इलाज के अधिकतर तरीकों में चोट या दर्द को कम करने का प्रयास किया जाता है लेकिन उनके कई नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। इसके लिए ज़रूरी है कि आप इलाज के सबसे बेहतर विकल्प को अपनाएं।
बेहद प्रभावी है पिंडलियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार
पिंडलियों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज काफी प्रभावी उपचार है। यदि आयुर्वेदिक नज़रिए से देखा जाए तो वात, पित्त और कफ दोष में असंतुलन के कारण मानव शरीर में दर्द की समस्या उत्पन्न होती है। आयुर्वेदिक पिंडलियों में दर्द का संपूर्ण इलाज उपलब्ध कराता है। अधिकतर लोग अब इलाज की इस प्राचीन तकनीक को अपना रहे हैं क्योंकि इलाज की अन्य पद्धतियों के मुकाबले इसके साइडिफेक्ट्स कम हैं।
क्या है इलाज की तकनीक?
देश में कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञ हैं जिनसे आप पिंडलियों में दर्द का इलाज करा सकते हैं। इलाज की इस पद्धति में हर्बल दवाएं खाने को दी जाती हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के औषधीय तेलों का प्रयोग किया जाता है। तेल से शरीर की मालिश या मसाज की जाती है। इसके अलावा डाइट चार्ट देकर खाने-पीने की चीज़ों में कुछ तब्दीलियां की जाती हैं।
पिंडलियों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
पीड़ांतक तेल से मालिश: पिंडलियों में दर्द के आयुर्वेदिक इलाज के लिए पीड़ांतक तेल से मालिश की जाती है। ये तेल कई औषधीय जड़ी बूटियों के मिश्रण से बनते हैं। तेल की मालिश से नसें खुलती हैं और रक्त परिसंचरण में वृद्धि होती है। इससे दर्द से निजात मिलता है।
विभिन्न प्रकार के मसाज
पिंडलियों में दर्द के लिए मसाज थेरेपी बहुत ही फायदेमंद है। दर्द से निजात दिलाने के लिए अलग-अलग प्रकार की मसाज थेरेपी दी जा सकती है:
- ऊतकों की गहरी मालिश: इसमें मांसपेशियों के तनाव और अकड़न को दूर करने के लिए उन्हें स्ट्रेच किया जाता है। इससे गहराई तक दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा यह स्कार टिश्यू को बनने से रोकता है।
- तनाव मुक्त मसाज: हल्के या मध्यम दबाव के साथ यह मसाज दी जाती है। यह मसाज लसीकात्मक तरल के विचलन में मदद करता है। इससे शरीर के विषैल पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- स्पोर्ट्स मसाज: इस तरह की मसाज मांसपेशियों और टेंडन पर अपना प्रभाव छोड़ती हैं। यह मांसपेशियों और टेंडन को लचीला बनाता है जिससे चोट की संभावना कम हो जाती है और चोटों से उबरने में कम समय लगता है।
सिकाई
आयुर्वेद में पिंडलियों में दर्द का इलाज के लिए सिकाई दी जाती है। सिकाई की अवधि दर्द की तीव्रता पर निर्भर करती है। आपको इसके लिए ठंडी या गर्म सिकाई दी जा सकती है। ठंडी सिकाई के लिए दर्द वाली जगह पर बर्फ लगाई जाती है। जबकि गर्म सिकाई के लिए हीट थेरेपी दी जाती है। लेकिन अगर दर्द गंभीर हो तो गर्म सिकाई नहीं दी जाती। ज़्यादा गर्मी से सूजन बढ़ सकती है।
पिंडलियों में दर्द के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां
पिंडलियों में दर्द के लिए चिकित्सक कुछ दवाइयों का सेवन करने के लिए भी कह सकते हैं। कई आयुर्वेदिक दवाएं जैसे योगराज गुग्गुलु, पीड़ांतक वटी, चंद्रप्रभा वटी आदि पिंडलियों के दर्द के लिए दी जाती हैं। लेकिन इन दवाइयों का सेवन कभी भी चिकित्सक की सलाह के बिना न करें।
डाइट या आहार
नमी बनाए रखने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें और वात दोष को नियंत्रण में रखें। धूम्रपान और शराब से परहेज करें। यदि चोट लगी हो तो उस पर शीत और मधुर रस के हर्ब से बना लेप लगाएं। अपने आहार में विटामिन सी से भरपूर फलों को शामिल करें। इसके लिए आप नींबू, संतरे, कीनू आदि का सेवन कर सकते हैं।
जीवन शैली में बदलाव (विहार)
जीवन शैली में कुछ बदलाव लाकर पिंडलियों के दर्द से निजात पाया जा सकता है
- प्रभावित क्षेत्र पर अधिक ज़ोर न डालें।
- सरसों के तेल और हल्दी से मालिश करें।
- स्वेदन कर्म से गर्माहट दें।
- व्यायाम करने से पूर्व वार्म अप या स्ट्रेच ज़रूर करें।
- मांसपेशियों को मज़बूत और लचीला बनाने के लिए योग करें।
आयुर्वेदिक इलाज पिंडलियों की समस्या से निजात दिलाने का बेहद कारगर उपचार है क्योंकि इसका शरीर के लीवर, पेट या किसी अन्य अंग पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन फ़िर भी सावधानी बरतनी ज़रूरी है। किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की निगरानी में ही अपना इलाज करवाएं।