क्या होते हैं गर्दन के पीछे दर्द होने के कारण?
हल्का दर्द जब कम होने की बजाय बढ़ने लगे।
- गर्दन का अकड़ी, अकड़ी सी लगने लगे।
- गर्दन के दर्द के अलावा सिर के पिछले हिस्से में या कंधे में दर्द होने लगे।
- जब गर्दन घुमाई जाए तो गर्दन से चटकने की आवाज़ का आना।
- चक्कर का अचानक से आना।
- कंधों में दर्द का होना और उनमें जकड़न का पैदा होना।
- हाथों का सुन्न पड़ जाना।
- दर्द का धीरे-धीरे दोनों हाथों की उंगलियों में महसूस होना। इस परेशानी को सर्वाइकल रेडीकुलोपैथी के नाम से जाना जाता है।
- गर्दन में सूजन का आ जाना और पीठ में दर्द महसूस होना।
गर्दन के पीछे दर्द होने से पहले करें रोकथाम
गर्दन को सीधा रखना है ज़रूरी: आप में से कई लोग ज़्यादातर बैठते या सोते वक्त इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि गर्दन सीधी है कि नहीं और ऐसे में गर्दन में दर्द होने लगता है जिससे फिर उसे इधर उधर घुमाने में दिक्कत महसूस होती है। इसलिए जब भी बैठें या लेटें, ध्यान रखें कि गर्दन सीधी हो।
जब भी गाड़ी चलाएं, पीठ को सीधा रखें: अक्सर गाड़ी चलाते वक्त लोग पीठ को सीधी नहीं रखते हैं जिसकी वज़ह से उनकी गर्दन के साथ-साथ पीठ में दर्द होने लगता है। तो कोशिश करें कि गाड़ी चलाते वक्त आपकी पीठ सीधी हो।
अच्छे गद्दे का करें इस्तेमाल: कई लोग कंजूसी के चलते काम चलाउ गद्दे ले लेते हैं जिसकी वज़ह से सोते वक्त उनकी गर्दन को ढंग का सपोर्ट नहीं मिलता और फिर होता है गर्दन में दर्द। तो कंजूसी ना करें और कंफर्टेबल गद्दा खरीदें। इससे आपको कंधे में दर्द और पीठ दर्द से भी राहत मिलेगी।
नर्म व कम ऊंचाई वाला तकिया लगांए- अगर आपको तकिया लगाने की आदत है तो नर्म और कन ऊंचाई वाला तकिया चुनें।
खाने में शामिल करें पौष्टिक चीज़ें: खाने में वो चीज़ें शामिल करें जो आपको पोषण प्रदान करें। खासतौर से विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर आहार दिन में कम से कम एक बार ज़रूर खांए।
दर्द होने पर करें गर्दन की सिकाई: जब आपका दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाए तब पानी को हल्का गर्म कर लें और उसमें नमक डालकर सूती कपड़े से सिकाई करलें। दर्द से जल्द राहत पाने के लिए कम से कम तीन से चार बार सिकाई करें.
गर्दन के पीछे दर्द होने पर कैसे पाए छुटकारा?
व्यायाम देगा गर्दन दर्द में आराम: यदि आपकी गर्दन में दर्द है तो इसे दूर करने के लिए कुछ व्यायाम अपनांए। अगर आप रोज़ व्यायाम और स्ट्रेचिंग करते हैं तो गर्दन लचीली के साथ-साथ मज़बूत भी होती है।
कैसे करें व्यायाम?
