र दर्द की समस्या होती है। घुटनों को मोड़ने में बेहद तकलीफ़ होती है।
    • एलसीएल: यह लिगामेंट किनारे से घुटने के मूवमेंट को कंट्रोल करता है। इसमें चोट लगने पर तीव्र दर्द और अस्थिरता की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
    • पीसीएल: पीसीएल टिबिया (घुटने के नीचे की हड्डी) को सहारा देता है। हालांकि पीसीएल एसीएल से अधिक बड़ा और मज़बूत होता है लेकिन किसी बड़े एक्सीडेंट से इस लिगामेंट में भी चोट लग सकती है। पीसीएल की चोट को ठीक होने में अधिक समय लगता है।
      लिगामेंट की चोट अधिक गंभीर नहीं होती। घुटने का लिगामेंट का घरेलू उपचार के माध्यम से आप इस समस्या से आसानी से निजात पा सकते हैं।

    लिगामेंट की चोट के लिए राइस (RICE) तकनीक

    घुटने के लिगामेंट में चोट लगने पर सबसे पहले राइस (RICE) का अनुसरण करना चाहिए। राइस (RICE) का मतलब है- आराम (rest), बर्फ़ (ice), दबाव (compression), ऊपर उठाना (Elevation)।

    आराम करें (Rest)

    लिगामेंट में चोट लगने पर घुटनों पर अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए। इससे लिगामेंट्स और अधिक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इसलिए घुटनों को आराम दें।
    लिगामेंट्स में मासपेशियों और नसों की तरह बहुत अधिक रक्त-प्रवाह नहीं होता। इसलिए लिगामेंट की चोट के ठीक होने में अधिक समय लगता है और इसके लिए अधिक आराम करने की ज़रूरत पड़ती है। सोने और आराम करने के दौरान शरीर में रक्त परिसंचरण तेज़ होता है जिससे चोट से उबरने में मदद मिलती है।

    बर्फ लगाएं (Ice)

    लिगामेंट में चोट लगने पर कुछ ही घंटों में प्रभावित क्षेत्र पर सूजन आ जाती है। इसलिए ज़रूरी है चोट लगने पर तुरंत बर्फ लगाएं। हर तीन-चार घंटे में प्रभावित क्षेत्र पर 20-30 मिनट के लिए बर्फ लगाएं। ऐसा दो से तीन दिन तक करते रहें जब तक कि सूजन दूर न हो जाए। इससे दर्द कम और सूजन दूर करने में मदद मिलेगी।

    दबाव (Compression)

    घुटनों पर दबाव डालकर आप और क्षति होने से रोक सकते हैं। इसके लिए घुटनों को इलास्टिक बैंडेज या पट्टी से बांध कर रखें। इससे सूजन दूर करने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए आप नी-ब्रेस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे घुटनों के मूवमेंट को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी और वे और अधिक क्षतिग्रस्त नहीं होंगे। लेकिन नी-ब्रेस के चयन के लिए चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

    ऊपर उठाएं (Elevation)

    बैठते या लेटते समय घुटनों को मोड़ें नहीं। उन्हें सहारा देने के लिए घुटने के नीचे तकिए का उपयोग करें।

    रोज़ाना व्यायाम करें

    रोज़ाना व्यायाम करने से आलस्य दूर होता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। व्यायाम मांसपेशियों और लिगामेंट्स को लचीला बनाने में मदद करता है। लचीली मांसपेशियों और लिगामेंट्स में चोट लगने की संभावना कम होती है।

    अदरक से दूर होगी सूजन

    आयुर्वेद में लिगामेंट की चोट लिए अदरक का काफी लंबे अरसे से उपयोग किया जाता रहा है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं जो सूजन कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए 1 लीटर पानी में थोड़ा ताज़ा अदरक, एक छोटा चम्मच ग्रीन टी, नींबू का रस और शहद मिलाकर उबाल लें। लिगामेंट की चोट के दौरान इसका नियमित सेवन करें।

    मसाज से मिलेगा आराम

    मसाज करने के लिए थोड़ी सी मात्रा में अरंडी का तेल लें। उससे घुटनों पर धीरे-धीरे मसाज करें। अब घुटने को सूती के कपड़े से ढक दें और उसके ऊपर हीटिंग बॉटल या कंबल रख दें। इसे 20-30 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। आप दिन में 2-3 दफा इस तरह से मसाज कर सकते हैं। मसाज के लिए अरंडी के तेल के अलावा आप पुदीने, अर्निका और कैमोमाइल तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

    नियमित रूप से योग करें

    लिगामेंट की चोट से बचने के लिए आपको नियमित रूप से योग करना चाहिए। इससे शरीर स्वस्थ और लोचदार बना रहता है और चोट लगने की संभावना कम हो जाती है। बालासन, वृक्षासन, अर्ध-कपोतासन, पद्मासन आदि घुटनों को मज़बूती प्रदान करते हैं। लेकिन यदि आपको योगासन का ज्ञान न हो तो स्वयं इनका अभ्यास न करें। इसके लिए योग विशेषज्ञ की सलाह लें।

    ये घरेलू उपचार आपको घुटने के लिगामेंट की चोट से उबरने में मदद करेंगे। लेकिन दर्द बहुत अधिक तीव्र हो और किसी घरेलू नुस्खे से फायदा न हो तो उसे नज़रअंदाज़ न करें। किसी विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें। लिगामेंट की चोट गंभीर तो नहीं होती लेकिन समय पर उचित उपचार न करने पर समस्या बढ़ सकती है। आपको सर्जरी करानी पड़ सकती है।

    डॉ फहद

    • 6 Years of Experience
    • (BUMS)

    डॉ फाहद यूनानी चिकित्सा पध्दति के विशेषज्ञ हैं। इन्हें यूनानी दवाओं से विभिन्न जटिल रोगों जैसे जोड़ो में दर्द, बैक पेन, रीढ़ की हड्डी का इलाज करते हुए लगभग पाँच साल का अनुभव हो गया है। आयुर्वेद की तरह यूनानी में भी नब्ज यानी नाड़ी देखकर रोग की पहचान की

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