यदि हड्डियों के दर्द की बात करें तो तमाम सर्वे बताते हैं कि, यूनानी चिकित्सा विधा मर्ज को जड़ से दूर करने में दुनिया का सबसे सटीक उपचार माध्यम है. आधुनिक युग में कई तरह के विकल्प कंधे दर्द में राहत देने के लिए मौजूद हैं लेकिन और माध्यम से उपचार करने से कई प्राकर के साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं. बदलते दौर में भागदौड़ की अधिकता के चलते इंसान रोबोट की तरह काम करने को मजबूर हो चुका है. खानपान और जीवनशैली में लगातार आ रहे बदलाव के चलते शरीर रोगों का घर बन चुका है.
दूषित खानपान के चलते हड्डियों में यूरिक एसिड जैसे कई गंदे तत्व जमने शुरू हो जाते हैं जिससे दर्द बढ़ जाता है. मसलन कंधे के दर्द के कई कारण हो सकते हैं. दर्द की वजह के रूप में खानपान में प्रदूषण के अलावा मोबाइल और कंप्यूटर पर देर तक बैठे रहने और देर तक ड्राइव करने, हार्मोनल विसंगतियां और पुरानी चोट भी इसका कारण बन जाता है. इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि यूनानी विधा से कंधे दर्द में किस तरह के फायदे और नुकसान होते हैं.
यूनानी से कंधे दर्द में फायदे
वैसे यूनानी नुस्खों वाली दवाओं का लाभ के सिवा नुकसान होते नही देखा गया है. ऐसी दवाइयां प्राचीनतम दुर्लभ जड़ी बूटियों द्वारा हर्बल नुस्खों पर आधारित होती हैं. कंधे में उठ रहे दर्द के लिए कुछ नुस्खे वाकई बेहद फायदा पहुंचाते हैं. इनमें कई तरह के माजूनों का प्रयोग करके दवा तैयार की जाती है. इस विधा में कच्चे हर्बल प्रोडक्ट्स जैसे असगन्द सुरनजान, खुलनजान, मेथी से दवाये तैयार कर सेवन करने की सलाह दी जाती है. सबसे ख्जास बात यह है कि इन दवाओं की मात्रा और सेवन करने की सटीक विधि से ही रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है. इन सब नुस्खों के अलावा यूनानी विधा में एक्यूप्रेशर माध्यम से खराब रक्त बाहर निकालकर भी मर्ज को दूर करने का काम किया जाता है. यूनानी चिकित्सक व्यायाम करने के साथ ही खानपान में सुधर करने की सलाह भी देते हैं. यूनानी विधा में दवा से भी ज्यादा जरूरी चीज होता है खानपान और जीवनशैली में सुधार. सबसे बड़ी बात इस उपचार की यह होती है कि इन दवाओं का किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नही होता. साइड इफेक्ट ना होने के कारण यह दवा सबसे सेफ मानी जाती है. हलांकि इस उपचार माध्यम को लम्बे समय तक अपनाने की जरूरत होती है तब जाकर मर्ज जड़ से समाप्त हो जाता है.
यूनानी दवा के नुकसान
साइड इफेक्ट ना होने के कारण वैसे तो इस तरह के उपचार माध्यमों का शरीर पर कोई बुरा असर नही पड़ता लेकिन इन दवाओं के इस्तेमाल से पहले कई चीजों पर गौर करने की जरूरत होती है. मसलन दवा के परयोग से पहले चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी होता है. उसी मर्ज की दवा का सेवन करें जिस मर्ज के लिए आपको हकीम द्वारा दवा प्रदान की गई हो. इसके अलावा ध्यान देने वाली बात होती है कि इन दवाओं के सेवन के समय खट्टी और लाल मिर्च वाली चीजों का सेवन ना के बराबर करें. यदि इस विधा के साथ परहेज ना अपनाया जाए तो दवा शरीर पर कम असर करती है.