गर्दन दर्द में एलोपैथी कुछ यूं करता है असर

गर्दन दर्द में एलोपैथी

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    अक्सर आपने लोगों को गले मे पट्टा बांधे देखा ही होगा। इस तरह लोग गले इसे क्यों बांधते हैं यह जानने की जिज्ञासा मन मे आना स्वाभाविक है। यह उपाय लोग तब करते हैं जब वे गर्दन दर्द से जूझ रहे होते हैं। मसलन गर्दन का दर्द शरीर की हड्डियों में विकृति उत्पन्न होने की वजह से होता है। पुरानी चोट, खेलकूद के दौरान खिंचाव, देर तक कम्प्यूटर या स्मार्ट फोन का उपयोग करने के चलते भी ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसके अलावा मोटापा, धूम्रपान, मदिरा सेवन ओर मधुमेह के चलते भी इंसान को इससे दो चार होना पड़ता है।

    बढ़ते प्रदूषण और गलत दिनचर्या के साथ दूषित खान पान भी मानव जीवन मे विकृतियों को जन्म दे देता है। इस तरह की जीवनशैली शरीर की हड्डियों को कमजोर बना देती है। दुनिया मे कई तरह की चिकित्सा पद्धतियाँ मौजूद हैं लेकिन एलोपैथी के सिवा शायद ही कोई ऐसी विधा हो जिसका असर शरीर पर तेजी से होता हो। गर्दन में दर्द के उपचार के लिए फौरी राहत हेतु इस चिकित्सा सेवा का दुनिया भर में इस्तेमाल होता आया है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि इस तरह की समस्या में एलोपैथिक दवाएं शरीर पर किस तरह का असर डालती हैं और इनके लाभ और नुकसान पर भी प्रकाश डालेंगे।

    एलोपैथी दवाओं के फायदे

    सर्वाइकल ऐसा रोग है जिसे हम गर्दन दर्द के नाम से भी जानते हैं। यह रोग इंसान को अंदर तक हिला देता है। दर्द के समय डॉक्टर के तरह के टेस्ट, जैसे एक्सरे और ख़ून जांच के लिए बताते हैं। इस तरह की जांच के बाद मौजूदा स्थिति के हिसाब से चिकित्सक एलोपैथी विधा से मरीज को कुछ दर्द निवारक दवाओं के सेवन की सलाह भी देते हैं। दवाओं का सेवन मरीज की उम्र और उसकी मौजूदा स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि पेन किलर दवाएं गर्दन दर्द में फौरी राहत प्रदान कर देती हैं लेकिन यदि इससे फायदा ना हुआ तब मरीज को कुछ एन्टी ऑक्सीडेंट दवा के साथ कुछ एंटीबायोटिक मिलाकर सेवन के लिए दी जाती है। इससे मरीज को लंबे समय तक राहत प्राप्त हो जाती है। दवाओं के साथ ही मरीज को पूरी तरह आराम की सलाह भी दी जाती है और खान पान में सुधार के अलावा कैल्शियम की खुराक भी दी जाती है। एलोपैथी दवा का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इस तरह की दवाइयां शरीर पर तुरंत असर करती हैं और लंबे समय तक इसका असर बना रहता है।

    एलोपैथिक दवाओं के नुकसान

    एलोपैथिक दवाएं गर्दन दर्द में जितनी तेजी के साथ असर कर दर्द दूर करती हैं उसी तरह इनके कुछ नुकसान भी होते हैं। इंसान को इस विधा या पद्धति से तुरंत आराम तो मिल जाता है लेकिन इस तरह की दवाएं अपने पीछे साइड इफेक्ट छोड़ जाती हैं। खासकर एंटीबायोटिक दवाएं ज्यादा मात्रा में सेवन करने से धीरे-धीरे इनका असर शरीर पर काम करना कम कर देता है।
    पेन किलर दवाएं शरीर के अंदरूनी हिस्से जैसे आंत में घाव तक पैदा कर देती हैं यदि इनका सेवन चिकित्सक की सलाह पर ना किया जाय तब। इसके अलावा चमड़ी पर लाल चकत्ते ओर कई तरह के रोग एलोपैथी दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में सामने आते रहते हैं। इस तरह की दवाओं के रिएक्शन बेहद खतरनाक होते हैं जिनसे इंसान की जान तक जाने का खतरा रहता है। जब भी एलोपैथी का इस्तेमाल करें चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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