- रोज़ 2 से 3 मिनट के लिए अपने सिर को आगे की ओर और पीछे की ओर घुमांए। इसके बाद गर्दन को दाईं व बाईं ओर भी झुकाएं।
- गर्दन घुमाने के बाद जब आपकी मांसपेशियों को थोड़ा आराम मिल जाए तो अब सिर को पूरी तरह दाईं तरफ और फिर पूरी तरह बाईं ओर ।
योग करेगा गर्दन दर्द से राहत देने में सहयोग
योगा हमेशा से ही हर परेशानी से छुटाकारा दिलाने में सहायक रहा है। ऐसे में आप योग की मदद से गर्दन के दर्द से भी राहत पा सकते हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए आप भारद्वाजासन, मर्जरासन, उत्तान शिशोसन,बालासन अथवा शवासन अपना सकते हैं।
यह एसेंशियल ऑयल्स देंगे गर्दन के पीछे होने वाले दर्द में आराम
आप पेपरमिंट ऑयल, लैवेंडर ऑयल, तुलसी के तेल, सरू के तेल की कुछ बूंदे लें और एक चम्मच जैतून का तेल लें। सारे एसेंशियल ऑयल्स को अच्छी तरह मिला लें और फिर यह मिश्रण गर्म जैतून के तेल में डाल लें। फिर तैयार हुए तेल से गर्दन की मालिश करें।
सेब का सिरका यह लाभदायक
सेब का सिरका लें और एक पेपर नैप्कीन या टिशू लें। अब पेपर नैप्कीन को सेब के सिरके में भिगोंए और फिर करीबन एक घंटे तक गर्दन पर रखें। यह क्रिया आप दिन में दो बार करें।
बर्फ करेगा दर्द में असर
कुछ बर्फ के टुकड़े लें और एक छोटा तौलिया लें। या फिर आप एक आइसपैक भी खरीद सकते हैं। यह आपको किसी भी केमिस्ट की दुकान में मिल जाएगा। बर्फ के टुकड़ों को तौलिये में रखकर दर्द प्रभावित क्षेत्र पर लगांए। आप आइसपैक से भी मसाज कर सकते हैं।
सेंध नमक है असरदार
सेंधा नमक दर्द से राहत देने के लिए जाना जाता है। ऐसे में एक या दो कप सेंधा नमक लीजिए और गुनगुने पानी में डाल दीजिए। अब किसी सूती कपड़े से जहां दर्द हो उस हिस्से की सिकाई करिए।
एलौपैथी से गर्दन के पीछे होने वाले दर्द का इलाज
ऐसे कई लोग होते हैं जिनके पास घरेलू इलाज करने का समय नहीं होता है। खासतौर से वर्किंग लोग घरेलू उपाय के जगह दवाईयों पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। दवाईयां दर्द से राहत तुरंत तो दिला देती हैं लेकिन इनका असर ज़्यादा देर तक नहीं रहता है। कुछ लोग आमतौर पर पेन किलर लेकर दर्द से राहत पा लेते हैं। लेकिन बिना डॉक्टर के परामर्श और दवाईयों को ज़्यादा उपयोग शरीर के लिए हानिकारक होता है। इसलिए सोच समझ के ही दवाई लें।
होम्योपैथी से गर्दन के पीछे होने वाले दर्द का इलाज
जिन लोगो की दवाईयां खाना पसंद नहीं होता है वो होम्योपैथ का सहारा लेते हैं। हालांकि होम्योपैथ की दवाईयों का असर थोड़ा धीरे ज़रूर होता है लेकिन इसका असर लंबे समय तक रहता है। लेकिन दवा चाहे एलोपैथिक हो या होम्योपैथिक, बिना डॉक्टर के परामर्श के किसी भी तरह की दवाई लेना हानिकारक हो सकता है। होम्योपैथ की दवांए बच्चों को लिए अच्छा विकल्प होती हैं। क्योंकि वह स्वाद में मीठी होती हैं और छोटी-छोटी गोलियों के रूप में दी जाती हैं।
आर्युवेद से गर्दन के पीछे होने वाले दर्द का इलाज
आज के कलयुग में लोग आर्युवेदिक इलाज बहुत कम लोग अपनाते हैं, इस बात को जानते हुए भी कि प्राचीन काल से ही आर्युवेदिक इलाज, असरदार और पर्मानेंट इलाज है। एक बार जो आर्युवेदिक इलाज को सही तरीके से अपना लेगा वह गर्दन के पीछे होने वाले दर्द से हमेशा के लिए राहत पा सकता है। गर्दन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए शीरा काफी मददगार साबित होगा। आपको 1 ग्लास गर्म पानी लेना है और उसमें शीरा मिलाना है और पी लेना है। दर्द से जल्दी राहत पाने के लिए इस मिश्रण को दिन में दो बार ज़रूर पिंए।
यूनानी से गर्दन के पीछे होने वाले दर्द का इलाज
यूनानी चिकित्सा प्राचीन काल से ही रोगों को जड़ से इलाज करती आई है। हालांकि इस युग में बहुत कम लोग ही इसको अपनाते हैं। यूनानी चिकित्सा में लगभग आर्युवेदिक इलाज के ही जैसा होता है लेकिन इसमें इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटियां अलग होती हैं। यूनानी चिकित्सा को किसी जानकार की सलाह और परामर्श के बाद ही अपनाना चाहिए।
आपने ऊपर पढ़ा कि कैसे अलग-अलग तरीकों से आप गर्दन के पीछे होने वाले दर्द से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि घरेलू इलाज के अलावा कोई और उपाय अगर आप अपना रहें हैं तो उसे बिना डॉक्टर के परामर्श के ना अपनांए।